लखीसराय [मुकेश कुमार]। स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने
वाले शिक्षाविद् जिले के सहूर निवासी स्व. पंडित कार्यानंद शर्मा ने उच्च
शिक्षा ग्रहण करने के लिए जिस केएसएस कॉलेज की स्थापना की आज उसकी मजबूत
नींव कमजोर पड़ती जा रही है।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई केएसएस कॉलेज लखीसराय में शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों की भारी कमी के कारण उच्च शिक्षा हाशिये पर है। हाल यह है कि इंटर से लेकर स्नातक की डिग्री के लिए सिर्फ इस कॉलेज में नामांकन लिया जाता है। वर्तमान में इंटर कला, विज्ञान, बीए, बीएससी स्नातक के सभी विषयों में कुल तीन हजार छात्र-छात्रा नामांकित हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति दस फीसद भी नहीं है। क्योंकि कॉलेज में मात्र पांच शिक्षक हैं। अधिकांश विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्रा कॉलेज में नामांकन कराकर को¨चग एवं दूसरे शहरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
शिक्षकों के 34 स्वीकृत पद में 28 रिक्त
केएसएस कॉलेज लखीसराय में प्राध्यापक के कुल 34 पद स्वीकृत हैं। प्राचार्य सहित कुल छह शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से एक रसायन विज्ञान के प्रो. सीएम चौधरी 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। महाविद्यालय में विज्ञान संकाय के किसी भी विषय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, उर्दू, इतिहास आदि विषयों की पढ़ाई भी बिना शिक्षक के ही हो रही है। चार अतिथि शिक्षक की सेवा ली जा रही है।
शिक्षकेतर कर्मियों का भी टोटा
कॉलेज में पूर्व से सरकार व विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर 47 शिक्षकेतर कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से 37 कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान में चार लिपिक व सात आदेशपाल कार्यरत हैं। कॉलेज में स्वीकृत पदों के विरुद्ध भी कर्मचारी नहीं हैं।
संविदा पर नियुक्ति के लिए भेजा प्रस्ताव
कॉलेज प्रभारी प्राचार्य डॉ. अजय कुमार ¨सह कहते हैं कि विषयवार शिक्षकों के नहीं रहने से इसका सीधा असर शैक्षिक व्यवस्था पर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय को भी इसकी जानकारी है। 20 मई 2017 को विश्वविद्यालय के कुल सचिव को संविदा पर नियुक्ति के लिए दो कंप्यूटर आपरेटर, दो काउंटर क्लर्क, दो चपरासी, दो स्वीपर तथा एक-एक लाइब्रेरियन व रात्रि प्रहरी का प्रस्ताव भेजा गया है।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई केएसएस कॉलेज लखीसराय में शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मियों की भारी कमी के कारण उच्च शिक्षा हाशिये पर है। हाल यह है कि इंटर से लेकर स्नातक की डिग्री के लिए सिर्फ इस कॉलेज में नामांकन लिया जाता है। वर्तमान में इंटर कला, विज्ञान, बीए, बीएससी स्नातक के सभी विषयों में कुल तीन हजार छात्र-छात्रा नामांकित हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति दस फीसद भी नहीं है। क्योंकि कॉलेज में मात्र पांच शिक्षक हैं। अधिकांश विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्रा कॉलेज में नामांकन कराकर को¨चग एवं दूसरे शहरों में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
शिक्षकों के 34 स्वीकृत पद में 28 रिक्त
केएसएस कॉलेज लखीसराय में प्राध्यापक के कुल 34 पद स्वीकृत हैं। प्राचार्य सहित कुल छह शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से एक रसायन विज्ञान के प्रो. सीएम चौधरी 30 जून को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। महाविद्यालय में विज्ञान संकाय के किसी भी विषय में एक भी शिक्षक नहीं हैं। अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, उर्दू, इतिहास आदि विषयों की पढ़ाई भी बिना शिक्षक के ही हो रही है। चार अतिथि शिक्षक की सेवा ली जा रही है।
शिक्षकेतर कर्मियों का भी टोटा
कॉलेज में पूर्व से सरकार व विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर 47 शिक्षकेतर कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन इनमें से 37 कर्मी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान में चार लिपिक व सात आदेशपाल कार्यरत हैं। कॉलेज में स्वीकृत पदों के विरुद्ध भी कर्मचारी नहीं हैं।
संविदा पर नियुक्ति के लिए भेजा प्रस्ताव
कॉलेज प्रभारी प्राचार्य डॉ. अजय कुमार ¨सह कहते हैं कि विषयवार शिक्षकों के नहीं रहने से इसका सीधा असर शैक्षिक व्यवस्था पर पड़ रहा है। विश्वविद्यालय को भी इसकी जानकारी है। 20 मई 2017 को विश्वविद्यालय के कुल सचिव को संविदा पर नियुक्ति के लिए दो कंप्यूटर आपरेटर, दो काउंटर क्लर्क, दो चपरासी, दो स्वीपर तथा एक-एक लाइब्रेरियन व रात्रि प्रहरी का प्रस्ताव भेजा गया है।