पटना : प्रदेश के नये शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने कहा है कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को और प्रभावी किया जायेगा. उन्होंने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अपनायी जा रही
परंपरागत प्रक्रिया के अलावा उसमें कुछ व्यावहारिक टेस्ट भी जोड़े जाने की जरूरत है. कहा कि टीचर्स के पास तमाम शैक्षणिक योग्यता के रिकाॅर्ड होने के बाद भी वह पढ़ाने में कितने दक्ष होंगे? इसे परखने के लिए उनके पर्सनैल्टी टेस्ट की प्रक्रिया भी होनी चाहिए.शिक्षा मंत्री की पांच प्राथमिकताएं
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: इस दिशा में विशेष तौर पर शिक्षकों की क्वालिटी सुधारने पर फोकस होगा. उन्हें बेहतर ट्रेनिंग दिलायी जायेंगी.
गुणवत्तापूर्ण आधारभूत संरचना: बेहतर माहौल में पढ़ाई हो, इसके लिए बिहार के स्कूलों में शानदार इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा.
प्राइमरी शिक्षा की मजबूती: इसके लिए विशेष प्लान बनाया जायेगा. उसकी मजबूती से ही शिक्षा का संतुलित विकास होगा.
हायर एजुकेशन पर फोकस: रिसर्च एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का माहौल विकास के लिए बनेगी कार्य योजना
नियमितता: शैक्षणिक और एक्जाम कैलेंडर में नियमित बनाने के लिए बनेगी कार्य योजना
शिक्षा मंत्री चौधरी ने कहा कि कागजी प्रक्रिया पूरी करने के लिए सरकारी सिस्टम है. मैं फील्ड में जाकर देखूंगा कि स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई की स्थिति क्या है? विश्वविद्यालयों में अनुसंधान की गुणवत्ता एवं नियमित क्लास संचालन की दिशा में बेहतरी लाने के लिए वह कुलपतियों के साथ सीधा संवाद करेंगे.
उन्होंने कहा कि बेहतर उच्च शिक्षा ही बिहार की विभिन्न समस्याओं के समाधान में सक्षम हो सकेगी. उन्होंने दावा किया कि शिक्षा विभाग में पारदर्शिता के लिए जरूरी सारे उपाय किये जायेंगे.