बोखड़ा : प्रतिनियोजन रद्द होने के बावजूद एक शिक्षक व शिक्षिका के मूल
विद्यालय में नहीं लौटने के मामले में डीइओ ने जहां बोखड़ा बीइओ को
जिम्मेदार करार देते हुए बीइओ के वेतन पर रोक लगा दी है.
वहीं बोखड़ा प्रखंड के मवि धांधी के सहायक शिक्षिका सुनीता कुमारी व चंदन कुमार के अलावा डुमरा प्रखंड के मवि पकड़ी के एचएम के वेतन पर रोक लगाते हुए चारों को स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा है. वहीं शिक्षक चंदन कुमार व शिक्षिका सुनीता कुमारी को अविलंब अपने मूल स्कूल मवि धांधी में योगदान का आदेश दिया है. बताते चले की मवि धांधी के सहायक शिक्षक चंदन कुमार व
सुनीता कुमारी लंबे समय से प्रतिनियोजन का लाभ उठा रहे थे. दोनों का प्रतिनियोजन डुमरा प्रखंड के मवि पकड़ी में किया गया था. सरकार के आदेश के आलोक में डीइओ ने सभी बीइओ को शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द करने का आदेश दिया था. इसके आलोक में सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया गया. वहीं मूल विद्यालय में योगदान का आदेश दिया गया. लेकिन चंदन कुमार व सुनीता कुमारी पूर्ववत प्रतिनियोजित स्कूल में जमे रहे. इसी बीच मामला जिला लोक शिकायत निवारण में पहुंच गया. मामले की जांच में पाया गया की मवि पकड़ी के एचएम ने दोनों को विरमित नहीं किया. वहीं बीइओ बोखड़ा ने भी कोई एक्शन नहीं लिया. जांच रिपोर्ट में बीइओ व एचएम की मिलीभगत उजागर होने के बाद डीइओ ने यह कार्रवाई की है.
वहीं बोखड़ा प्रखंड के मवि धांधी के सहायक शिक्षिका सुनीता कुमारी व चंदन कुमार के अलावा डुमरा प्रखंड के मवि पकड़ी के एचएम के वेतन पर रोक लगाते हुए चारों को स्पष्टीकरण जारी कर जवाब मांगा है. वहीं शिक्षक चंदन कुमार व शिक्षिका सुनीता कुमारी को अविलंब अपने मूल स्कूल मवि धांधी में योगदान का आदेश दिया है. बताते चले की मवि धांधी के सहायक शिक्षक चंदन कुमार व
सुनीता कुमारी लंबे समय से प्रतिनियोजन का लाभ उठा रहे थे. दोनों का प्रतिनियोजन डुमरा प्रखंड के मवि पकड़ी में किया गया था. सरकार के आदेश के आलोक में डीइओ ने सभी बीइओ को शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द करने का आदेश दिया था. इसके आलोक में सभी शिक्षकों का प्रतिनियोजन रद्द कर दिया गया. वहीं मूल विद्यालय में योगदान का आदेश दिया गया. लेकिन चंदन कुमार व सुनीता कुमारी पूर्ववत प्रतिनियोजित स्कूल में जमे रहे. इसी बीच मामला जिला लोक शिकायत निवारण में पहुंच गया. मामले की जांच में पाया गया की मवि पकड़ी के एचएम ने दोनों को विरमित नहीं किया. वहीं बीइओ बोखड़ा ने भी कोई एक्शन नहीं लिया. जांच रिपोर्ट में बीइओ व एचएम की मिलीभगत उजागर होने के बाद डीइओ ने यह कार्रवाई की है.