PATNA: बिहार सरकार ने मध्य विद्यालयों में प्रिंसिपल के रिक्त पदों पर नियोजित शिक्षकों को नियुक्त करने की कवायद प्रारंभ कर दी है।
शिक्षा विभाग ने जिलों के शिक्षा और कार्यक्रम पदाधिकारियों से वैसे स्कूलों को ब्यौरा मांगा है जहां प्रिंसिपल का पद रिक्त है, और काम चलाऊ व्यवस्था के तहत नियोजित शिक्षक को यह जिम्मा दिया गया है। दूसरी ओर विभाग ने शिक्षा मंत्री के निर्देश के आलोक में नियमावली में संशोधन की कवायद भी शुरू कर दी है। मसले पर विधि विभाग से भी राय ली जा रही है। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में स्कूलों में पढ़ाई को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए मध्य विद्यालयों में प्रिंसिपल के रिक्त पदों को भरने का फैसला किया गया था।
शिक्षा सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों के शिक्षा और कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जुलाई के मध्य तक मध्य विद्यालयों में प्रिंसिपल के रिक्त पदों का आकलन करते हुए अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को मुहैया करा दें।
इधर नियमावली में संशोधन के लिए अधिकारी विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं कि नियोजित शिक्षकों को मध्य विद्यालय का प्रिंसिपल बनाने में किस प्रकार की चुनौतियां भविष्य में आ सकती हैं। अभी प्रावधान है कि मध्य विद्यालय में प्रिंसिपल का पद नियमित और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को ही दिया जा सकेगा। नियमित शिक्षक जैसे-जैसे सेवानिवृत होते जाएंगे हेडमास्टर के पद समाप्त होते जाएंगे।
नीतिगत फैसला होने की वजह से अधिकांश विद्यालयों में हेडमास्टर के स्थायी पद रिक्त हैं। अधिकांश मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षक को ही प्रधान शिक्षक का दर्जा देकर प्रिंसिपल पद का कामकाज सौंपा गया है।नियमावली में प्रावधान होने से प्रधान शिक्षक को ही मध्य विद्यालय का प्रिंसिपल पद का दायित्व दिया जा सकेगा। संभावना जताई गई है कि मसले पर जुलाई के अंत तक नीतिगत निर्णय लेते हुए आदेश जारी कर दिया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने जिलों के शिक्षा और कार्यक्रम पदाधिकारियों से वैसे स्कूलों को ब्यौरा मांगा है जहां प्रिंसिपल का पद रिक्त है, और काम चलाऊ व्यवस्था के तहत नियोजित शिक्षक को यह जिम्मा दिया गया है। दूसरी ओर विभाग ने शिक्षा मंत्री के निर्देश के आलोक में नियमावली में संशोधन की कवायद भी शुरू कर दी है। मसले पर विधि विभाग से भी राय ली जा रही है। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री के स्तर पर हुई समीक्षा बैठक में स्कूलों में पढ़ाई को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए मध्य विद्यालयों में प्रिंसिपल के रिक्त पदों को भरने का फैसला किया गया था।
शिक्षा सूत्रों ने बताया कि सभी जिलों के शिक्षा और कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जुलाई के मध्य तक मध्य विद्यालयों में प्रिंसिपल के रिक्त पदों का आकलन करते हुए अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को मुहैया करा दें।
इधर नियमावली में संशोधन के लिए अधिकारी विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं कि नियोजित शिक्षकों को मध्य विद्यालय का प्रिंसिपल बनाने में किस प्रकार की चुनौतियां भविष्य में आ सकती हैं। अभी प्रावधान है कि मध्य विद्यालय में प्रिंसिपल का पद नियमित और स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को ही दिया जा सकेगा। नियमित शिक्षक जैसे-जैसे सेवानिवृत होते जाएंगे हेडमास्टर के पद समाप्त होते जाएंगे।
नीतिगत फैसला होने की वजह से अधिकांश विद्यालयों में हेडमास्टर के स्थायी पद रिक्त हैं। अधिकांश मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षक को ही प्रधान शिक्षक का दर्जा देकर प्रिंसिपल पद का कामकाज सौंपा गया है।नियमावली में प्रावधान होने से प्रधान शिक्षक को ही मध्य विद्यालय का प्रिंसिपल पद का दायित्व दिया जा सकेगा। संभावना जताई गई है कि मसले पर जुलाई के अंत तक नीतिगत निर्णय लेते हुए आदेश जारी कर दिया जाएगा।