पटना : बिहार मेडिकल
(एमबीबीएस कोर्स को छोड़ कर) और इंजीनियरिंग के परीक्षार्थियों को अब दो
बार लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी. अब एक ही लिखित परीक्षा से सफल
अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा. बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता
परीक्षा पर्षद की ओर से 2018 से परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया जायेगा.
बदले पैटर्न में एक ही लिखित परीक्षा ली जायेगी. परीक्षा अप्रैल में होगी.
इसके बाद मई में रिजल्ट और जून तक नामांकन की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली
जायेगी. ज्ञात हो कि बीसीइसीइ की ओर से अभी मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज
में प्रवेश के लिए दो बार परीक्षा आयोजित की जाती है. प्रारंभिक परीक्षा
में सफल अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता
है.
विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग के सचिव
अतुल कुमार सिन्हा ने बताया कि इस बार तो परीक्षा का शेड्यूल जारी हो गया
है. अगले सत्र से हम मेडिकल और इंजीनियरिंग की संयुक्त परीक्षा पैटर्न में
बदलाव करेंगे. एक ही लिखित परीक्षा पर अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा.
इससे समय की बचत होगी और नामांकन प्रक्रिया जल्द हो पायेगी.
दो महीने लग जाते हैं केवल
परीक्षा लेने में
एमबीबीएस कोर्स में नामांकन अब नीट के
माध्यम से होता है. इसके अलावा होमियोपैथी, आयुर्वेदिक आदि संबंधित सारे
कोर्सों में नामांकन लेने के लिए बीसीइसीइ संयुक्त प्रवेश परीक्षा का
आयोजन करता है. वहीं, इंजीनियरिंग कॉलेज में भी नामांकन के लिए प्रवेश
परीक्षा पास करना होता है. प्रारंभिक और उसके बाद मुख्य परीक्षा लेने में
बीसीइसीइ को दो महीने लग जाते हैैं. इसके बाद रिजल्ट और फिर नामांकन लेने
में दो महीने का समय लग जाता है. इसे कम करने के लिए एकल परीक्षा सिस्टम
शुरू किया जायेगा.