जबकि छात्र-छात्रा अचानक विद्यालय में सभी शिक्षकों के रहने पर गदगद रहे, कि आज उन्हें पूरे दिन पढ़ने का मौका मिलेगा। लेकिन छात्रों की खुशी बहुत कम समय तक ही रही। जैसे ही अधिकारी विद्यालय से निकले, उसके कुछ समय बाद कई शिक्षक अपने-अपने निजी काम को ले रुख्सत हो गए। मौका था शिक्षा विभाग द्वारा उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों की जांच के लिए चलाए गए राज्यव्यापी निरीक्षण का।
अभियान के तहत माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जिले के छह विद्यालयों को तय कर उसकी सूची अधिकारी को सौंपी थी। जिसमें डीईओ महेंद्र पोद्दार को चेनारी के गंगोत्री प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय, डीपीओ माध्यमिक शिक्षा को इसी प्रखंड के सर्वोदय उच्च विद्यालय सरैयां, डीपीओ स्थापना देवेश चौधरी को प्रोजेक्ट विद्यालय संझौली, डीपीओ लेखा व योजना सुमन शर्मा को उच्च विद्यालय कोचस, डीपीओ एमडीएम मो. सईद अंसारी को एसएसडी हाई स्कूल अमौना व डीपीओ सर्व शिक्षा को वाई परशुराम हाई स्कूल छुलकार का जिम्मा दिया गया था। विद्यालय में कुछ खामियों को छोड़ अन्य सभी व्यवस्था ठीक ठाक होने की बात अधिकारियों ने बताई। कहा कि विद्यालय में सभी शिक्षक उपस्थित पाए गए। शिक्षण कार्य भी सही ढंग से चलते हुए पाया गया। जो कुछ भी खामियां पाई गई, उसे दुरुस्त करने का निर्देश हेडमास्टरों को दिया गया। कुछ अधिकारी शत-फीसद शिक्षकों की उपस्थिति देख दंग भी रहने की बात कही। डीपीओ माध्यमिक शिक्षा की माने तो उनके निरीक्षण का पता शायद शिक्षकों को चल गया था, इसलिए सभी शिक्षक स्कूल में पाए गए। कहा कि सरैया स्कूल में एक ही कमरा में एक से अधिक सेक्शन के छात्रों को बैठा कर पढ़ाया जा रहा था। प्रधानाध्यापक को अलग-अलग कक्षा में सेक्शन चलाने का निर्देश दिया गया।
गौरतलब है कि उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षणिक स्थिति जानने को ले गोपनीय अभियान चलाने का निर्णय एक दिन पूर्व लिया गया था। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जांच अधिकारियों को अभियान को पूरी तरह से गोपनीय रखने का निर्देश दिया था। अधिकारी को विद्यालय खुलने से 15 मिनट पहले संबंधित विद्यालय में पहुंचना था व विद्यालय बंद होने के बाद उन्हें वापस लौट कर शाम छह बजे तक निदेशालय को रिपोर्ट करना था। जांच अधिकारी को हर हाल में प्रार्थना सत्र में शामिल रहने का निर्देश दिया गया था, लेकिन कुछ अधिकारी जांच के नाम पर कोरम पूरा कर आगे की ओर बढ़ते रहे। यहां तक कि सूची से अलग हट दूसरे विद्यालय का निरीक्षण करने का कार्य किया गया।