सुपौल। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक स्थानीय संघ भवन में संघ के
अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद यादव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें संघ
द्वारा 17 दिसम्बर को आहूत प्रदर्शन के बाबत गहन विचार-विमर्श किया गया।
बैठक को सम्बोधित करते हुए कार्यकारी प्रधान सचिव अजय कुमार ¨सह ने कहा कि जब तक समान काम का समान वेतन शिक्षकों को नहीं मिल जाता तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि राज्य संघ के निर्णयानुसार 17 दिसम्बर को जिले के शिक्षक समाहरणालय के समक्ष विशाल प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन जिला पदाधिकारी को सौंपेंगे। लेकिन हमारा आंदोलन यहीं समाप्त नहीं होगा। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है आंदोलन को और अधिक उग्र बनाते हुए जेल भरने का कार्य करेंगे। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान करते हुए कहा कि सारे मतभेदों को भुलाकर इस विशाल प्रदर्शन में सहयोग करें ताकि सरकार को शिक्षकों की ताकत व एकता का एहसास हो। बैठक में मांगों की जानकारी देते हुए बताया गया कि हमारी मांगें नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन व सेवाशर्त, प्रधानाध्यापक की प्रोन्नति हेतु द्वितीय शिथिलीकरण, मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं स्नातक वेतनमान में प्रोन्नति, अनुकम्पा पर नियुक्ति हेतु प्रशिक्षण की अनिवार्यता समाप्त करने, मध्याह्न भोजन योजना में शिक्षकों से गलत ढंग से राशि वसूली पर अविलम्ब रोक लगाने व इस योजना से शिक्षकों को मुक्त करना है। इसके अलावा अप्रशिक्षित शिक्षकों को किसी भी मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण महाविद्यालय से सवैतनिक प्रशिक्षण की मान्यता देने, सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करने, शिक्षा के मौलिक अधिकार के अंतर्गत शिक्षकों को सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने, नियोजित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में भूल के कारण कनीय वरीय हो गए हैं इसे दूर करने, जीविका दीदी द्वारा विद्यालय के निरीक्षण पर रोक लगाने सहित अन्य मांगे शामिल है। बैठक में वरीय उपाध्यक्ष हाजी मो.अब्दुल गफ्फार, शशि माला, उपाध्यक्ष रामोतार साह, फूलेश्वर साफी, सुशील कुमार सुमन, प्रभाष कुमार प्रभात, रमण कुमार वर्मा, प्रवक्ता संजय कुमार झा सहित सभी प्रखंड अध्यक्ष, सचिव, अनुमंडल अध्यक्ष व सचिव सहित जिला संघ के अन्य पदाधिकारी व कार्यसमिति के सदस्य उपस्थित थे।
बैठक को सम्बोधित करते हुए कार्यकारी प्रधान सचिव अजय कुमार ¨सह ने कहा कि जब तक समान काम का समान वेतन शिक्षकों को नहीं मिल जाता तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि राज्य संघ के निर्णयानुसार 17 दिसम्बर को जिले के शिक्षक समाहरणालय के समक्ष विशाल प्रदर्शन कर अपनी मांगों का ज्ञापन जिला पदाधिकारी को सौंपेंगे। लेकिन हमारा आंदोलन यहीं समाप्त नहीं होगा। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है आंदोलन को और अधिक उग्र बनाते हुए जेल भरने का कार्य करेंगे। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान करते हुए कहा कि सारे मतभेदों को भुलाकर इस विशाल प्रदर्शन में सहयोग करें ताकि सरकार को शिक्षकों की ताकत व एकता का एहसास हो। बैठक में मांगों की जानकारी देते हुए बताया गया कि हमारी मांगें नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन व सेवाशर्त, प्रधानाध्यापक की प्रोन्नति हेतु द्वितीय शिथिलीकरण, मध्य विद्यालयों में प्रधानाध्यापक एवं स्नातक वेतनमान में प्रोन्नति, अनुकम्पा पर नियुक्ति हेतु प्रशिक्षण की अनिवार्यता समाप्त करने, मध्याह्न भोजन योजना में शिक्षकों से गलत ढंग से राशि वसूली पर अविलम्ब रोक लगाने व इस योजना से शिक्षकों को मुक्त करना है। इसके अलावा अप्रशिक्षित शिक्षकों को किसी भी मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण महाविद्यालय से सवैतनिक प्रशिक्षण की मान्यता देने, सप्तम वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करने, शिक्षा के मौलिक अधिकार के अंतर्गत शिक्षकों को सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने, नियोजित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में भूल के कारण कनीय वरीय हो गए हैं इसे दूर करने, जीविका दीदी द्वारा विद्यालय के निरीक्षण पर रोक लगाने सहित अन्य मांगे शामिल है। बैठक में वरीय उपाध्यक्ष हाजी मो.अब्दुल गफ्फार, शशि माला, उपाध्यक्ष रामोतार साह, फूलेश्वर साफी, सुशील कुमार सुमन, प्रभाष कुमार प्रभात, रमण कुमार वर्मा, प्रवक्ता संजय कुमार झा सहित सभी प्रखंड अध्यक्ष, सचिव, अनुमंडल अध्यक्ष व सचिव सहित जिला संघ के अन्य पदाधिकारी व कार्यसमिति के सदस्य उपस्थित थे।