Advertisement

छह शिक्षकों के सहारे 16 सौ छात्र-छात्राओं का भविष्य

 गढ़पुरा (बेगूसराय) : उच्च विद्यालयों में दशकों से शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है। इसको लेकर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यही कारण है कि मैट्रिक का रिजल्ट इतना बदतर स्थिति में पहुंच गया है।
जब विद्यालय में शिक्षक होंगे ही नहीं तो पढ़ाई कैसे होगी। यह सहजता से समझा जा सकता है। गढ़पुरा प्रखंड मुख्यालय स्थित महंत सुखराम दास उच्च विद्यालय पर एक नजर डालें तो सारी वस्तुस्थिति से अवगत हो जाएंगे। यहां लगभग 16 सौ से अधिक छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। जिन्हें पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक एवं एक प्रधानाध्यापक हैं। इस उच्च विद्यालय में अष्टम वर्ग से लेकर दशम वर्ग तक पढ़ाई की व्यवस्था है।

जानकारी के मुताबिक इस विद्यालय में पूर्व से स्वीकृत शिक्षकों के पद में 10-एक के स्वीकृत पद हैं। उस स्थान पर प्रधानाचार्य सहित छह शिक्षक काम कर रहे हैं। जिसमें गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं खेल के शिक्षक शामिल हैं। जबकि पांच रिक्त शिक्षकों के पद में ¨हदी, अंग्रेजी, गणित, उर्दू आदि विषय के हैं। बताया गया कि इस उच्च विद्यालय को अपग्रेड करते हुए प्लस टू का दर्जा वर्ष 2007 में मिला था। परंतु, शिक्षक की नियुक्ति नहीं किए जाने से अब तक इस विद्यालय में 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई के लिए नामांकन की शुरुआत भी नहीं हो पाई है। हालांकि विगत पांच वर्ष पूर्व प्लस टू के लिए भवन का निर्माण भी किया जा चुका है। परंतु, शिक्षक के अभाव में प्लस टू की पढ़ाई नहीं शुरू हो पाई है। यहां आठवीं, नौवीं एवं दसवीं की पढ़ाई के लिए शिक्षकों का घोर अभाव है। छात्र-छात्राएं किसी तरह टयूशन कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब मुंगेर जिला हुआ करता था, उस समय महंत सुखराम दास उच्च विद्यालय गढ़पुरा का पढ़ाई से लेकर अनुशासन के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा थी। आज इस विद्यालय की दशा देखी नहीं जा रही है। शिक्षा विभाग की नीति के मुताबिक इस उच्च विद्यालय में छात्र बल के अनुसार 40 से अधिक शिक्षकों की जरूरत है। उस जगह प्रधानाध्यापक समेत मात्र छह शिक्षक कार्यरत हैं।

UPTET news

Blogger templates