वेतन भुगतान व अन्य सार्थक समस्याओं को लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ डुमराँव के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के पांचवे दिन भी कोई अधिकारी या संबंधित पदाधिकारी अनशन स्थल पर नही पहुचे। सरकार शिक्षकों व शिक्षा के प्रति उदासीन हैं। अनशन का नेतृत्व कर रहे बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ डुमराँव के अध्यक्ष मुक्तेश्वर प्रसाद ने कहा कि हमारा वेतन नहीं दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ हमारे साथ उदासीन रवैया अपनाया जा रहा है।
यह दिखाता है कि तीन माह का वेतन रोककर तथा हमारे संवैधानिक अधिकारों को कुचलकर हमको मानसिक तथा शारीरिक रूप से भूखो मारने की साजिश रची जा रही है। लेकिन हम विचलित नहीं होंगे हम अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए बलिदान होते हैं तो यह हमारा सौभाग्य होगा। अधिकारी की लड़ाई लड़ना हमारी सभ्यता और संस्कृति है अधिकार को पैरों तले रौंदते देखना हमारे देश को आजाद कराने वाले बलिदानियों का अपमान करना है।
इतना हीं नहीं डीईओ से अगर कोई समस्याओं के समाधान की बात करते हैं तो वे कहते हैं कि हमको हड़काने की बात करते हैं इतिहास में यह पहली घटना होगी जिसमें अधिकार माँगने पर समस्याओं के निराकरण की दिशा में पहल करने की बजाय शिक्षकों को हड़काने डराने की बात कही जाती है। शिक्षक नेता जय प्रकाश शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य दिनोंदिन गिरते जा रहा है। कड़ाके ठंढ तथा असुरक्षा का भय सता रहा है।
शाम पांच बजे केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए डीपीओ स्थापना तथा डीईओ अल्प समय के लिए आए। सामाधान की दिशा में कोई सार्थक बात करते नजर आए जिसे अनशनकारी शिक्षकों द्द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। इस दौरान एस सी एस टी प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष संतोष भारती, जिला राजद मीडिया प्रभारी हरेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से नेता विपक्ष बिहार विधानसभा तेजस्वी प्रसाद यादव को सुपूर्द किया गया।
डुमराँव राजद अध्यक्ष मनोज कुमार तथा पांचवे दिन कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक नेता जय प्रकाश शर्मा तथा संचालन अनिल कुमार चंद्रवंशी द्वारा किया गया। अनशन के दौरान शिक्षक नेता अमितेश कुमार, धनजी सिंह, विमल कुमार सिंह , अजीत कुमार सिंह, राजेश शर्मा जितेन्द्र राम, विजय पांडेय, अभय कुमार , अनिल कुमार अनशनकारी शिक्षकों का मनोबल बढ़ाने के लिए मौजूद रहे।