बिहार के शिक्षामंत्री जी के नाम बिहार के अभिभावक, ग्रामीण, शिक्षाविद का खुला पत्र।
श्रीमान ,
बिहार में शिक्षा की बदहाली का कारण आप तमाम राजनेता हैं । शिक्षक पर दोष न हीं दे तो बेहतर होगा ।
आप सभी राजनेता जी सबसे पहले विद्यालय से बोट बैंक की राजनीति करना छोड़कर निम्नलिखित मांगो को पूरा कीजिए :-
1* समान स्कूली शिक्षा प्रणाली व समान काम के लिए समान वेतन लागु करें ।
2* स-समय बच्चों के बीच किताब वितरण करें।
3* बीआरसी एवं सीआरसी पद को समाप्त किया जाय।
4* जीविका को विद्यालय निरीक्षण से अलग करें।
5* खिचड़ी योजना का संचालन विद्यालय से अलग किया जाय।
6* शिक्षक से विभिन्न प्रकार के Report तैयार करवाना बन्द किया जाय।
7* शिक्षक को साइकिल, पोशाक ,छात्रवृति और नेपकिन योजना से अलग किया जाय।
8* प्रोत्साहन राशि( 10,000 और 8,000 )में और अधिक इज़ाफा किया जाय।
9*BLO से शिक्षकों को हटाया जाय।
10* प्रत्येक महीना 1से 5 तारीख तक शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाय।
11* गैर कार्यों से शिक्षकों को दूर किया जाय।
12* वेतन विसंगति को दूर कर एक समान किया जाय।
13* ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय के समय में चल रहे कोचिंग संस्था को बन्द कराया जाय।
14*शिक्षकों से पढ़ाई के अलावे दूसरा कोई कार्य न करवाया जाय।
15*कुछ ऐसे नियम, जिससे विद्यार्थी अनुशासनहीन हो रहे हैं, उसे हटाया जाय।
16* परीक्षा में अनुतीर्ण होने पर छात्रों को अगली कक्षा में जाने से रोका जाय।
17* पूर्व के भाँति D.E.O और D.S.E के पद के अलावा और पद को हटाया जाय।
18* प्राईवेट विद्यालय और कोचिंग संस्था को बन्द कराया जाय।
19* किसान से लेकर राष्ट्रपति तक के बच्चे सरकारी विद्यालय में ही पढ़े इसके लिए ठोस नियम बनाया जाय।
20* 1 ली से 12 वी तक विद्यालय में लिये जाने वाले शुल्क पूर्णतः हटाया जाय।
21* +2 की पढ़ाई विद्यालय से हटाकर काँलेज में किया जाय।
22* ग्रामीणों का वर्चस्व विद्यालय में न हो ,इसके लिए सख्त कानून बनाया जाय।
23*सभी विद्यालय में किरानी और आदेशपाल भर्ती किया जाय।
24* शिक्षकों पर किरानी वाले काम करने का दबाव न दिया जाय।
क्या बिहार के आप सभी राजनेता ऐसा कर सकते हैं?
अगर नहीं तो जनता को बेबकूफ बनाने से बेहतर है विद्यालय को बंद कर दे। वित्तीय बोझ भी नहीं होगा।
साथ ही समाज को सब दिन अशिक्षित बनाय
श्रीमान ,
बिहार में शिक्षा की बदहाली का कारण आप तमाम राजनेता हैं । शिक्षक पर दोष न हीं दे तो बेहतर होगा ।
आप सभी राजनेता जी सबसे पहले विद्यालय से बोट बैंक की राजनीति करना छोड़कर निम्नलिखित मांगो को पूरा कीजिए :-
1* समान स्कूली शिक्षा प्रणाली व समान काम के लिए समान वेतन लागु करें ।
2* स-समय बच्चों के बीच किताब वितरण करें।
3* बीआरसी एवं सीआरसी पद को समाप्त किया जाय।
4* जीविका को विद्यालय निरीक्षण से अलग करें।
5* खिचड़ी योजना का संचालन विद्यालय से अलग किया जाय।
6* शिक्षक से विभिन्न प्रकार के Report तैयार करवाना बन्द किया जाय।
7* शिक्षक को साइकिल, पोशाक ,छात्रवृति और नेपकिन योजना से अलग किया जाय।
8* प्रोत्साहन राशि( 10,000 और 8,000 )में और अधिक इज़ाफा किया जाय।
9*BLO से शिक्षकों को हटाया जाय।
10* प्रत्येक महीना 1से 5 तारीख तक शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाय।
11* गैर कार्यों से शिक्षकों को दूर किया जाय।
12* वेतन विसंगति को दूर कर एक समान किया जाय।
13* ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालय के समय में चल रहे कोचिंग संस्था को बन्द कराया जाय।
14*शिक्षकों से पढ़ाई के अलावे दूसरा कोई कार्य न करवाया जाय।
15*कुछ ऐसे नियम, जिससे विद्यार्थी अनुशासनहीन हो रहे हैं, उसे हटाया जाय।
16* परीक्षा में अनुतीर्ण होने पर छात्रों को अगली कक्षा में जाने से रोका जाय।
17* पूर्व के भाँति D.E.O और D.S.E के पद के अलावा और पद को हटाया जाय।
18* प्राईवेट विद्यालय और कोचिंग संस्था को बन्द कराया जाय।
19* किसान से लेकर राष्ट्रपति तक के बच्चे सरकारी विद्यालय में ही पढ़े इसके लिए ठोस नियम बनाया जाय।
20* 1 ली से 12 वी तक विद्यालय में लिये जाने वाले शुल्क पूर्णतः हटाया जाय।
21* +2 की पढ़ाई विद्यालय से हटाकर काँलेज में किया जाय।
22* ग्रामीणों का वर्चस्व विद्यालय में न हो ,इसके लिए सख्त कानून बनाया जाय।
23*सभी विद्यालय में किरानी और आदेशपाल भर्ती किया जाय।
24* शिक्षकों पर किरानी वाले काम करने का दबाव न दिया जाय।
क्या बिहार के आप सभी राजनेता ऐसा कर सकते हैं?
अगर नहीं तो जनता को बेबकूफ बनाने से बेहतर है विद्यालय को बंद कर दे। वित्तीय बोझ भी नहीं होगा।
साथ ही समाज को सब दिन अशिक्षित बनाय