पटना। बिहार में नियोजित शिक्षकों के वेतनमान के मुद्दे को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियोजित शिक्षकों को वेतनमान को सुन कर भड़क गए और मुख्य न्यायाधीश सरकार के रवैये से खासे नाराज दिखे।
बिहार के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षक वेतनमान की लड़ाई लड़ रहे हैं। नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। शिक्षकों ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन के कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। सरकार की ओर से जब नियोजित शिक्षकों के वेतनमान को लेकर अपना पक्ष रखा गया तो मुख्य न्यायाधीश भड़क गए।
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मुख्य न्यायाधीश शिक्षकों के वेतनमान के स्लैब को सुनकर आश्चर्यचकित रह गए। मुख्य न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए सोमवार को फिर से सरकार को तलब किया हैI गौरतलब है कि नियोजित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में पटना उच्च न्यायालय में बराबर काम के लिए बराबर वेतन को लेकर याचिका दायर कर रखा है।
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गौरतलब है कि सरकार नियोजित अप्रशिक्षित शिक्षकों को 13 से 14 हजार के बीच वेतन देती है। वहीं, प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को 17 से 19 हजार वेतन देती है।
बिहार के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षक वेतनमान की लड़ाई लड़ रहे हैं। नियोजित शिक्षकों की मांग है कि उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाए। शिक्षकों ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन के कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। सरकार की ओर से जब नियोजित शिक्षकों के वेतनमान को लेकर अपना पक्ष रखा गया तो मुख्य न्यायाधीश भड़क गए।
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