पटना. नवंबर से राज्य के साढ़े चार लाख शिक्षकों के खाते में सीधे
वेतन की राशि जाएगी। अक्टूबर तक पुरानी व्यवस्था के तहत प्रखंड शिक्षा
पदाधिकारी और स्कूलों के प्रधानाचार्य डीडीओ बने रहेंगे।
शिक्षा और वित्त विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। इसके पहले विभिन्न प्रमंडलों के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों, डीपीओ (स्थापना) और डीपीओ (योजना व लेखा) के साथ जिला शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्य को प्रशिक्षण शिक्षकों के खाते में सीधे राशि भेजने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। डीडीओ के डिजिटल हस्ताक्षर से ही शिक्षकों के बैंक खाते में सीधे वेतन राशि जाएगी।
शिक्षा विभाग ने संबंधित डीडीओ से कहा कि आने वाले दिनों में जब नई व्यवस्था लागू होगी तो पूरी सावधानी के साथ सही शिक्षकों का पहचान कर डिजिटल सिग्नेचर करें, ताकि किसी गलत व्यक्ति के खाते में राशि न जाए। हालांकि, इसकी दो स्तरों पर जांच भी होगी। पहले शिक्षक को वेतन जाने के पहले उनसे ओटीपी नंबर मांगने की बात हो रही थी। लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया है।
डीडीओ को दिया गया प्रशिक्षण
शिक्षा सचिव आरएल चोंगथू ने अधिकारियों से कहा कि समय पर सभी शिक्षकों के खाते में वेतन राशि भेजना सरकार की प्राथमिकता है। बिना देर किए तकनीकी सुविधा से राशि भेजने के लिए नया प्रावधान किया जा रहा है। पूरी व्यवस्था को आसान बनाने पर जोर है। डीडीओ को सीएफएमएस (कंप्रहेंसिव फंड मैनेजमेंट सिस्टम) की जानकारी दी जा चुकी है। उन्हें बताया गया है कि कैसे ऑफिस सिस्टम को ठीक करेंगे। अधिकारियों को फिर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी कैसे लेनी है।
पहले जून में होना था लागू
अधिकारियों को बताया गया कि शिक्षा विभाग ने नवंबर से सीएफएमएस पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा है। पहले इसे जून से ही लागू किया जाना था। विभाग ने मई तक प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को डीडीओ बनाए रखने का आदेश जारी किया था। बाद में नई व्यवस्था लागू होने तक पुराने करीब 4 हजार प्रधानाचार्य और बीईओ को डीडीओ बने रहने का आदेश दिया गया है। निदेशक प्रशासन सुशील कुमार ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा था। नवंबर से राज्य में शिक्षकों के वेतन निकासी के लिए लगभग 4 हजार प्रधानाध्यापक डीडीओ से मुक्त हो जाएंगे।
हाजिरी के आधार पर राशि
वर्तमान में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी या संबंधित स्कूल के वरीय हेडमास्टर, जो डीडीओ हैं, उनके माध्यम से वेतन दिया जाता है। उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के माध्यम से दिया जाता है। नई व्यवस्था में डीपीओ (स्थापना) डीडीई होंगे, जिनके माध्यम से शिक्षकों के खाते में सीधे राशि जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी संबंधी रिपोर्ट बीईओ के माध्यम से जिला में मंगवा लिया जाएगा।
शिक्षा और वित्त विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। इसके पहले विभिन्न प्रमंडलों के सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों, डीपीओ (स्थापना) और डीपीओ (योजना व लेखा) के साथ जिला शिक्षा प्रशिक्षण महाविद्यालयों के प्राचार्य को प्रशिक्षण शिक्षकों के खाते में सीधे राशि भेजने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। डीडीओ के डिजिटल हस्ताक्षर से ही शिक्षकों के बैंक खाते में सीधे वेतन राशि जाएगी।
शिक्षा विभाग ने संबंधित डीडीओ से कहा कि आने वाले दिनों में जब नई व्यवस्था लागू होगी तो पूरी सावधानी के साथ सही शिक्षकों का पहचान कर डिजिटल सिग्नेचर करें, ताकि किसी गलत व्यक्ति के खाते में राशि न जाए। हालांकि, इसकी दो स्तरों पर जांच भी होगी। पहले शिक्षक को वेतन जाने के पहले उनसे ओटीपी नंबर मांगने की बात हो रही थी। लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया है।
डीडीओ को दिया गया प्रशिक्षण
शिक्षा सचिव आरएल चोंगथू ने अधिकारियों से कहा कि समय पर सभी शिक्षकों के खाते में वेतन राशि भेजना सरकार की प्राथमिकता है। बिना देर किए तकनीकी सुविधा से राशि भेजने के लिए नया प्रावधान किया जा रहा है। पूरी व्यवस्था को आसान बनाने पर जोर है। डीडीओ को सीएफएमएस (कंप्रहेंसिव फंड मैनेजमेंट सिस्टम) की जानकारी दी जा चुकी है। उन्हें बताया गया है कि कैसे ऑफिस सिस्टम को ठीक करेंगे। अधिकारियों को फिर प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी कैसे लेनी है।
पहले जून में होना था लागू
अधिकारियों को बताया गया कि शिक्षा विभाग ने नवंबर से सीएफएमएस पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य रखा है। पहले इसे जून से ही लागू किया जाना था। विभाग ने मई तक प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को डीडीओ बनाए रखने का आदेश जारी किया था। बाद में नई व्यवस्था लागू होने तक पुराने करीब 4 हजार प्रधानाचार्य और बीईओ को डीडीओ बने रहने का आदेश दिया गया है। निदेशक प्रशासन सुशील कुमार ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजा था। नवंबर से राज्य में शिक्षकों के वेतन निकासी के लिए लगभग 4 हजार प्रधानाध्यापक डीडीओ से मुक्त हो जाएंगे।
हाजिरी के आधार पर राशि
वर्तमान में प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के शिक्षकों के वेतन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी या संबंधित स्कूल के वरीय हेडमास्टर, जो डीडीओ हैं, उनके माध्यम से वेतन दिया जाता है। उच्च और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के माध्यम से दिया जाता है। नई व्यवस्था में डीपीओ (स्थापना) डीडीई होंगे, जिनके माध्यम से शिक्षकों के खाते में सीधे राशि जाएगी। स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी संबंधी रिपोर्ट बीईओ के माध्यम से जिला में मंगवा लिया जाएगा।