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अशोक चौधरी शिक्षा मंत्री और Jyotish संवाद : थोड़ा लंबा है लेकिन पढ़िए जरूर और अपने विचार व्यक्त करें|

.......... बड़े खिसियाई से बड़े उलझे से मंत्री जी का प्रवेश होता है और आते ही भाषण झाड़ने लगते हैं| कि शिक्षकों को नहीं मिलेगा समान काम समान वेतन||
तभी नेपथ्य से एक आवाज आती है मंत्री जी घबराते हैं और पूछते हैं कौन हो आप

मूर्ख मैं तुम्हारा भविष्य बताने आया हूं मुझे jyotish mishra कहते हैं| अगर तूने शिक्षकों के साथ ऐसा ही किया तो तुम्हारा भविष्य अंधकार में होगा

तब मंत्री जी कहते हैं आप जो भी हैं आप यह जान लें कि शिक्षक अयोग्य है तथा बार-बार आंदोलन करते रहते हैं और उनको यह लाभ देकर मुझे मिलेगा भी क्या?

#jyotish हे बुड़बक तुम्हें किसने मंत्री बना दिया तुम तो दिमाग से साफ पैदल हो जब तुम्हारी राजनैतिक पार्टी देश से साफ हो रही है तब तुम्हें ऐसा अवसर सौभाग्य से मिला है की चार लाख शिक्षकों का भला कर अर्थात इतने सारे चाणक्य का आशीर्वाद प्राप्त कर चंद्रगुप्त बन सकता है और तुम उन्हें अयोग्य कह रहे हो| अयोग्य तो वह है जिन्होंने उन का चयन किया वैसे भी वह किस काम के लिए भर्ती है प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने के लिए क्या तुम्हें लगता है कि उनमें से एक भी ऐसा होगा जिन्हें अक्षर ज्ञान अंक ज्ञान गुना भाग नहीं आता हो तो फिर तुम किस योग्यता की बात कर रहे हो| अगर लाभ के दृष्टिकोण से देखो तो शिक्षक एवं उनका परिवार और शिक्षकों की प्रभावित करने की क्षमता के अनुसार लगभग 40000000 वोटों का तुम्हें लाभ होगा|

#मंत्री किंतु नीतीश कुमार ने तो शिक्षकों को वेतनमान दिया जीतन राम मांझी भी देने वाले थे उनके साथ कहां कुछ भला हुआ

#jyotish अरे पगले जीतन राम मांझी ने वादा किया फिर कमेटी बनाकर वादाखिलाफी की इसीलिए उसको मुख्यमंत्री का ख्वाब दिखाकर जमीन पर हमने पटक दिया और नीतीश कुमार ने बैसाखी वाला चाइनीज वेतनमान दिया अतः वह भी बैसाखी वाला चाइनीज मुख्यमंत्री बन कर बैठा है

#मंत्री अगर मैं उन्हें उनकी मांग अनुसार वेतनमान नहीं दूंगा तो वह मेरा क्या बिगाड़ लेंगे वैसे भी 36 टुकड़ों में उनके बटे हुए हैं

#jyotish हे अज्ञानी पुरुष शिक्षकों का अहितकर कोई आज तक प्रसन्न रह पाया है? जान ले तू और तेरी पार्टी मिट जाएगी तुम्हें ऐसा मौका दोबारा फिर नहीं मिलेगा अगर वह एक हो गए तो तुम्हारी ईट से ईट बजा देंगे सड़क से लेकर न्यायालय तक वह तुम्हें घेर रहे हैं उन्होंने आक्रमण शुरू किया तो तुम्हें भागने का रास्ता नहीं मिलेगा|

अतः मेरी बात मान दे दे उनको जो मांगते हैं तेरा क्या जाता है तेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है

.................. इतना कहकर ज्योतिष मिश्रा जी अंतर्ध्यान हो गए और माननीय शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी जी गंभीर सोच में डूब गए

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