पाठ्य पुस्तकों के कठिन मुद्दे शिक्षकों के लिए समस्या बन गए हैं। इस समस्या के समाधान को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर हुआ है। नए शिक्षण पाठों पर समझ बनाने के लिए बड़ी योजना पर काम किया जा रहा है। शिक्षकों को अलग-अलग वर्गों में बांटकर उन्हें सेवाकालीन प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है। इसके लिए कक्षा के हिसाब से शिक्षकों की समिति बनाई गई है।
शिक्षा विभाग के शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. विनोदानंद झा का कहना है कि शिक्षकों में शिक्षण कौशल और नए शिक्षण पाठों पर समझ बनाने के लिए एवं पाठ्य पुस्तकों के कठिन मुद्दों पर स्पष्टता के लिए विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक हो गया है।
66 केंद्रों में प्रशिक्षण
डॉ.
विनोदानंद झा का कहना है कि बिहार में बड़ी संख्या में शिक्षक नियुक्त होकर
कक्षा एक से 12 के छात्रों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। इनके प्रशिक्षण की
व्यवस्था के लिए 66 प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं। सभी कार्यरत शिक्षक
प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण लेंगे। सरकारी शिक्षक संस्थानों का
दायित्व होगा कि निर्धारित समय सीमा में शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण
उपलब्ध कराएं। इसके लिए समिति का भी गठन किया गया है। इसमें कक्षा 9 से 12
और कक्षा 1 से 8 तक 6-6 सदस्यों की टीम बनाई गई है। एक माह के अंदर
प्रशिक्षण पूरा करने को कहा गया है।