सहरसा। महिषी प्रखंड के खोराबरतर मध्य विद्यालय के विद्यालय प्रभारी
प्रधानाध्यापिका एवं अन्य सात शिक्षक आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। इस कारण
उनके परिवार के सामने भुखमरी की हालत हो गई है।
इसको लेकर प्रभारी प्रधानाध्यापिका मंजीता कुमारी ने अधिकारियों को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है।
प्रभारी प्रधानाध्यापिका मंजीता कुमारी ने आवेदन में कहा है कि बीईओ द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया जाता है। कई बार उन्होंने पत्र लिखकर वेतन निर्गत करने की अपील की लेकिन उनके कार्यालय के कर्मी चढ़ावा नहीं देने के कारण पांच माह से वेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं। यही नहीं मूल शिक्षक उपस्थिति पंजी भी कई माह से नहीं लौटाया जा रहा है। यह पंजी बीईओ के आदेश पर जमा किया गया था। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो बीईओ कार्यालय के बाहर सभी आठ शिक्षक भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। दूसरी ओर प्रखंड के शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने भी इस मामले में कार्यालय कर्मियों पर पैसे की उगाही का आरोप लगाया है। कहा कि शिक्षक संघ बाध्य होकर कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। जब इस आरोप व शिक्षक के लंबित वेतन भुगतान के बाबत पूछा गया तो बीईओ अशर्फी सहनी ने बताया कि शिक्षिका का आरोप बेबुनियाद है। यह 5 माह का वेतन 2 मार्च 2016 से मई 2016 तक का मामला है। यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही वेतन भुगतान के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
इसको लेकर प्रभारी प्रधानाध्यापिका मंजीता कुमारी ने अधिकारियों को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है।
प्रभारी प्रधानाध्यापिका मंजीता कुमारी ने आवेदन में कहा है कि बीईओ द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया जाता है। कई बार उन्होंने पत्र लिखकर वेतन निर्गत करने की अपील की लेकिन उनके कार्यालय के कर्मी चढ़ावा नहीं देने के कारण पांच माह से वेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं। यही नहीं मूल शिक्षक उपस्थिति पंजी भी कई माह से नहीं लौटाया जा रहा है। यह पंजी बीईओ के आदेश पर जमा किया गया था। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो बीईओ कार्यालय के बाहर सभी आठ शिक्षक भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। दूसरी ओर प्रखंड के शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार ने भी इस मामले में कार्यालय कर्मियों पर पैसे की उगाही का आरोप लगाया है। कहा कि शिक्षक संघ बाध्य होकर कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे। जब इस आरोप व शिक्षक के लंबित वेतन भुगतान के बाबत पूछा गया तो बीईओ अशर्फी सहनी ने बताया कि शिक्षिका का आरोप बेबुनियाद है। यह 5 माह का वेतन 2 मार्च 2016 से मई 2016 तक का मामला है। यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही वेतन भुगतान के बारे में निर्णय लिया जाएगा।