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आंदाेलन:चार महीनाें से वेतन का भुगतान लंबित रहने पर शिक्षकों में बढ़ रहा है आक्रोश

 पिछले चार महीने से वेतन भुगतान से वंचित प्रखंड के प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उपर से इस त्योहारी सीजन में सामाजिक मान्यताओं के अनुरूप होने वाले खर्चों को लेकर

उनके समक्ष परेशानी ही परेशानी है। बाल बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर पारिवारिक जरूरतों काे पूरा करना असंभव हो गया है। मामले का अविश्वसनीय पहलू तो यह भी है कि इस वर्ष होली, दिवाली, दुर्गा पूजा, काली पूजा, छठ, ईद और बकरीद किसी भी त्योहार में शिक्षकों को वेतन नहीं मिल पाया है। इसको लेकर शिक्षकों व शिक्षक संघ में आक्रोश पनप रहा है। शिक्षक संघ से जुड़े कई लोगों ने बताया है कि कोराना का समय हो या चुनाव का, जनगणना हो या पशु गणना, सभी में शिक्षक वरीय अधिकारियों के निर्देशों के अनुरूप काम करते रहे हैं।

परंतु उन्हें समय पर वेतन मिल पाए, इसकी चिंता किसी को नहीं है। शिक्षकों ने ससमय वेतन भुगतान में परेशानी के लिए शिक्षा विभाग और वित्त विभाग के पदाधिकारियों के मनमानी रवैये को जिम्मेवार ठहराया है। कहा कि प्रखंड के करीब 600 नियोजित व 150 नियमित शिक्षक लगातार चार महीने से वेतन से वंचित हैं। शिक्षक संघ के नेताओं ने बताया है कि कोराना प्रोटोकॉल के अनुपालन का फायदा जिला और राज्य के वरीय अधिकारी बखूबी उठाकर वेतन भुगतान हेतु शिक्षकों को प्रताड़ित करने में लगे हैं। अगर शीघ्र वेतन का भुगतान नहीं होता है तो एक बार फिर से शिक्षक आंदोलन का रास्ता चुना जाएगा। वहीं, इसकी सारी जवाबदेही अधिकारियों की होगी।

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