पटना : गरमी की छुट्टियों का मजा इस साल सरकारी स्कूल के शिक्षकों को नहीं मिल सकेगा. छुट्टियों के बावजूद सरकारी स्कूल खुले रहेंगे. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन अौर अपर सचिव के निर्देश के बाद कई जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने गरमी छुट्टियों में शिक्षकों के स्कूल में बने रहने का निर्देश निकाल दिया है.
गरमी छुट्टी के दौरान बच्चों के आधार कार्ड निर्माण, बैंक खाता खोलना, बैंक खातों को आधार नंबर से लिंक करने से लेकर बच्चों के लिए चलायी जा रही पोशाक, साइकिल, छात्रवृत्ति, सेनेटरी नैपकिन समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक शत प्रतिशत पहुंचाने का काम किया जायेगा.
तय समय सीमा पर ऐसा नहीं करनेवाले जिलों पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई : शिक्षा विभाग के अपर सचिव के सेंथिल कुमार ने पिछले दिनों ही निर्देश दिया है सरकारी योजना की राशि की निकासी 31 मार्च तक कर ली गयी है, लेकिन बच्चों के खाते में राशि नहीं जा सकी है. ऐसे में पांच जून तक इन योजनाओं की राशि आरटीजीएस के माध्यम से बच्चों के बैंक खाते में उपलब्ध कराया जाये. तय समय सीमा पर ऐसा नहीं करनेवाले जिलों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. भागलपुर, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय समेत कई जिलों में गरमी की छुट्टी के बाद शिक्षा विभाग के निर्देश पर काम शुरू कर दिया गया है.
कई जिलों ने अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग डेटलाइन किये तय : इंटरमीडिएट का रिजल्ट जल्द ही आनेवाला है. ऐसे में प्लस-टू स्कूलों को कहा गया है कि वे बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का प्रचार-प्रसार करें. संबंधित स्कूलों से पास करनेवाले छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी दें और वे कैसे इसका लाभ ले सकते है, उसके बारे में भी बतायें, ताकि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राएं लाभांवित हो सकें.
इंस्पायर अवार्ड योजना के लिए भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराया जाये. इसके अलावा 2018 में होनेवाली मैट्रिक परीक्षा के लिए छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन की लिस्ट तैयार कर डीइओ ऑफिस में जमा करायेंगे. साथ ही पांचवीं से आठवीं के मूल्यांकन के बाद सभी बच्चों का अगली क्लास में नामांकन सुनिश्चित करायें. कई जिलों ने इसके लिए अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग डेटलाइन तय किये हैं. कई जिलों ने सभी काम 30 जून तक सुनिश्चित कर लेने का निर्णय लिया है.
हर विवि पांच-पांच गावों को लेंगे गोद
पटना. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को पांच-पांच गांवों को गोद लेने का निर्देश दिया गया है. यह निर्देश राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने सभी विश्वविद्यालयों को दिया है. विश्वविद्यालयों को यह जिम्मेवारी दी गयी है कि वे राज्य सरकार के सात निश्चयों और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे मिल सके, इसकी जानकारी वहां के लोगों तक पहुंचायेंगे. साथ ही उन गांवों के शैक्षणिक व सामाजिक विकास में भी विश्वविद्यालय बड़ी भूमिका निभायेगा. जो विश्वविद्यालय गांवों का विकास में अव्वल रहेगा और जिस विवि की शैक्षणिक गतिविधि दूसरे विवि से बेहतर होगी उन्हें कुलाधिपति सम्मान से भी सम्मानित किया जायेगा. पिछले दिनों ही शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय मुख्यालय और कॉलेजों में हेल्प सेंटर खोलने का निर्देश दे दिया है. इसमें कॉलेजों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में बताया जायेगा. छात्र-छात्राएं इस योजना का कैसे लाभ ले सकते हैं, उसकी पूरी जानकारी दी जायेगी, ताकि उन्हें कोई समस्या न हो.
गरमी छुट्टी के दौरान बच्चों के आधार कार्ड निर्माण, बैंक खाता खोलना, बैंक खातों को आधार नंबर से लिंक करने से लेकर बच्चों के लिए चलायी जा रही पोशाक, साइकिल, छात्रवृत्ति, सेनेटरी नैपकिन समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक शत प्रतिशत पहुंचाने का काम किया जायेगा.
तय समय सीमा पर ऐसा नहीं करनेवाले जिलों पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई : शिक्षा विभाग के अपर सचिव के सेंथिल कुमार ने पिछले दिनों ही निर्देश दिया है सरकारी योजना की राशि की निकासी 31 मार्च तक कर ली गयी है, लेकिन बच्चों के खाते में राशि नहीं जा सकी है. ऐसे में पांच जून तक इन योजनाओं की राशि आरटीजीएस के माध्यम से बच्चों के बैंक खाते में उपलब्ध कराया जाये. तय समय सीमा पर ऐसा नहीं करनेवाले जिलों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. भागलपुर, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय समेत कई जिलों में गरमी की छुट्टी के बाद शिक्षा विभाग के निर्देश पर काम शुरू कर दिया गया है.
कई जिलों ने अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग डेटलाइन किये तय : इंटरमीडिएट का रिजल्ट जल्द ही आनेवाला है. ऐसे में प्लस-टू स्कूलों को कहा गया है कि वे बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का प्रचार-प्रसार करें. संबंधित स्कूलों से पास करनेवाले छात्र-छात्राओं को इसकी जानकारी दें और वे कैसे इसका लाभ ले सकते है, उसके बारे में भी बतायें, ताकि इस योजना से ज्यादा से ज्यादा छात्र-छात्राएं लाभांवित हो सकें.
इंस्पायर अवार्ड योजना के लिए भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराया जाये. इसके अलावा 2018 में होनेवाली मैट्रिक परीक्षा के लिए छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन की लिस्ट तैयार कर डीइओ ऑफिस में जमा करायेंगे. साथ ही पांचवीं से आठवीं के मूल्यांकन के बाद सभी बच्चों का अगली क्लास में नामांकन सुनिश्चित करायें. कई जिलों ने इसके लिए अपने-अपने स्तर पर अलग-अलग डेटलाइन तय किये हैं. कई जिलों ने सभी काम 30 जून तक सुनिश्चित कर लेने का निर्णय लिया है.
हर विवि पांच-पांच गावों को लेंगे गोद
पटना. राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को पांच-पांच गांवों को गोद लेने का निर्देश दिया गया है. यह निर्देश राज्यपाल सह कुलाधिपति रामनाथ कोविंद ने सभी विश्वविद्यालयों को दिया है. विश्वविद्यालयों को यह जिम्मेवारी दी गयी है कि वे राज्य सरकार के सात निश्चयों और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ कैसे मिल सके, इसकी जानकारी वहां के लोगों तक पहुंचायेंगे. साथ ही उन गांवों के शैक्षणिक व सामाजिक विकास में भी विश्वविद्यालय बड़ी भूमिका निभायेगा. जो विश्वविद्यालय गांवों का विकास में अव्वल रहेगा और जिस विवि की शैक्षणिक गतिविधि दूसरे विवि से बेहतर होगी उन्हें कुलाधिपति सम्मान से भी सम्मानित किया जायेगा. पिछले दिनों ही शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालय मुख्यालय और कॉलेजों में हेल्प सेंटर खोलने का निर्देश दे दिया है. इसमें कॉलेजों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के बारे में बताया जायेगा. छात्र-छात्राएं इस योजना का कैसे लाभ ले सकते हैं, उसकी पूरी जानकारी दी जायेगी, ताकि उन्हें कोई समस्या न हो.