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दो शिक्षकों के भरोसे 562 छात्र-छात्राओं का भविष्य

 किशनगंज। पोठिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कालियागंज तैयबपूर को 2012 में मध्य विद्यालय से अपग्रेड कर हाई स्कूल का दर्जा दिया गया। लेकिन आठ वर्ष के लंबे अंतराल बाद भी विद्यालय में मात्र दो ही शिक्षक पदस्थापित हैं। जिनके भरोसे हाई स्कूल में नामांकित 562 छात्र-छात्राओं का भविष्य है। जिसमें नवमी कक्षा में 314 व दशवीं में 248 छात्र हैं। हाई स्कूल में औसतन प्रतिदिन 275 छात्र उपस्थित होते हैं। ऐसे में सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना बेमानी होगी।

विद्यालय में स्मार्ट क्लास का नियमित रूप से संचालन हो रहा है। बिजली, पानी की व्यवस्था है। मध्य विद्यालय और हाई स्कूल में कुल 1162 छात्र-छात्राएं नामांकित होने के बावजूद शौचालय की हालत काफी जर्जर हो चुका है, जो अब उपयोग के लायक नहीं है। हाई स्कूल में वर्ग संचालन के लिए भवन जरूर बनाया दिया गया है लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए विषयवार शिक्षकों की बहाली नहीं हो पाई है। शिक्षक एवं संसाधनों की कमी के कारण बच्चों को कंप्यूटर क्लास का लाभ भी नहीं मिल रहा है। छात्र कोचिग या ट्यूशन पढ़ने को विवश हैं।

स्थानीय सरपंच रूहुल अमीन, पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि अबजलुल बशर, वार्ड सदस्य गौतम कुमार यादव, जाहिदुर्रहमान, मु. मंसूर आलम आदि ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों का नामांकन सरकारी विद्यालय में जरूर है। लेकिन शिक्षकों की कमी शिक्षा विभाग के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पोल खोलने को काफी है। बच्चों को मजबूरन प्राइवेट कोचिग में प्रतिमाह पांच-छह सौ रुपये ट्यूशन फीस देकर कोर्स पूरा करना पड़ रहा है। खासकर गरीब अभिभावकों के लिए यह परेशानी का सबब है।

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प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद कुमार गुप्ता ने बताया कि हमारा पदस्थापना मध्य विद्यालय में है। उच्च विद्यालय की भी जिम्मेदारी हमें विभाग के द्वारा दिया गया है। विद्यालय को 2012 में अपग्रेडक किया गया है। हाईस्कूल के लिए मात्र दो शिक्षक हैं। जिसमें से एक को प्रखंड शिक्षक नियोजन ईकाई में तो दूसरे को उच्च विद्यालय आजादनगर छत्तरगाछ में विशेष वर्ग की संचालन के लिए विभाग द्वारा प्रतिनियुक्त कर दिया गया है। हाई स्कूल में पदास्थापित शिक्षक के द्वारा नियमित रूप से स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाया जाता है। मध्य विद्यालय में भी शिक्षकों की कमी है। बच्चों के अनुपात में यहां भी शिक्षकों की कमी है। चारदीवारी की ऊंचाई काफी कम होने तथा गेट नहीं लगने से असमाजिक तत्वों के द्वारा पौधों को नुकसान पहुंचाया जाता है। 

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