सीतामढ़ी। जिला शिक्षक प्रोन्नति समिति ने तत्कालीन डीईओ महेश्वर साफी
के एकल हस्ताक्षर से निर्गत 41 प्रधानाध्यापकों की प्रोन्नति को रद कर दिया
है। प्रोन्नति समिति के इस निर्णय से शिक्षा महकमा में हड़कंप मच गया है।
वहीं वंचित अर्हता प्राप्त शिक्षकों को स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान में एवं
प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर प्रोन्नति देने के लिए हरी झंडी दे दी
है।
साथ ही एसीपी के लाभ लाभान्वित कराए जाने पर निर्णय लिया गया है।
इन शिक्षकों की प्रोन्नति हुई रद
तत्कालीन डीईओ महेश्वर साफी के पत्रांक 2530 दिनांक 27 अक्टूबर 2016 में 40 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर दी गई प्रोन्नति को प्रोन्नति समिति ने रद कर दिया है। इन शिक्षकों में शमशूल होदा खां, रमेश चंद्र रमन, आत्मानंद ¨सह, सोनफी ¨सह, रामबाबू प्रसाद, प्रेम रंजन, नागेन्द्र प्रसाद प्रभाकर, ज्ञानवर्धन कंठ, विनोद बिहारी मंडल, जगत नारायण, किशोरी सहनी, गोपाल जी, रामलाल राउत, संजय कुमार, उमेश दास, कमलेश कुमार, अजय कुमार, विजय कुमार, गणेश राय, सत्य प्रकाश ज्ञानी, ब्रह्मदेव राम, परशुराम ¨सह, शैलेन्द्र कुमार पाठक, मो. हसिबुर्रहमान, अरुण कुमार, पप्पू कुमार राय, अजय कुमार, श्याम कुमार, पंकज कुमार, शिवशंकर कुमार, दिनेश कुमार, रमेश कुमार, सुरेश राय, अजय कुमार, राकेश रंजन, शत्रुघ्न प्रसाद, अनिल कुमार, रमेश कुमार, मनोज कुमार यादव व सुनील कुमार शामिल हैं।
मांगा मार्गदर्शन : पूर्व में आयोजित जिला प्रोन्नति समिति की बैठक में 324 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया गया था। पदस्थापन पत्र के इंतजार में चार शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। शेष 302 प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकों का पदस्थापना कर दिया गया। जिसमें शिक्षकों में से 18 वैसे शिक्षकों को तारांकित कर मार्गदर्शन की मांग की गई थी जिनका डिग्री संस्कृत से था। तारांकित शिक्षकों के पदस्थापन के लिए पुन: विभाग से मार्गदर्शन की मांग की गई। प्रोन्नति समिति के अनुसार मार्गदर्शन के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएंगी।
क्या है मामला
विभागीय निर्देश के आलोक में फरवरी में प्रधानाध्यापक के रिक्त पद व स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके तहत मुख्यालय डुमरा स्थित मध्य विद्यालय सोशल क्लब में कैंप लगाकर अर्हता प्राप्त शिक्षकों से आवेदन पत्र के साथ आवश्यक प्रमाण पत्र जमा कराया गया था। जिसमें स्नातक कला व विज्ञान प्रशिक्षित वेतनमान में प्रोन्नति के लिए कुल 274 शिक्षकों ने काउंसि¨लग कराया था। प्रथम दिन 92 व अंतिम दिन 182 शिक्षकों ने काउंसि¨लग कराया था। काउंसि¨लग कराने वालों में 34540 कोटि के करीब 153 शिक्षक व शिक्षिकाएं को भी शामिल किया गया था। शिक्षक संघ के प्रदर्शन के बाद हुआ औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन शिविर में प्राप्त आवेदन के दो माह बाद भी औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने पर शिक्षक संघ द्वारा पुन: हंगामा किया गया। इससे भी बात नहीं बनी, तो धरना- प्रदर्शन कर विरोध जताया। औपबंधिक मेधा सूची के प्रकाशन के बाद अंतिम सूची के प्रकाशन के लिए प्रोन्नति समिति की बैठक बुलाने के लिए दवाब बनाया गया। काफी कोशिश के बाद 28 जुलाई को प्रोन्नति समिति की बैठक में अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद अर्हता प्राप्त शिक्षकों को प्रोन्नति देने पर सहमति बनी। जिसमें संस्कृत से आचार्य उतीर्ण अभ्यर्थियों के लिए मार्गदर्शन की मांग की गई। वही औपबंधिक मेधा सूची में शामिल 700 शिक्षकों के प्रोन्नति पर विचार करते हुए 324 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया गया। जबकि स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति पर कोई विचार नहीं किया गया। औपबंधिक मेधा सूची में 700 शिक्षक शामिल मध्य विद्यालय में स्नातक कला व विज्ञान प्रशिक्षित वेतनमान व प्रधानाध्यापकों के पद पर प्रोन्नति के लिए प्रकाशित औपबंधिक मेधा सूची में 700 शिक्षकों को शामिल किया गया था। काउंसि¨लग में प्राप्त आवेदन के आलोक में अर्हता प्राप्त स्नातक कला व विज्ञान प्रशिक्षित वेतनमान के लिए 300 व प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के लिए 400 शिक्षकों को शामिल किया गया था। लेकिन प्रोन्नति समिति की बैठक में केवल प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए ही हरी झंडी दी गई थी । पुन: हंगामें के बाद पत्र निर्गत के लिए काउंसि¨लग की तिथि निर्धारित कर प्रोन्नति समिति के निर्णय के आलोक में शिक्षक पदस्थापन पत्र का इंतजार करने लगे। समय बीतने लगा, लेकिन प्रोन्नति पत्र नहीं मिला। तब शिक्षक संघ ने प्रोन्नति पत्र के लिए अधिकारियों पर दवाब बनाने लगे। इसे लेकर पैसों का लेन देन का खेल भी चलता रहा। शिक्षा महकमा में मनचाहा स्कूल में पो¨स्टग के लिए पैसों के लेन देन का खेल चला । सूत्रों की मानें तो डुमरा के स्कूलों में पो¨स्टग के लिए ऊंची बोली लगी। और तो और डीडीओ के पद पर पदस्थापन के लिए लाखों में बोली लगने लगी। इस खेल में शिक्षा माफियाओं की खूब चली। पैसे के लेन देन को लेकर शिक्षा अधिकारियों में आपसी समन्वय खराब हो गया। इसे लेकर पो¨स्टग की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया। शिक्षा माफियाओं ने एक नया हथकंडा निकाला और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दबाब बनाने लगे। अंतत: शिक्षक संघ भी आमने सामने हो गए। कई बार हंगामा किया गया। स्थिति को देखते हुए शिक्षा अधिकारियों ने काउंसि¨लग के माध्यम से शिक्षकों को स्कूल पदस्थापना से संबंधित पत्र निर्गत करने का निर्णय लिया। इसके लिए 14 अगस्त को दिव्यांग, महिला व एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों को मौका दिया गया। निर्धारित तिथि को एमपी हाई स्कूल में आयोजित शिविर में 50 शिक्षक व शिक्षिकाओं ने काउंसि¨लग कराया। इनसे वरीयता के आधार पर मनचाहा स्कूल के लिए सहमति प्राप्त की गई। जिसमें 31 महिलाएं, 19 पुरुष व 4 दिव्यांग शामिल हुए। वहीं शेष शिक्षकों के लिए काउंसि¨लग की तिथि 16 व 17 अगस्त को निर्धारित की गई थी। काउंसिलंग की तिथि स्थगित, पत्र की तैयारी शुरू काउंसि¨लग के लिए प्रथम कैम्प की सफलता के बाद शिक्षा माफियाओं में खलबली मच गई। ऐन केन प्रकारेन विभागीय पत्र का हवाला देते हुए शिक्षा अधिकारियों को अपने पक्ष में करने में सफल हो गए। 16 अगस्त को डीईओ कार्यालय में जमकर हंगामा होता रहा। आखिरकार विवश पदाधिकारियों ने काउंसि¨लग की निर्धारित तिथि को स्थगित कर दिया और पदस्थापन पत्र तैयारी करने में जुट गए। 17 अगस्त को डीईओ कार्यालय पर शिक्षा माफियाओं की लगी रही निगाहें बुधवार को दिन भर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में प्रोन्नति व स्कूल पदस्थापन के लिए पत्र की तैयारी को लेकर गहमागहमी होती रही। डीपीओ स्थापना, प्रभारी डीईओ, पीओ सभी एक साथ डीईओ के चेम्बर में बंद रहे और पत्र की तैयारी करते रहे। इधर शिक्षक संघ के पदाधिकारी, शिक्षक व शिक्षा माफियाओं की टीम दिन भर डीईओ कार्यालय की निगरानी करने में व्यस्त रहे। आखिरकार बंद कमरे के क्या हो रहा है। बाहर से कौन कौन आ रहे है। पैरवी पुत्रों का जमावड़ा कहां हो रहा है। पत्र की तैयारी में क्या क्या खेल हो रहा है, इन गतिविधियों पर सभी की नजर थी। शिक्षा अधिकारियों की वाहन डीईओ कार्यालय से दूर स्टैंड किया गया था। ताकि लोगों को शक नही हो और अनावश्यक दबाब नहीं झेलना पड़े। संध्या को इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीओ स्थापना ने बताया कि प्रोन्नति व स्कूल पदस्थापना संबंधी पत्र की तैयारी चल रही है।
डीएम को भी दी गई थी चुनौती : इधर पदस्थापना पत्र निर्गत करने को लेकर मची हाय तौबा के बाद मिली शिकायत के आलोक में शिक्षा मंत्री ने डीएम को पत्र भेजकर कमेटी गठित करने व प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों को पदस्थापित करने का निर्देश दिया। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर डीएम ने कमेटी का गठन कर दिया।जब कमेटी ने डीईटो से फाइल मांगी तो तत्कालीन डीईओ महेश्वर साफी ने डीएम को प्रावधान का हवाला देते हुए मार्गदर्शन की मांग कर दी। मामला मार्गदर्शन पर जाकर स्थगित हो गया। इसे देखते हुए शिक्षकों ने आंदोलन छेड़ दी। अराजपत्रित शिक्षक संघ ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। पुन: विभाग से डीएम को निर्देश मिला। डीएम के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की अनशन स्थल पहुंचे और अनशनकारियों से वार्ता कर विडियोग्राफी के साथ प्रोन्नति पत्र निर्गत करने का निर्देश दिया गया। निर्देश के आलोक में वरीयता के आधार पर शिक्षकों का काउंस¨लग कराकर स्कूल पदस्थापना करने का निर्णय लिया गया। 22 अक्टूबर को डुमरा स्थित नेहरू भवन में शिविर आयोजित की गई ।समानुपातिक रिक्ति के विरुद्ध अधिच्छा के आधार पर नव प्रोन्नत शिक्षकों की प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापना की गई। जिसमें नवप्रोन्नत 325 शिक्षकों में से मात्र 217 शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर पदस्थापना पत्र निर्गत किया गया। जबकि शेष 83 नव प्रोन्नत शिक्षकों को रविवार की देर शाम तक पदस्थापना पत्र निर्गत नहीं किया गया था। जबकि 18 शिक्षकों को स्टार की सूची में शामिल किया गया था। जिनके अमान्य संस्था से उच्च शिक्षा प्राप्त करने की बात कही गई
होता रहा ड्रामा : पदस्थापना पत्र निर्गत किए जाने को लेकर 20 अक्टूबर को डीपीओ स्थापना सुरेश प्रसाद ने थानाध्यक्ष से जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। डीपीओ स्थापना ने थानाध्यक्ष डुमरा को दिए आवेदन में कह था कि 20 अक्टूबर की रात जब वे हनुमान चौक स्थित किराये के मकान में सो रहा था तभी उनके मोबाइल नंबर 9708940782 पर मोबाइल नंबर 8804310285 से 17 बार कॉल आया। मकान मालिक संजय कुमार ने जगाया और कहा कि बाहर एक बोलेरो एवं 5-7 मोटरसाइकिल पर करीब 15-20 आदमी मुंह बांधे हुए गेट पर खड़े हैं। दरवाजा पीट रहे और आपको बाहर बुला रहे हैं। मैँ घर से नहीं निकला। वे लोग काफी इंजतार करते रहे और हल्ला करने के बाद सभी लोग लौट गए। कहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी महेश्वर साफी अपने पद का धौंस दिखाकर आपसी रंजिश से मुझसे अपने चहेते को नियम के विरुद्ध प्रोन्नति एवं मनानुकूल पदस्थापन कराना चाह रहे हैं। मुझे लगता है कि डीईओ के द्वारा ही मेरा अपहरण एवं जान मारने के नियति से ही रात्रि में असमाजिक तत्वों को मेरे आवास पर भेजा गया था। अनुरोध है कि मेरे जान माल की सुरक्षा हेतु आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा की जाए साथ ही दोषी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई करने की कृपा की जाए। पुन: ऐने केने प्रकारेण शेष शिक्षकों का पदस्थापना पत्र निर्गत किया गया। इसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौड़ चलने लगा। समानुपातिक रिक्ति में बरती गई अनियमितता व डीईओ द्वारा एकल हस्ताक्षर से पदस्थापना पत्र निकाले जाने को असंवैधानिक बताया।
साथ ही एसीपी के लाभ लाभान्वित कराए जाने पर निर्णय लिया गया है।
इन शिक्षकों की प्रोन्नति हुई रद
तत्कालीन डीईओ महेश्वर साफी के पत्रांक 2530 दिनांक 27 अक्टूबर 2016 में 40 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर दी गई प्रोन्नति को प्रोन्नति समिति ने रद कर दिया है। इन शिक्षकों में शमशूल होदा खां, रमेश चंद्र रमन, आत्मानंद ¨सह, सोनफी ¨सह, रामबाबू प्रसाद, प्रेम रंजन, नागेन्द्र प्रसाद प्रभाकर, ज्ञानवर्धन कंठ, विनोद बिहारी मंडल, जगत नारायण, किशोरी सहनी, गोपाल जी, रामलाल राउत, संजय कुमार, उमेश दास, कमलेश कुमार, अजय कुमार, विजय कुमार, गणेश राय, सत्य प्रकाश ज्ञानी, ब्रह्मदेव राम, परशुराम ¨सह, शैलेन्द्र कुमार पाठक, मो. हसिबुर्रहमान, अरुण कुमार, पप्पू कुमार राय, अजय कुमार, श्याम कुमार, पंकज कुमार, शिवशंकर कुमार, दिनेश कुमार, रमेश कुमार, सुरेश राय, अजय कुमार, राकेश रंजन, शत्रुघ्न प्रसाद, अनिल कुमार, रमेश कुमार, मनोज कुमार यादव व सुनील कुमार शामिल हैं।
मांगा मार्गदर्शन : पूर्व में आयोजित जिला प्रोन्नति समिति की बैठक में 324 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया गया था। पदस्थापन पत्र के इंतजार में चार शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए। शेष 302 प्रोन्नति प्राप्त शिक्षकों का पदस्थापना कर दिया गया। जिसमें शिक्षकों में से 18 वैसे शिक्षकों को तारांकित कर मार्गदर्शन की मांग की गई थी जिनका डिग्री संस्कृत से था। तारांकित शिक्षकों के पदस्थापन के लिए पुन: विभाग से मार्गदर्शन की मांग की गई। प्रोन्नति समिति के अनुसार मार्गदर्शन के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएंगी।
क्या है मामला
विभागीय निर्देश के आलोक में फरवरी में प्रधानाध्यापक के रिक्त पद व स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति के लिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके तहत मुख्यालय डुमरा स्थित मध्य विद्यालय सोशल क्लब में कैंप लगाकर अर्हता प्राप्त शिक्षकों से आवेदन पत्र के साथ आवश्यक प्रमाण पत्र जमा कराया गया था। जिसमें स्नातक कला व विज्ञान प्रशिक्षित वेतनमान में प्रोन्नति के लिए कुल 274 शिक्षकों ने काउंसि¨लग कराया था। प्रथम दिन 92 व अंतिम दिन 182 शिक्षकों ने काउंसि¨लग कराया था। काउंसि¨लग कराने वालों में 34540 कोटि के करीब 153 शिक्षक व शिक्षिकाएं को भी शामिल किया गया था। शिक्षक संघ के प्रदर्शन के बाद हुआ औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन शिविर में प्राप्त आवेदन के दो माह बाद भी औपबंधिक मेधा सूची का प्रकाशन नहीं होने पर शिक्षक संघ द्वारा पुन: हंगामा किया गया। इससे भी बात नहीं बनी, तो धरना- प्रदर्शन कर विरोध जताया। औपबंधिक मेधा सूची के प्रकाशन के बाद अंतिम सूची के प्रकाशन के लिए प्रोन्नति समिति की बैठक बुलाने के लिए दवाब बनाया गया। काफी कोशिश के बाद 28 जुलाई को प्रोन्नति समिति की बैठक में अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद अर्हता प्राप्त शिक्षकों को प्रोन्नति देने पर सहमति बनी। जिसमें संस्कृत से आचार्य उतीर्ण अभ्यर्थियों के लिए मार्गदर्शन की मांग की गई। वही औपबंधिक मेधा सूची में शामिल 700 शिक्षकों के प्रोन्नति पर विचार करते हुए 324 शिक्षकों को प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति देने का निर्णय लिया गया। जबकि स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति पर कोई विचार नहीं किया गया। औपबंधिक मेधा सूची में 700 शिक्षक शामिल मध्य विद्यालय में स्नातक कला व विज्ञान प्रशिक्षित वेतनमान व प्रधानाध्यापकों के पद पर प्रोन्नति के लिए प्रकाशित औपबंधिक मेधा सूची में 700 शिक्षकों को शामिल किया गया था। काउंसि¨लग में प्राप्त आवेदन के आलोक में अर्हता प्राप्त स्नातक कला व विज्ञान प्रशिक्षित वेतनमान के लिए 300 व प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति के लिए 400 शिक्षकों को शामिल किया गया था। लेकिन प्रोन्नति समिति की बैठक में केवल प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के लिए ही हरी झंडी दी गई थी । पुन: हंगामें के बाद पत्र निर्गत के लिए काउंसि¨लग की तिथि निर्धारित कर प्रोन्नति समिति के निर्णय के आलोक में शिक्षक पदस्थापन पत्र का इंतजार करने लगे। समय बीतने लगा, लेकिन प्रोन्नति पत्र नहीं मिला। तब शिक्षक संघ ने प्रोन्नति पत्र के लिए अधिकारियों पर दवाब बनाने लगे। इसे लेकर पैसों का लेन देन का खेल भी चलता रहा। शिक्षा महकमा में मनचाहा स्कूल में पो¨स्टग के लिए पैसों के लेन देन का खेल चला । सूत्रों की मानें तो डुमरा के स्कूलों में पो¨स्टग के लिए ऊंची बोली लगी। और तो और डीडीओ के पद पर पदस्थापन के लिए लाखों में बोली लगने लगी। इस खेल में शिक्षा माफियाओं की खूब चली। पैसे के लेन देन को लेकर शिक्षा अधिकारियों में आपसी समन्वय खराब हो गया। इसे लेकर पो¨स्टग की प्रक्रिया पर ब्रेक लग गया। शिक्षा माफियाओं ने एक नया हथकंडा निकाला और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से दबाब बनाने लगे। अंतत: शिक्षक संघ भी आमने सामने हो गए। कई बार हंगामा किया गया। स्थिति को देखते हुए शिक्षा अधिकारियों ने काउंसि¨लग के माध्यम से शिक्षकों को स्कूल पदस्थापना से संबंधित पत्र निर्गत करने का निर्णय लिया। इसके लिए 14 अगस्त को दिव्यांग, महिला व एक वर्ष के भीतर सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों को मौका दिया गया। निर्धारित तिथि को एमपी हाई स्कूल में आयोजित शिविर में 50 शिक्षक व शिक्षिकाओं ने काउंसि¨लग कराया। इनसे वरीयता के आधार पर मनचाहा स्कूल के लिए सहमति प्राप्त की गई। जिसमें 31 महिलाएं, 19 पुरुष व 4 दिव्यांग शामिल हुए। वहीं शेष शिक्षकों के लिए काउंसि¨लग की तिथि 16 व 17 अगस्त को निर्धारित की गई थी। काउंसिलंग की तिथि स्थगित, पत्र की तैयारी शुरू काउंसि¨लग के लिए प्रथम कैम्प की सफलता के बाद शिक्षा माफियाओं में खलबली मच गई। ऐन केन प्रकारेन विभागीय पत्र का हवाला देते हुए शिक्षा अधिकारियों को अपने पक्ष में करने में सफल हो गए। 16 अगस्त को डीईओ कार्यालय में जमकर हंगामा होता रहा। आखिरकार विवश पदाधिकारियों ने काउंसि¨लग की निर्धारित तिथि को स्थगित कर दिया और पदस्थापन पत्र तैयारी करने में जुट गए। 17 अगस्त को डीईओ कार्यालय पर शिक्षा माफियाओं की लगी रही निगाहें बुधवार को दिन भर जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में प्रोन्नति व स्कूल पदस्थापन के लिए पत्र की तैयारी को लेकर गहमागहमी होती रही। डीपीओ स्थापना, प्रभारी डीईओ, पीओ सभी एक साथ डीईओ के चेम्बर में बंद रहे और पत्र की तैयारी करते रहे। इधर शिक्षक संघ के पदाधिकारी, शिक्षक व शिक्षा माफियाओं की टीम दिन भर डीईओ कार्यालय की निगरानी करने में व्यस्त रहे। आखिरकार बंद कमरे के क्या हो रहा है। बाहर से कौन कौन आ रहे है। पैरवी पुत्रों का जमावड़ा कहां हो रहा है। पत्र की तैयारी में क्या क्या खेल हो रहा है, इन गतिविधियों पर सभी की नजर थी। शिक्षा अधिकारियों की वाहन डीईओ कार्यालय से दूर स्टैंड किया गया था। ताकि लोगों को शक नही हो और अनावश्यक दबाब नहीं झेलना पड़े। संध्या को इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीओ स्थापना ने बताया कि प्रोन्नति व स्कूल पदस्थापना संबंधी पत्र की तैयारी चल रही है।
डीएम को भी दी गई थी चुनौती : इधर पदस्थापना पत्र निर्गत करने को लेकर मची हाय तौबा के बाद मिली शिकायत के आलोक में शिक्षा मंत्री ने डीएम को पत्र भेजकर कमेटी गठित करने व प्रोन्नत प्राप्त शिक्षकों को पदस्थापित करने का निर्देश दिया। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर डीएम ने कमेटी का गठन कर दिया।जब कमेटी ने डीईटो से फाइल मांगी तो तत्कालीन डीईओ महेश्वर साफी ने डीएम को प्रावधान का हवाला देते हुए मार्गदर्शन की मांग कर दी। मामला मार्गदर्शन पर जाकर स्थगित हो गया। इसे देखते हुए शिक्षकों ने आंदोलन छेड़ दी। अराजपत्रित शिक्षक संघ ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। पुन: विभाग से डीएम को निर्देश मिला। डीएम के नेतृत्व में शिक्षा विभाग की अनशन स्थल पहुंचे और अनशनकारियों से वार्ता कर विडियोग्राफी के साथ प्रोन्नति पत्र निर्गत करने का निर्देश दिया गया। निर्देश के आलोक में वरीयता के आधार पर शिक्षकों का काउंस¨लग कराकर स्कूल पदस्थापना करने का निर्णय लिया गया। 22 अक्टूबर को डुमरा स्थित नेहरू भवन में शिविर आयोजित की गई ।समानुपातिक रिक्ति के विरुद्ध अधिच्छा के आधार पर नव प्रोन्नत शिक्षकों की प्रधानाध्यापक के पद पर पदस्थापना की गई। जिसमें नवप्रोन्नत 325 शिक्षकों में से मात्र 217 शिक्षकों को स्कूल आवंटित कर पदस्थापना पत्र निर्गत किया गया। जबकि शेष 83 नव प्रोन्नत शिक्षकों को रविवार की देर शाम तक पदस्थापना पत्र निर्गत नहीं किया गया था। जबकि 18 शिक्षकों को स्टार की सूची में शामिल किया गया था। जिनके अमान्य संस्था से उच्च शिक्षा प्राप्त करने की बात कही गई
होता रहा ड्रामा : पदस्थापना पत्र निर्गत किए जाने को लेकर 20 अक्टूबर को डीपीओ स्थापना सुरेश प्रसाद ने थानाध्यक्ष से जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। डीपीओ स्थापना ने थानाध्यक्ष डुमरा को दिए आवेदन में कह था कि 20 अक्टूबर की रात जब वे हनुमान चौक स्थित किराये के मकान में सो रहा था तभी उनके मोबाइल नंबर 9708940782 पर मोबाइल नंबर 8804310285 से 17 बार कॉल आया। मकान मालिक संजय कुमार ने जगाया और कहा कि बाहर एक बोलेरो एवं 5-7 मोटरसाइकिल पर करीब 15-20 आदमी मुंह बांधे हुए गेट पर खड़े हैं। दरवाजा पीट रहे और आपको बाहर बुला रहे हैं। मैँ घर से नहीं निकला। वे लोग काफी इंजतार करते रहे और हल्ला करने के बाद सभी लोग लौट गए। कहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी महेश्वर साफी अपने पद का धौंस दिखाकर आपसी रंजिश से मुझसे अपने चहेते को नियम के विरुद्ध प्रोन्नति एवं मनानुकूल पदस्थापन कराना चाह रहे हैं। मुझे लगता है कि डीईओ के द्वारा ही मेरा अपहरण एवं जान मारने के नियति से ही रात्रि में असमाजिक तत्वों को मेरे आवास पर भेजा गया था। अनुरोध है कि मेरे जान माल की सुरक्षा हेतु आवश्यक कार्रवाई करने की कृपा की जाए साथ ही दोषी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई करने की कृपा की जाए। पुन: ऐने केने प्रकारेण शेष शिक्षकों का पदस्थापना पत्र निर्गत किया गया। इसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौड़ चलने लगा। समानुपातिक रिक्ति में बरती गई अनियमितता व डीईओ द्वारा एकल हस्ताक्षर से पदस्थापना पत्र निकाले जाने को असंवैधानिक बताया।