- शिक्षा सुधार का शॉर्ट और मीडियम टर्म प्लान बनाकर जिलों को भेजा
- मैट्रिक- इंटर छात्रों का मूल्यांकन हर तीन माह पर होगा
PATNA : वे छात्र जो सरकारी स्कूल में मैट्रिक या इंटर के छात्र हैं, उन सभी का मूल्यांकन का तरीका बदल गया है। अब प्रत्येक तीन महीने पर मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होना होगा।
मूल्यांकन में जिन छात्रों के परिणाम संतोषप्रद नहीं पाए जाएंगे उनके लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। सरकार ने जिलों को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। इस वर्ष राज्य में इंटर- मैट्रिक के खराब परीक्षा परिणाम को देखते हुए सीएम ने शिक्षा विभाग को माध्यमिक- उच्च माध्यमिक शिक्षा में सुधार का एक्शन प्लान बनाने का दायित्व दिया था। इस आदेश के आलोक में अब शिक्षा विभाग ने शॉर्ट टर्म और मिड टर्म प्लान बना लिया है। विभाग ने चरणबद्ध तरीके से माध्यमिक- उच्च माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए कदम उठाने का फैसला किया है.
हर तीन महीने पर होगा मूल्यांकन
जिलों को भेजी गाइड लाइन में शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि छात्रों के लिए तीन महीने का पाठ्यक्रम तय करेंगे और उसे तीन महीने में ही पूरा भी किया जाएगा। इसके बाद स्कूल के स्तर पर छात्रों का तीन महीने पर मूल्यांकन किया जाएगा। जिन छात्रों को पढ़ाई में कमजोर पाया जाएगा उन छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित होंगी.
टीचर्स- पैरेंट्स मीट का होगा आयोजन
नई परंपरा शुरू करते हुए अब सरकारी स्कूलों में भी हर तीन महीने पर टीचर्स - पैरेंट्स मीट का आयोजन किया जाएगा। सिर्फ यही नहीं, स्कूल प्रत्येक तीन महीने पर विद्यालय के प्रिंसिपल की अध्यक्षता में टीचर्स- पैरेंट्स मीट भी आयोजित करेंगे। जिसमें अभिभावकों से बच्चों के विषयवार तैयारी के संबंध में विचार- विमर्श किया जाएगा। स्कूल अभिभावकों से मिले सुझाव को भी पढ़ाई में शामिल करेंगे।
लापरवाही हुई तो नपेंगे प्रिंसिपल- टीचर
शिक्षा सुधार की कड़ी में तय की गई कार्य योजना सही ढ़ंग से प्रभावी हो सके इसके लिए जिलों के शिक्षा एवं कार्यक्रम पदाधिकारियों को जवाबदेह बनाया गया है। ये अधिकारी समय- समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि स्कूलाें में पढ़ाई तय गाइड लाइन के अनुरूप हो रही हो। स्कूल की पढ़ाई में लापरवाही पाए जाने पर वे विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा करेंगे।
- मैट्रिक- इंटर छात्रों का मूल्यांकन हर तीन माह पर होगा
PATNA : वे छात्र जो सरकारी स्कूल में मैट्रिक या इंटर के छात्र हैं, उन सभी का मूल्यांकन का तरीका बदल गया है। अब प्रत्येक तीन महीने पर मूल्यांकन परीक्षा में शामिल होना होगा।
मूल्यांकन में जिन छात्रों के परिणाम संतोषप्रद नहीं पाए जाएंगे उनके लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। सरकार ने जिलों को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। इस वर्ष राज्य में इंटर- मैट्रिक के खराब परीक्षा परिणाम को देखते हुए सीएम ने शिक्षा विभाग को माध्यमिक- उच्च माध्यमिक शिक्षा में सुधार का एक्शन प्लान बनाने का दायित्व दिया था। इस आदेश के आलोक में अब शिक्षा विभाग ने शॉर्ट टर्म और मिड टर्म प्लान बना लिया है। विभाग ने चरणबद्ध तरीके से माध्यमिक- उच्च माध्यमिक शिक्षा में सुधार के लिए कदम उठाने का फैसला किया है.
हर तीन महीने पर होगा मूल्यांकन
जिलों को भेजी गाइड लाइन में शिक्षा विभाग ने निर्देश दिए हैं कि छात्रों के लिए तीन महीने का पाठ्यक्रम तय करेंगे और उसे तीन महीने में ही पूरा भी किया जाएगा। इसके बाद स्कूल के स्तर पर छात्रों का तीन महीने पर मूल्यांकन किया जाएगा। जिन छात्रों को पढ़ाई में कमजोर पाया जाएगा उन छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित होंगी.
टीचर्स- पैरेंट्स मीट का होगा आयोजन
नई परंपरा शुरू करते हुए अब सरकारी स्कूलों में भी हर तीन महीने पर टीचर्स - पैरेंट्स मीट का आयोजन किया जाएगा। सिर्फ यही नहीं, स्कूल प्रत्येक तीन महीने पर विद्यालय के प्रिंसिपल की अध्यक्षता में टीचर्स- पैरेंट्स मीट भी आयोजित करेंगे। जिसमें अभिभावकों से बच्चों के विषयवार तैयारी के संबंध में विचार- विमर्श किया जाएगा। स्कूल अभिभावकों से मिले सुझाव को भी पढ़ाई में शामिल करेंगे।
लापरवाही हुई तो नपेंगे प्रिंसिपल- टीचर
शिक्षा सुधार की कड़ी में तय की गई कार्य योजना सही ढ़ंग से प्रभावी हो सके इसके लिए जिलों के शिक्षा एवं कार्यक्रम पदाधिकारियों को जवाबदेह बनाया गया है। ये अधिकारी समय- समय पर स्कूलों का निरीक्षण कर सुनिश्चित करेंगे कि स्कूलाें में पढ़ाई तय गाइड लाइन के अनुरूप हो रही हो। स्कूल की पढ़ाई में लापरवाही पाए जाने पर वे विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक पर अनुशासनिक कार्रवाई के लिए अनुशंसा करेंगे।