निगरानी ने आरोपी शिक्षकों की जांच शुरू कर पक्ष भी जाना सबूत लिए
20 दिन पहले निगरानी के अफसरों ने लगभग 300 शिक्षकों को भेजी थी नोटिस, नोटिस के बाद पहुंचने लगे आरोपी शिक्षक
नियोजन इकाइयों ने भी खूब बरती लापरवाही
निगरानी की नकेल| एक बार फिर जिले के फर्जी शिक्षकों में हड़कंप
सिटी रिपोर्टर|छपरा
20दिन पहले आरोपी शिक्षकों को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद शिक्षकों का निगरानी कार्यालय में आना शुरू हो गया है। साथ ही उन पर लगे आरोपों की जांच भी शुरू हो गयीं है। उनसे उनका पक्ष सबूत भी लिए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो सबूत लेने के बाद आरोपों की गंभीरता से जांच होगी। सारण में 12234 शिक्षकों के नियोजन की जांच चल रही है। करीब एक हजार से अधिक शिक्षकों का नियोजन जांच कार्रवाई के दायरे में हैं।
एकहजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में
सूत्रोंकी माने तो अभी तक निगरानी के आदेश के तहत दर्ज कराए गए 30 एफआईआर के तहत 156 नियोजन इकाइयों के तीन हजार शिक्षक प्रभावित होते नजर रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि इनमें कई बड़ी मछलियां भी पकड़ी जाएंगी। मसलन पांच बीईओ, पांच बीडीओ, कई शिक्षाधिकारी, 136 पंचायत सचिव, 50 से अधिक मुखिया नियोजन इकाई के अन्य सदस्य शामिल हैं। यह मामला सामने आते ही शिक्षकों के साथ-साथ अफसरों जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है। निगरानी जांच कार्य में युद्धस्तर पर जुटी हुई है। जैसे ही इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र अन्य कागजात जांच में नहीं मिलते हैं, इनके चयन संबंधित कार्रवाई को रद्द करने की अनुशंसा हो सकती है, साथ ही नियोजन की जांच भी शुरू हो जाएगी।
मूल कागजात कर रहे हैं कई खुलासे
शिक्षकनियोजन इकाई फर्जी शिक्षकों को कार्रवाई से नहीं बचा सकें, इसके लिए निगरानी ने सभी शिक्षकों का मूल कागजात पहले ही जब्त कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगरानी की टीम ने गत पिछले साल 10-23 अगस्त के बीच सभी नियोजन इकाइयों से नियोजन से संबंधित मूल कागजात जमा करने को कहा था। 20 फीसदी को छोड़ 80 फीसदी ने अपना मूल कागजात जमा कर दिया था। इसके बाद निगरानी ने अब नियोजन इकाइयों को यह कहते हुए मूल कागजात देने से इंकार कर दिया है, कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, मूल कागजात नहीं लौटाया जा सकता। इसके बाद इन्हीं मूल कागजातों के आधार पर जांच शुरू की गई है। ये मूल कागजात कई खुलासे कर रहे हैं।
इस तरह से हुई नियोजन में धांधली
जिलेमें शिक्षक नियोजन में किस तरह की बड़े पैमाने पर धांधली की गई है, जांच बढ़ने के साथ ही सामने आने लगा है। रोज कोई कोई फर्जीवाड़ा का भूत सामने रहा है। हाल ही में सामने आए एक नए तथ्य ने विभाग के अफसर तो अफसर निगरानी के भी अफसरों को हैरानी में डाल दिया है। दरअसल निगरानी ने टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। जनवरी माह में जांच के पहले ही चरण में जब टीईटी पास शिक्षकों के आंकड़े इकट्ठा किए जाने लगे तो अफसरों के होश फाख्ता हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारण का टीईटी रिजल्ट कुल अभ्यर्थी का पांच फीसदी ही हुआ था। संख्या में यह लगभग 14 सौ था। पर टीईटी के आधार पर जो नियोजन हुआ है, वह 18 सौ की संख्या को भी पार कर देगा, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, यानि 400 नए अभ्यर्थी कहां से गए, ये अफसरों को समझ में नहीं रहा है। जांच में और तेजी सकती है।
निगरानी ने जिले के सभी नियोजन इकाइयों से जांच के लिए कई बार शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाणपत्र मांगा था। पर लगभग 150 नियोजन इकाइयों ने शिक्षकों का प्रमाण पत्र दिया ही नहीं था, दिया भी तो आधा अधूरा ही। इतना ही नहीं मेधा सूची, काउंसलिंग रजिस्टर अन्य कागजात भी निगरानी को नहीं सौंपा था। इससे जांच कार्य प्रभावित हो रहा था। बाद में निगरानी और नकेल कसी तो काफी नियोजन इकाइयों ने कागजात दिए। इधर हाईकोर्ट की फटकार भी शिक्षा विभाग निगरानी के अफसरों को लगातार लग रही है। मालूम हो कि नियोजन इकाई में पांच सदस्य होते हैं, इसमें अध्यक्ष के रूप में वरीय जनप्रतिनिधि होता है, सचिव के रूप में संबंधित नियोजन इकाई का वरीय अफसर, इसके बाद शिक्षा शिक्षक सदस्य, शिक्षा समिति का सदस्य एक अन्य जनप्रतिनिधि होते हैं। ऐसे में फर्जीवाड़ा सामने आता है तो इनपर भी कार्रवाई की गाज गिरने की संभावना बन सकती है।
^निगरानी की जांच में एक भी फर्जी शिक्षक नहीं बचेंगे। जोमेधा सूची फोल्डर नहीं जमा किए हैं, उनपर भी कार्रवाई होगी। इसलिए निगरानी जो भी कागज मांगे शिक्षक नियोजन इकाई उपलब्ध कराए। दिलीपकुमार सिंह, डीपीओ, स्थापना, सारण
20 दिन पहले निगरानी के अफसरों ने लगभग 300 शिक्षकों को भेजी थी नोटिस, नोटिस के बाद पहुंचने लगे आरोपी शिक्षक
नियोजन इकाइयों ने भी खूब बरती लापरवाही
निगरानी की नकेल| एक बार फिर जिले के फर्जी शिक्षकों में हड़कंप
सिटी रिपोर्टर|छपरा
20दिन पहले आरोपी शिक्षकों को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद शिक्षकों का निगरानी कार्यालय में आना शुरू हो गया है। साथ ही उन पर लगे आरोपों की जांच भी शुरू हो गयीं है। उनसे उनका पक्ष सबूत भी लिए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो सबूत लेने के बाद आरोपों की गंभीरता से जांच होगी। सारण में 12234 शिक्षकों के नियोजन की जांच चल रही है। करीब एक हजार से अधिक शिक्षकों का नियोजन जांच कार्रवाई के दायरे में हैं।
एकहजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में
सूत्रोंकी माने तो अभी तक निगरानी के आदेश के तहत दर्ज कराए गए 30 एफआईआर के तहत 156 नियोजन इकाइयों के तीन हजार शिक्षक प्रभावित होते नजर रहे हैं। सबसे बड़ी बात है कि इनमें कई बड़ी मछलियां भी पकड़ी जाएंगी। मसलन पांच बीईओ, पांच बीडीओ, कई शिक्षाधिकारी, 136 पंचायत सचिव, 50 से अधिक मुखिया नियोजन इकाई के अन्य सदस्य शामिल हैं। यह मामला सामने आते ही शिक्षकों के साथ-साथ अफसरों जनप्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है। निगरानी जांच कार्य में युद्धस्तर पर जुटी हुई है। जैसे ही इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र अन्य कागजात जांच में नहीं मिलते हैं, इनके चयन संबंधित कार्रवाई को रद्द करने की अनुशंसा हो सकती है, साथ ही नियोजन की जांच भी शुरू हो जाएगी।
मूल कागजात कर रहे हैं कई खुलासे
शिक्षकनियोजन इकाई फर्जी शिक्षकों को कार्रवाई से नहीं बचा सकें, इसके लिए निगरानी ने सभी शिक्षकों का मूल कागजात पहले ही जब्त कर लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगरानी की टीम ने गत पिछले साल 10-23 अगस्त के बीच सभी नियोजन इकाइयों से नियोजन से संबंधित मूल कागजात जमा करने को कहा था। 20 फीसदी को छोड़ 80 फीसदी ने अपना मूल कागजात जमा कर दिया था। इसके बाद निगरानी ने अब नियोजन इकाइयों को यह कहते हुए मूल कागजात देने से इंकार कर दिया है, कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, मूल कागजात नहीं लौटाया जा सकता। इसके बाद इन्हीं मूल कागजातों के आधार पर जांच शुरू की गई है। ये मूल कागजात कई खुलासे कर रहे हैं।
इस तरह से हुई नियोजन में धांधली
जिलेमें शिक्षक नियोजन में किस तरह की बड़े पैमाने पर धांधली की गई है, जांच बढ़ने के साथ ही सामने आने लगा है। रोज कोई कोई फर्जीवाड़ा का भूत सामने रहा है। हाल ही में सामने आए एक नए तथ्य ने विभाग के अफसर तो अफसर निगरानी के भी अफसरों को हैरानी में डाल दिया है। दरअसल निगरानी ने टीईटी प्रमाण पत्रों की जांच शुरू कर दी है। जनवरी माह में जांच के पहले ही चरण में जब टीईटी पास शिक्षकों के आंकड़े इकट्ठा किए जाने लगे तो अफसरों के होश फाख्ता हो गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारण का टीईटी रिजल्ट कुल अभ्यर्थी का पांच फीसदी ही हुआ था। संख्या में यह लगभग 14 सौ था। पर टीईटी के आधार पर जो नियोजन हुआ है, वह 18 सौ की संख्या को भी पार कर देगा, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, यानि 400 नए अभ्यर्थी कहां से गए, ये अफसरों को समझ में नहीं रहा है। जांच में और तेजी सकती है।
निगरानी ने जिले के सभी नियोजन इकाइयों से जांच के लिए कई बार शिक्षकों का शैक्षणिक प्रमाणपत्र मांगा था। पर लगभग 150 नियोजन इकाइयों ने शिक्षकों का प्रमाण पत्र दिया ही नहीं था, दिया भी तो आधा अधूरा ही। इतना ही नहीं मेधा सूची, काउंसलिंग रजिस्टर अन्य कागजात भी निगरानी को नहीं सौंपा था। इससे जांच कार्य प्रभावित हो रहा था। बाद में निगरानी और नकेल कसी तो काफी नियोजन इकाइयों ने कागजात दिए। इधर हाईकोर्ट की फटकार भी शिक्षा विभाग निगरानी के अफसरों को लगातार लग रही है। मालूम हो कि नियोजन इकाई में पांच सदस्य होते हैं, इसमें अध्यक्ष के रूप में वरीय जनप्रतिनिधि होता है, सचिव के रूप में संबंधित नियोजन इकाई का वरीय अफसर, इसके बाद शिक्षा शिक्षक सदस्य, शिक्षा समिति का सदस्य एक अन्य जनप्रतिनिधि होते हैं। ऐसे में फर्जीवाड़ा सामने आता है तो इनपर भी कार्रवाई की गाज गिरने की संभावना बन सकती है।
^निगरानी की जांच में एक भी फर्जी शिक्षक नहीं बचेंगे। जोमेधा सूची फोल्डर नहीं जमा किए हैं, उनपर भी कार्रवाई होगी। इसलिए निगरानी जो भी कागज मांगे शिक्षक नियोजन इकाई उपलब्ध कराए। दिलीपकुमार सिंह, डीपीओ, स्थापना, सारण