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सेवा पुस्तिका के अभाव में लाभ से वंचित होंगे शिक्षक

समस्तीपुर। सेवा पुस्तिका के अभाव में कई शिक्षक वर्षों बाद मिले प्रवरण वेतनमान के लाभ से वंचित रह जाएंगे। बड़ी संख्या में शिक्षकों की सेवा पुस्तिका जिला स्थापना कार्यालय में ही है। जिले के 2290 शिक्षकों को 16 वर्षों बाद प्रवरण वेतनमान का लाभ दिया गया है।
इनमें से कई शिक्षक मर चुके हैं तथा कई अवकाश ग्रहण कर चुके हैं। सेवा पुस्तिका के अभाव में शिक्षकों का वेतन निर्धारण का काम लंबित है। सेवा पुस्तिका के चक्कर में तकरीबन 25 प्रतिशत सेवानिवृत तथा मृत शिक्षक प्रवरण वेतनमान के लाभ से वंचित हो जाएंगे। प्रत्येक दिन कई शिक्षक सेवा पुस्तिका के लिए डीपीओ स्थापना कार्यालय पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें निराश लौटा दिया जाता है। कार्यालय में उनसे कोई ठीक से बात तक नहीं करता है। संबंधित प्रखंड के लिपिक दो टूक शब्द में यह कहकर लौटा देता कि उनके पास सेवा पुस्तिका नहीं है। जिले में 20 प्रखंड हैं लेकिन सेवा पुस्तिका प्रखंडवार नहीं है। एक प्रखंड का सेवा पुस्तिका दूसरे प्रखंड में मिला हुआ है। कार्यालय में ऐसे भी शिक्षक आते हैं जो पैर से लाचार हैं। वैशाखी के सहारे ऊपर चढ़ते हैं और उन्हें निराश लौटा दिया जाता है। बिहार अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के पूर्व सचिव शिवचंद्र राय ने कहा कि डीपीओ स्थापना से तीन बार मिलकर प्रखंड बार सारे सेवा पुस्तिका को सूचीबद्ध कराकर शिक्षकों को सेवा पुस्तिका उपलब्ध कराने की मांग की गई है लेकिन अबतक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

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