पटना । बिहार बोर्ड परीक्षा (इंटर) में 70 फीसदी छात्र फेल हो गए। अन्य वर्षों की अपेक्षा इस साल रिजल्ट काफी खराब आया है। बिहार में इंटर रिजल्ट पर भी राजनीति तेज हो गई है। एक ओर जहां सरकार रिजल्ट को अच्छा बता रही है, वहीं विपक्ष शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही है।
इंटरमीडिएट परीक्षा नतीजे को लेकर लोजपा, रालोसपा, जाप और हम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी के इस्तीफे की मांग की है।
बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि जो रिजल्ट आए हैं वे अच्छे नहीं, परन्तु वे यह भी मानते हैं कि चरमराई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने बेहद जरूरी है। मंत्री ने कहा कि एक महीने के भीतर बिहार बोर्ड कंपार्टमेंटल परीक्षा आयोजित करेगा ताकि जिन छात्रों के रिजल्ट खराब हुए हैं वे दोबारा परीक्षा में शामिल होकर बेहतर कर सकें।
इंटरमीडिएट के रिजल्ट आने के बाद जागरण से बात करते हुए मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि पहले इस बात को समझना होगा कि क्या हम कदाचार जारी रहने देते या फिर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और छात्रों की बेहतरी के लिए सख्त कदम उठाते। सरकार ने बगैर कोई समझौता किए सख्त कदम उठाए हैं। अब पढऩे और पढ़ाने की आदत विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा लंबी छलांग के लिए दो-चार कदम पीछे आने ही होता है। सुधार की प्रक्रिया में ऐसे ही रिजल्ट की आशंका थी। लेकिन, जिन विद्यार्थियों के परिणाम बेहतर नहीं आए हैं वे कंपार्टमेंटल परीक्षा में बैठकर इनमें सुधार कर सकते हैं। मंत्री ने कहा, एक महीने के अंदर कंपार्टमेंटल परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा शिक्षा में बेहतरी के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्लस टू स्कूलों से लेकर माध्यमिक स्कूलों तक में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की कवायद हो रही है। छात्रा-छात्राओं के अंदर पढऩे की आदत विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। अब शिक्षकों की जवाबदेही भी तय की जा रही है। मंत्री ने एक बार फिर दोहराया रिजल्ट तो अच्छे नहीं हैं, परन्तु थोड़ा धैर्य रखना होगा व्यवस्था में जल्द ही बदलाव दिखेगा।
इंटरमीडिएट परीक्षा नतीजे को लेकर लोजपा, रालोसपा, जाप और हम ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी के इस्तीफे की मांग की है।
बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि जो रिजल्ट आए हैं वे अच्छे नहीं, परन्तु वे यह भी मानते हैं कि चरमराई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने बेहद जरूरी है। मंत्री ने कहा कि एक महीने के भीतर बिहार बोर्ड कंपार्टमेंटल परीक्षा आयोजित करेगा ताकि जिन छात्रों के रिजल्ट खराब हुए हैं वे दोबारा परीक्षा में शामिल होकर बेहतर कर सकें।
इंटरमीडिएट के रिजल्ट आने के बाद जागरण से बात करते हुए मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि पहले इस बात को समझना होगा कि क्या हम कदाचार जारी रहने देते या फिर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और छात्रों की बेहतरी के लिए सख्त कदम उठाते। सरकार ने बगैर कोई समझौता किए सख्त कदम उठाए हैं। अब पढऩे और पढ़ाने की आदत विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा लंबी छलांग के लिए दो-चार कदम पीछे आने ही होता है। सुधार की प्रक्रिया में ऐसे ही रिजल्ट की आशंका थी। लेकिन, जिन विद्यार्थियों के परिणाम बेहतर नहीं आए हैं वे कंपार्टमेंटल परीक्षा में बैठकर इनमें सुधार कर सकते हैं। मंत्री ने कहा, एक महीने के अंदर कंपार्टमेंटल परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा शिक्षा में बेहतरी के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। प्लस टू स्कूलों से लेकर माध्यमिक स्कूलों तक में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने की कवायद हो रही है। छात्रा-छात्राओं के अंदर पढऩे की आदत विकसित करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। अब शिक्षकों की जवाबदेही भी तय की जा रही है। मंत्री ने एक बार फिर दोहराया रिजल्ट तो अच्छे नहीं हैं, परन्तु थोड़ा धैर्य रखना होगा व्यवस्था में जल्द ही बदलाव दिखेगा।