मुजफ्फरपुर : बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की पहल पर राज्य के सरकारी
स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है. डाटा तैयार
होने के बाद मुख्यालय से ही शिक्षकों का बॉयोडाटा खंगाला जा
सकेगा. इसके लिये सभी स्कूलों के हेडमास्टरों से शिक्षकों का डाटा मांगा गया है. परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने सभी डीइओ को पत्र भेजकर 20 जनवरी तक प्रखंड शैक्षणिक आंकड़ा प्रबंधन केंद्र (बीइडीएमसी) के माध्यम से शिक्षकों का डाटा अपडेट कराने को कहा है. बताया है कि 28 फरवरी तक राज्य स्तर पर डाटाबेस तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
सकेगा. इसके लिये सभी स्कूलों के हेडमास्टरों से शिक्षकों का डाटा मांगा गया है. परिषद के राज्य परियोजना निदेशक ने सभी डीइओ को पत्र भेजकर 20 जनवरी तक प्रखंड शैक्षणिक आंकड़ा प्रबंधन केंद्र (बीइडीएमसी) के माध्यम से शिक्षकों का डाटा अपडेट कराने को कहा है. बताया है कि 28 फरवरी तक राज्य स्तर पर डाटाबेस तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.
डाटा में होगी 11 जानकारी : नाम, शिक्षक का प्रकार, जन्मतिथि,
लिंग, कोटि, योगदान की तिथि, पिता/ पति का नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर,
बैंक एकाउंट नंबर व बैंक का आइएफएससी कोड.
यू-डायस में 19% शिक्षकों ने दिया आधार नंबर
सरकारी स्कूलों के शिक्षक आधार नंबर सार्वजनिक करने में हिचकते हैं.
वर्ष 2016-17 के यू-डायस में केवल 19 प्रतिशत शिक्षकों ने ही आधार नंबर
दिया है, जबकि लगभग सभी शिक्षकों के पास आधार उपलब्ध है.
यू-डायस फॉर्मेट में शिक्षकों के विवरण के सामने आधार नंबर का कॉलम
भी बना है, लेकिन इसे खाली छोड़ दिया गया. इसको देखते हुए ही बीइपीसी ने
अलग से डाटाबेस तैयार करने का निर्णय लिया है. राज्य परियोजना निदेशक ने
कहा है कि वर्ष 2017-18 का यू-डायस तैयार करते समय इस बात का भी ध्यान रखा
जाए कि शिक्षकों के विवरण का कॉलम पूरा भरा हो.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की पहल
सभी जिलों से मांगी गयी स्कूलवार रिपोर्ट