बक्सर : हरी अनंत हरी कथा अनंता के तर्ज पर चल रहे जिले के शिक्षा
विभाग में चाहे जितनी बड़ी लापरवाही उजागर हो जाये कम है. ताजा मामला बिना
अनुमोदन के नौकरी कर रही शिक्षिका को निलंबित किये जाने का है. जी हां !
सुनने में अटपटा लगनेवाली यह बात सौ फीसद सच है.
- आधार कार्ड को लेकर सरकार का अहम आदेश, जरूर पढ़ें
- नियोजन पत्र नहीं बांटने वाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, डीएम को निर्देश : मंत्री
- डिप्टी सीएम से मिला शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल
- फर्जी सर्टिफिकेट पर job कर रहे 260, एक पूनम के प्रमाणपत्र पर 11 बने टीचर
- शिक्षक बिहार सरकार की दोहरी नीति के शिकार
- समान काम , समान वेतन : अब चार के बदले 10 को शिक्षकों का धरना
- कैसे करें IAS परीक्षा की तैयारी
बता दें कि शिक्षिका पिछले चार वर्षों से फर्जी तरीके से स्कूल में
पढ़ा रही थी. हालांकि अनुमोदन नहीं मिलने की दशा में उसके वेतन का भुगतान
नहीं हुआ है. इस बीच पिछले चार महीने से उसने दुर्घटना की सूचना देकर
विद्यालय आना भी बंद कर दिया है. उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई और निलंबन
का पत्र जारी किया जाना काफी हास्यास्पद है. उसके विरुद्ध नियोजन इकाई को
भी कार्रवाई का आदेश जारी किया गया है.
बीइओ के औचक निरीक्षण में मिली थी गायब : प्राथमिक विद्यालय में यादव
टोला सपहीं में दो दिसंबर को नावानगर के बीइओ ने औचक निरीक्षण किया था.
निरीक्षण के दौरान उस विद्यालय में उक्त शिक्षिका किरण कुमारी विद्यालय से
नदारद पायी गयीं थीं. इसके बाद बीइओ ने अपना निरीक्षण प्रतिवेदन 31 जनवरी
को जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप दिया था. उसी के आलोक में जिला शिक्षा
पदाधिकारी ने 16 फरवरी को सस्पेंड करते हुए विभागीय कार्रवाई का निर्देश
जारी किया है. सबसे दीगर बात यह रही कि उक्त फर्जी शिक्षिका के विषय में
बीइओ और डीइओ ने कुछ जानकारी हासिल किये बगैर उसपर विभागीय कार्रवाई की
अनुशंसा कर दी. इस दौरान उसका निलंबन अवधि के क्रम में ब्रह्मपुर प्रखंड
शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय को ही मुख्यालय भी घोषित कर दिया गया.
शिक्षिका नहीं होते हुए भी बनायी हाजिरी : ब्रह्मपुर प्रखंड के बीआरसी
प्रभारी जयप्रकाश तिवारी ने बताया कि किरण कुमारी समेत 12 शिक्षकों को
अनुमोदन नहीं मिला है. उन्हें वेतन का भुगतान भी नहीं होता है. लेकिन,
विभागीय सूत्र बताते हैं कि उक्त शिक्षिका की हाजिरी बनायी जा रही थी और
इसकी सूचना बीइओ को भी दी जाती थी. इस बात की पुष्टि बीआरसी प्रभारी ने भी
की. उन्होंने बताया कि अक्तूबर के बाद से उसकी हाजिरी नहीं भेजी गयी है.
जांच के बाद कुछ कह बता पाऊंगा
डीएम के आदेश पर विभिन्न विद्यालयों में औचक निरीक्षण किया गया था.
निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई का पत्र जारी किया गया है. अगर, वह
शिक्षिका फर्जी है, तो उसके लिए कार्रवाई का पत्र जारी नहीं करना चाहिए
था. हालांकि, मामले की जांच कराने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कह सकते
हैं.
श्रीकृष्ण सिंह , जिला शिक्षा पदाधिकारी
- 7th Pay commission : घटेगा नहीं , 30% ही रहेगा HRA , TA नहीं बढ़ेगा
- सीटेट का आवेदन 16 मार्च से 7 अप्रैल तक। परीक्षा - 14 मई को
- प्रदेश महासचिव TSS(TET शिक्षक संघ) : 27 फरवरी के आंदोलन के बाद ये तय हो चूका है कि सभी संघ एक मंच पर आकर आंदोलन की घोषणा एक साथ करें
- मुख्य विन्दु : बिहार शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली 2016
- सेवा शर्त के नाम पर िशक्षकों को ठग रही सरकार
- नियोजित शिक्षकों के लिए तैयार सेवा शर्त(लीक) की रिपोर्ट हाईकोर्ट में हो जाएगा खारिज़
- मार्च तक रिक्तियों के आधार पर बहाली शुरू करे सरकार