अररिया : जिले के माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति काफी खराब है. सरकार ने
छात्रों की संख्या को देखते हुए विद्यालयों की संख्या में वृद्धि तो कर दी
है. परंतु अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक नहीं है, तथा न ही कोई संसाधन ही
उपलब्ध कराया गया.
बिना शिक्षक के छात्र पढ़ाई कर अपने भरोसे परीक्षा में उत्तीर्ण
हो रहे हैं. जिले में कुल 140 माध्यमिक विद्यालय है. इनमें 40 विद्यालय
पुराने हैं. शेष 100 माध्यमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय से उत्क्रमित किया
गया है. तीन योजनाओं से मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर माध्यमिक विद्यालय
बनाया गया है. एमएसडीपी योजना अंतर्गत 20, आरएमएसए योजना से 29 तथा बिहार
सरकार द्वारा 51 विद्यालयों को अपग्रेड किया गया है. इन 140 माध्यमिक
विद्यालय में जिले के लगभग 16 हजार छात्र-छात्राएं नामांकित है. इनमें केवल
आरएमएसए द्वारा संचालित 29 माध्यमिक नामांकित है.
इनमें केवल आरएमएसए द्वारा संचालित 29 माध्यमिक विद्यालय में थोड़ा
बहुत शिक्षक है भी परंतु एमएसडीपी योजना व बिहार सरकार द्वारा संचालित 71
माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक की संख्या में शून्य है. एमएसडीपी व बिहार
सरकार द्वारा संचालित 71 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों का पद
स्वीकृत ही नहीं है. आरएमएसए द्वारा संचालित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय
में पहले फेज के कुछ विद्यालय में पांच एक का पद स्वीकृत है परंतु बाद में
कुछ विद्यालयों में चार-एक का पद की स्वीकृत दी गयी है. परंतु अबतक आरएमएसए
के 29 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में मात्र 86 शिक्षक ही पदस्थापित
है. जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार माध्यमिक विद्यालय
के 164 पदों पर नियोजन नहीं हो पाया है. पद के विरुद्ध आवेदन प्राप्त नहीं
होने से नियोजन नहीं हो पाया है.
29 स्कूलों में भी आधे-अधूरे हैं शिक्षक, कैसे होगी पढ़ाई
कहते हैं अधिकारी
डीइओ अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि अभी उन्हें जिले की पूरी जानकारी
नहीं है. माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव छात्र-छात्राओं के
पढ़ाई पर प्रतिकूल असर तो पड़ता है. मध्य विद्यालय के स्नातक शिक्षकों को
उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की जा रही है. शिक्षकों की बहाली
प्रक्रिया जिला परिषद व नगर निकाय को है. इस मामले में जिला शिक्षा
कार्यालय की कोई भूमिका नहीं है.