पटना [प्रशांत कुमार]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग
(बीएसएससी) की इंटरस्तरीय परीक्षा से पेपर लीक मामले में शुरुआत से एसआइटी
जिस गुरुजी की तलाश में जुटी थी, आखिरकार उसकी पहचान कर ली गई। उसकी असली
पहचान मधुबनी जिले के मुसल्लपुर नहर निवासी जवाहर झा के रूप में हुई है।
ऐसे निकला था गुरुजी का नाम
बताते दें कि 28 जनवरी को शाहपुर थाना क्षेत्र से राजधानी पुलिस की विशेष टीम ने फर्जी तरीके से सेना में बहाली कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस मामले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन्हीं में से गिरफ्तार रोहतास निवासी नीतीश ने बताया था कि आगामी बीएसएससी परीक्षा के पेपर लीक हो चुके हैं। अमिताभ उर्फ गुरुजी उसे पर्चा देने वाला है। वह कंकड़बाग के पंचशिव मंदिर के पास रहता है।
रिमांड पर पूछताछ के बाद हुआ खुलासा
नवादा एसआइटी ने नीतीश को रिमांड पर लिया, तब मालूम हुआ कि उसने घबराहट में अमिताभ को ही गुरुजी बता दिया था। तफ्तीश के बाद उसकी बातें सत्य पाई गई। अमिताभ और गुरुजी दो अलग-अलग शख्स निकले। एसआइटी ने नीतीश से अमिताभ का स्केच तैयार करवाया और तलाश में जुट गई। पटना एसआइटी की मदद से अमिताभ के कोचिंग का पता लगाया गया, जो कि बंद था। कुछ छात्रों से पूछताछ की गई, लेकिन अमिताभ के घर का सटीक पता नहीं मिल सका।
शिक्षक का ब्योरा खंगालने लगी पुलिस
पुलिस ने छात्रों से पूछताछ कर कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में जानकारी हासिल की। तभी मालूम हुआ कि यहां जवाहर झा उर्फ गुरुजी रसायनशास्त्र पढ़ाते थे। करीब छह महीने तक वह लापता रहे। कुछ महीने पहले से वह लगातार यहां आ रहे हैं, लेकिन क्लास नहीं लेते। इसके बाद पुलिस को अनुसंधान की नई दिशा मिली।
जवाहर ने ही नवादा में वायरल किया था पर्चा
जांच के दौरान मालूम हुआ कि करीब तीन माह पहले जवाहर ने अनिसाबाद में 90 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा है। उस फ्लैट पर ताला लटका था, जिससे पुलिस का शक गहरा गया। इस बीच पुलिस के हाथ कुछ मोबाइल नंबर लगे, जिससे पुष्टि हो गई कि जवाहर ने ही वाट्स-एप के जरिए नवादा में दलालों को प्रश्नों के उत्तर भेजे थे।
आइटी और पीसी एक्ट में कार्रवाई को दी गई अर्जी
अगमकुआं थाना पुलिस के जरिए एसआइटी ने पेपर लीक मामले में आरोपियों के खिलाफ आइटी एक्ट (इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी) और पीसी एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन) के तहत कार्रवाई करने के लिए पटना सिटी व्यवहार न्यायालय में अर्जी दी है। एसआइटी प्रमुख सह एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पेपर लीक मामले में तकनीकी संचार के माध्यमों का दुरुपयोग हुआ है। सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार किए गए हैं, जो अपराध से रुपयों की उगाही कर रहे थे, इसलिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आइटी एक्ट की धाराएं जोडऩे के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया है।
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ऐसे निकला था गुरुजी का नाम
बताते दें कि 28 जनवरी को शाहपुर थाना क्षेत्र से राजधानी पुलिस की विशेष टीम ने फर्जी तरीके से सेना में बहाली कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस मामले पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन्हीं में से गिरफ्तार रोहतास निवासी नीतीश ने बताया था कि आगामी बीएसएससी परीक्षा के पेपर लीक हो चुके हैं। अमिताभ उर्फ गुरुजी उसे पर्चा देने वाला है। वह कंकड़बाग के पंचशिव मंदिर के पास रहता है।
रिमांड पर पूछताछ के बाद हुआ खुलासा
नवादा एसआइटी ने नीतीश को रिमांड पर लिया, तब मालूम हुआ कि उसने घबराहट में अमिताभ को ही गुरुजी बता दिया था। तफ्तीश के बाद उसकी बातें सत्य पाई गई। अमिताभ और गुरुजी दो अलग-अलग शख्स निकले। एसआइटी ने नीतीश से अमिताभ का स्केच तैयार करवाया और तलाश में जुट गई। पटना एसआइटी की मदद से अमिताभ के कोचिंग का पता लगाया गया, जो कि बंद था। कुछ छात्रों से पूछताछ की गई, लेकिन अमिताभ के घर का सटीक पता नहीं मिल सका।
शिक्षक का ब्योरा खंगालने लगी पुलिस
पुलिस ने छात्रों से पूछताछ कर कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में जानकारी हासिल की। तभी मालूम हुआ कि यहां जवाहर झा उर्फ गुरुजी रसायनशास्त्र पढ़ाते थे। करीब छह महीने तक वह लापता रहे। कुछ महीने पहले से वह लगातार यहां आ रहे हैं, लेकिन क्लास नहीं लेते। इसके बाद पुलिस को अनुसंधान की नई दिशा मिली।
जवाहर ने ही नवादा में वायरल किया था पर्चा
जांच के दौरान मालूम हुआ कि करीब तीन माह पहले जवाहर ने अनिसाबाद में 90 लाख रुपये में एक फ्लैट खरीदा है। उस फ्लैट पर ताला लटका था, जिससे पुलिस का शक गहरा गया। इस बीच पुलिस के हाथ कुछ मोबाइल नंबर लगे, जिससे पुष्टि हो गई कि जवाहर ने ही वाट्स-एप के जरिए नवादा में दलालों को प्रश्नों के उत्तर भेजे थे।
आइटी और पीसी एक्ट में कार्रवाई को दी गई अर्जी
अगमकुआं थाना पुलिस के जरिए एसआइटी ने पेपर लीक मामले में आरोपियों के खिलाफ आइटी एक्ट (इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी) और पीसी एक्ट (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन) के तहत कार्रवाई करने के लिए पटना सिटी व्यवहार न्यायालय में अर्जी दी है। एसआइटी प्रमुख सह एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पेपर लीक मामले में तकनीकी संचार के माध्यमों का दुरुपयोग हुआ है। सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार किए गए हैं, जो अपराध से रुपयों की उगाही कर रहे थे, इसलिए भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आइटी एक्ट की धाराएं जोडऩे के लिए कोर्ट में आवेदन दिया गया है।
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