पटना.राज्य के स्कूली शिक्षकों का मूल्यांकन कार्य बहिष्कार
आंदोलन शनिवार को समाप्त हो गया। इससे रविवार से मैट्रिक-इंटर परीक्षा की
कॉपियों की जांच तेज होने की संभावना है। 12 मार्च से शुरू शिक्षकों की यह
हड़ताल बिना किसी ठोस नतीजे के खत्म हुई। इतना ही नहीं जिन शिक्षकों के
विरुद्ध प्राथमिकी कराई गई या निलंबन की कार्रवाई हुई है, वह भी वापस नहीं
लिया जाएगा।
बिहार बोर्ड के
अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि जो कार्रवाई हो चुकी है उसे वापस नहीं लिया
जाएगा। हालांकि कुछ शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, यह
उनके ज्वाइन करने के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
शनिवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ से वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त हुआ। लेकिन कोई मांग पूरी तरह नहीं मानी गई। न समान काम के समान वेतन पर फैसला हुआ और न ही नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त के लिए अधिसूचना जारी हुई। लेकिन परीक्षकों की बकाया राशि के भुगतान के लिए बिहार बोर्ड को निर्देश दिया गया।
शनिवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ से वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त हुआ। लेकिन कोई मांग पूरी तरह नहीं मानी गई। न समान काम के समान वेतन पर फैसला हुआ और न ही नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त के लिए अधिसूचना जारी हुई। लेकिन परीक्षकों की बकाया राशि के भुगतान के लिए बिहार बोर्ड को निर्देश दिया गया।
तेज होगी मूल्यांकन प्रक्रिया
अब इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन कार्य में रविवार से तेजी की संभावना है। इस संबंध में बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि हड़ताल के बावजूद सकारात्मक पक्ष यह रहा है कि मूल्यांकन कार्य धीमी गति से जारी रहा। अब शिक्षकों की हड़ताल समाप्त हो जाने के बाद उम्मीद है कि रिजल्ट का जो वक्त है, उस वक्त पर हम जारी कर देंगे। संभावना है कि मई के आखिरी सप्ताह तक मैट्रिक और इंटर दोनों परीक्षाओं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
शिक्षकों
की मांगें और शिक्षा विभाग का जवाब
सेवा शर्त का निर्धारण : शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त बनाने के लिए 30 जून तक का वक्त लिया है। 15 मई के आसपास शिक्षक संघ को अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा।
समान
काम-समान वेतन
समान काम को लेकर समान वेतन पर कहा कि इसको लेकर याचिकाएं कोर्ट में हैं। कोर्ट का फैसला मानेगी सरकार। वित्तरहित कॉलेजों को अनुदान पर विभाग ने कहा कि अनुदान देने की मांग पहले ही पूरी हो चुकी हैं।