जहानाबाद। प्रखंड क्षेत्र के प्लस टू उच्च विद्यालय टेहटा में शिक्षकों
की कमी के कारण पठन पाठन का कार्य बाधित हो रहा है। प्लस टू में संगीत,
हिन्दी और जंतु विज्ञान के शिक्षक को छोड़ अन्य किसी भी विषय के शिक्षक
पदस्थापित नहीं हैं।
हालांकि विद्यालय में विज्ञान और कला संकाय को मिलाकर 250 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। लेकिन शिक्षक नहीं रहने के कारण इन छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाओं का संचालन नही हो पाता है। परिणामस्वरूप पढ़ाई के लिए यहां के छात्र-छात्राएं को¨चग या ट्यूशन पर ही निर्भर हैं। माध्यमिक कक्षाओं में 11 शिक्षक पदस्थापित है। संस्कृत और उर्दू विषय को छोड़कर अन्य सभी विषय के शिक्षक मौजूद हैं। माध्यमिक में 1950 बच्चे नामांकित हैं। इन बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हालांकि विद्यालय में कम्प्यूटर उपलब्ध है लेकिन दक्ष्य शिक्षकों के अभाव के कारण इसकी कक्षा संचालित नहीं हो पा रही है। कक्षाओं के संचालन में कमरे की कमी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। विद्यालय में मात्र नौ कमरे हैं जो छात्र-छात्राओं की संख्या की तुलना में पर्याप्त नहीं है। परिणामस्वरूप खंड में बांटकर कक्षाओं का संचालन नहीं हो पाता है। यहां प्रयोगशाला की व्यवस्था जरूर है लेकिन माइक्रोस्कोप समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्रायोगिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। विद्यालय में पठन पाठन के साथ-साथ खेलकूद की गतिविधि भी गुणवतापूर्ण तरीके से संचालित नहीं हो रहा है। बच्चों में खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने की चाहत रहती है लेकिन इसका नियमित अभ्यास विद्यालय की ओर से नहीं कराया जाता है। इतना ही नहीं इस भीषण गर्मी में भी छात्र-छात्राओं को पंखे की हवा नहीं मिल पा रही है। जिससे कमरे के अंदर उमस बनी रहती है। हालांकि यहां पुस्तकालय की स्थिति संतोषजनक है। यह विद्यालय इलाके में प्राचीन समय से शिक्षा का अलख जगाता आ रहा है। इसका भूत काफी उज्जवल रहा है। यहां से पढ़कर जाने वाले कई छात्र-छात्राएं ऊंचे ओहदे पर आसीन होकर इस इलाके को गौरवान्वित करते रहे हैं। लेकिन व्यवस्था की बदहाली विद्यालय के वर्तमान को सही दिशा नहीं दे पा रहा है।
सुनें छात्र-छात्राओं की
विद्यालय में कम्प्यूटर तो देखने को मिलता है लेकिन इसका लाभ हमलोगों को कभी नहीं मिल पा रहा है। प्राधानाध्यापक से शिकायत करने पर शिक्षक उपलब्ध नहीं रहने की बात कह टाल दिया जाता है।
मुन्नु कुमार
फोटो-42
हमलोग खेलकूद की गतिविधियों में भाग नहीं ले पाते हैं। विद्यालय में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे इस क्षेत्र में हमलोगों की प्रतिभा दबती जा रही है।
प्रियांशु कुमार
फोटो-43
कक्षा में पंखे नहीं हैं। जिसके कारण गर्मी में बैठकर पढ़ाई करना काफी कष्टदायक हो रहा है। इस भीषण गर्मी में पठन पाठन का माहौल संभव नहीं है।
अनु कुमारी
फोटो- 44
पुस्तकालय से पुस्तकें तो मिल जाती है लेकिन विज्ञान विषय की प्रायोगिक शिक्षा नियमित संचालित नहीं होती है। जिससे हमलोगों को विषय वस्तु को समझने में समस्या होती है।
तनु कुमारी
फोटो- 45
सुनें प्रभारी प्रधानाध्यापक की
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में हम लगे रहते हैं। शिक्षकों की कमी जरूर है जिसकी शिकायत विभाग से भी की गई है। वहां से आश्वासन मिला है कि जल्द ही सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा।
रामाकांत प्रसाद
फोटो-41
हालांकि विद्यालय में विज्ञान और कला संकाय को मिलाकर 250 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। लेकिन शिक्षक नहीं रहने के कारण इन छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाओं का संचालन नही हो पाता है। परिणामस्वरूप पढ़ाई के लिए यहां के छात्र-छात्राएं को¨चग या ट्यूशन पर ही निर्भर हैं। माध्यमिक कक्षाओं में 11 शिक्षक पदस्थापित है। संस्कृत और उर्दू विषय को छोड़कर अन्य सभी विषय के शिक्षक मौजूद हैं। माध्यमिक में 1950 बच्चे नामांकित हैं। इन बच्चों को कम्प्यूटर की शिक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हालांकि विद्यालय में कम्प्यूटर उपलब्ध है लेकिन दक्ष्य शिक्षकों के अभाव के कारण इसकी कक्षा संचालित नहीं हो पा रही है। कक्षाओं के संचालन में कमरे की कमी भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। विद्यालय में मात्र नौ कमरे हैं जो छात्र-छात्राओं की संख्या की तुलना में पर्याप्त नहीं है। परिणामस्वरूप खंड में बांटकर कक्षाओं का संचालन नहीं हो पाता है। यहां प्रयोगशाला की व्यवस्था जरूर है लेकिन माइक्रोस्कोप समेत कई महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण प्रायोगिक शिक्षा नहीं मिल पा रही है। विद्यालय में पठन पाठन के साथ-साथ खेलकूद की गतिविधि भी गुणवतापूर्ण तरीके से संचालित नहीं हो रहा है। बच्चों में खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने की चाहत रहती है लेकिन इसका नियमित अभ्यास विद्यालय की ओर से नहीं कराया जाता है। इतना ही नहीं इस भीषण गर्मी में भी छात्र-छात्राओं को पंखे की हवा नहीं मिल पा रही है। जिससे कमरे के अंदर उमस बनी रहती है। हालांकि यहां पुस्तकालय की स्थिति संतोषजनक है। यह विद्यालय इलाके में प्राचीन समय से शिक्षा का अलख जगाता आ रहा है। इसका भूत काफी उज्जवल रहा है। यहां से पढ़कर जाने वाले कई छात्र-छात्राएं ऊंचे ओहदे पर आसीन होकर इस इलाके को गौरवान्वित करते रहे हैं। लेकिन व्यवस्था की बदहाली विद्यालय के वर्तमान को सही दिशा नहीं दे पा रहा है।
सुनें छात्र-छात्राओं की
विद्यालय में कम्प्यूटर तो देखने को मिलता है लेकिन इसका लाभ हमलोगों को कभी नहीं मिल पा रहा है। प्राधानाध्यापक से शिकायत करने पर शिक्षक उपलब्ध नहीं रहने की बात कह टाल दिया जाता है।
मुन्नु कुमार
फोटो-42
हमलोग खेलकूद की गतिविधियों में भाग नहीं ले पाते हैं। विद्यालय में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिससे इस क्षेत्र में हमलोगों की प्रतिभा दबती जा रही है।
प्रियांशु कुमार
फोटो-43
कक्षा में पंखे नहीं हैं। जिसके कारण गर्मी में बैठकर पढ़ाई करना काफी कष्टदायक हो रहा है। इस भीषण गर्मी में पठन पाठन का माहौल संभव नहीं है।
अनु कुमारी
फोटो- 44
पुस्तकालय से पुस्तकें तो मिल जाती है लेकिन विज्ञान विषय की प्रायोगिक शिक्षा नियमित संचालित नहीं होती है। जिससे हमलोगों को विषय वस्तु को समझने में समस्या होती है।
तनु कुमारी
फोटो- 45
सुनें प्रभारी प्रधानाध्यापक की
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में हम लगे रहते हैं। शिक्षकों की कमी जरूर है जिसकी शिकायत विभाग से भी की गई है। वहां से आश्वासन मिला है कि जल्द ही सभी समस्याओं का निदान हो जाएगा।
रामाकांत प्रसाद
फोटो-41