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हड़ताल खत्म होने के बाद मूल्यांकन कार्य को पहुंचे शिक्षक

 कैमूर: माध्यमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में नियमित व नियोजित माध्यमिक शिक्षकों की एक माह से चल रही हड़ताल खत्म हो गई है। हड़ताल खत्म होने के बाद शिक्षक मूल्यांकन कार्य में योगदान देने रविवार को केंद्रों पर पहुंचे। जिला मुख्यालय के दो मूल्यांकन केंद्रों पर कुल 280 से अधिक शिक्षकों ने खबर लिखे जाने तक योगदान किया। यद्यपि शिक्षकों के योगदान के बावजूद ससमय मूल्यांकन कार्य शुरू नहीं हुआ।
पूर्व से मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों के विरमित करने को ले ऊहापोह की स्थिति रही। डीईओ के पहुंचने पर मूल्यांकन कार्य शुरू हुआ। देर से मूल्यांकन कार्य शुरू होने को लेकर दोनों केंद्राधीक्षकों से डीईओ ने शो-काज किया है।
ज्ञात हो कि समान कार्य को समान वेतन की मांग को ले बीते 16 मार्च से हड़ताल पर चले गए थे। शिक्षकों की हड़ताल बीते 15 अप्रैल को समाप्त हुई। शिक्षकों के हड़ताल पर रहने की वजह से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य एक माह तक बाधित रहा। जिसको लेकर शिक्षा विभाग व आला अधिकारी पुस्तिकाओं के मूल्यांकन को ले हलकान दिखाई पड़ रहे थे। निर्धारित समय तक पुस्तकों के मूल्यांकन नहीं होने की स्थिति को देखते हुए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष के निर्देश पर प्राथमिक व मध्य विद्यालय के प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों को बीते 13 अप्रैल को मूल्यांकन के लिए लगाया गया था। जिससे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य निर्धारित समय पर पूरा हो सके। स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों ने लगाए गए मूल्यांकन केंद्रों पर कई दिन मूल्यांकन का कार्य भी किया। । शनिवार को नियोजित व नियमित शिक्षकों की हड़ताल समाप्त होने के बाद रविवार को मूल्यांकन केंद्रों पर योगदान देने के लिए अफरा तफरी का माहौल दिखाई पड़ा। नियमित व नियोजित शिक्षकों के योगदान करने के बाद स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्र पर मूल्यांकन कार्य करने की परेशानी का मामला सामने आया। समस्या के समाधान को ले जिला शिक्षा पदाधिकारी दोनों मूल्यांकन केंद्रों पर पहुंचे।
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मूल्यांकन कार्य को ले रही ऊहापोह की स्थिति -
जिले में मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच को बनाए गए दो मूल्यांकन केंद्रों पर उस समय ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई जब पूर्व से प्रतिनियुक्त किए गए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को एक बजे तक केंद्र पर मूल्यांकन कार्य नहीं करने की बात कहीं गई। यह स्थिति नगर स्थित अटल बिहारी ¨सह उच्च विद्यालय में हुई। जहां के मूल्यांकन केंद्राधीक्षक ने स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों से कहा की हड़ताली शिक्षकों के वापस आ जाने से मूल्यांकन कार्य में योगदान करने की स्थिति में उनके कोड पर अब दूसरे प्रशिक्षक को कैसे कॉपी दी जाएगी। इस बात को ले कहा गया कि दिशा निर्देश प्राप्त होने पर ही आगे की कार्रवाई होगी। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव अरूण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रतिनियुक्त किए गए स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को कोड एलाट करने की बाध्यता नहीं है। उन्हें जो कॉपी दी गई है उनका मूल्यांकन करना है। उन्होंने मूल्यांकन केंद्राधीक्षक के एक बजे तक मूल्यांकन केंद्र पर से बाहर रहने की बात कहने पर नाराजगी जताया। उन्होंने कहा कि जिन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य के लिए लगाया गया उन्हें विरमित किया जाए ताकि वे अपने विद्यालय में जा कर योगदान कर सके।
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समस्या को ले डीईओ कार्यालय पहुंचे शिक्षक
हड़ताली शिक्षकों के मूल्यांकन केंद्रों पर योगदान देने के बाद स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य नहीं कराने से आक्रोशित शिक्षक समस्या के समाधान को ले समाहरणालय पहुंचे। शिक्षकों की मांग थी कि जिस तरह से विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने विरमित कर योगदान करने का निर्देश दिया था उसी तरह ससम्मान हम सभी स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को मूल्यांकन केंद्र से विरमित किया जाए। ताकि हम अपने विद्यालय में योगदान करें।
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किस मूल्यांकन केंद्र पर कितने शिक्षकों ने किया योगदान -
1.अटल बिहारी ¨सह उ. वि. में - 185
गणित - 30
विज्ञान - 25
संस्कृत - 25
राष्ट्र भाषा - 4
अंग्रेजी - 15
हिन्दी - 20
सामाजिक विज्ञान - 63
उर्दू - तीन
2. टाउन हाई स्कूल में - 197 ने योगदान दिया।

क्या कहते हैं पदाधिकारी - जिला शिक्षा पदाधिकारी राम राज प्रसाद ¨सह ने कहा कि हड़ताली शिक्षकों के योगदान देने के बाद भी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के निर्देश के आलोक में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों से भी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य कराया जाना है। ताकि निर्धारित समय पर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य पूर्ण कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जिन मूल्यांकन केंद्रों पर स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य से रोका गया है, उनके केंद्राधीक्षक से शो-काज किया गया है। 

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