मधुबनी । जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा एवं सर्व शिक्षा
अभियान) रामाश्रय प्रसाद द्वारा दर्ज कराए गए प्राथमिकी में जो आरोप लगाया
है, उस आरोपों को नियोजित शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सह उमवि मोमिनपुर,
रहिका के प्रखंड शिक्षक राजू कुमार ¨सह उर्फ राजू यादव तथा सचिव व प्रावि
आदर्श नगर के पंचायत शिक्षक पवन कुमार चौधरी ने सिरे से खारिज किया है।
राजू यादव ने कहा है कि उनके व पवन कुमार चौधरी के खिलाफ डीपीओ रामाश्रय प्रसाद ने तथ्यहीन, बेबुनियाद व मनगढ़ंत आरोप लगाकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। राजू यादव ने कहा है कि जिस समय व जिस स्थल पर घटना का डीपीओ रामाश्रय प्रसाद द्वारा जिक्र किया गया है उस समय तो वे वहां थे ही नहीं। राजू यादव ने कहा है कि प्राथमिकी में डीपीओ ने घटना स्थल का जिक्र सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय का किया है तथा घटना 31 अक्टूबर को बताया है, जबकि वे और पवन कुमार चौधरी 31 अक्टूबर को नियोजित शिक्षक संघ बाबूबरही प्रखंड इकाई के सचिव सुरेश चन्द्र सुमन के यहां काली पूजा के मौके पर 10 बजे दिन में ही गए थे और वहां 05 बजे शाम तक थे। राजू यादव ने कहा कि उन्हें तथा पवन कुमार चौधरी को डीपीओ ने एक साजिश के तहत गलत मुकदमा में फंसाया है। राजू यादव ने कहा कि भवन निर्माण की राशि लंबे समय तक रखने व भवन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने वाले बाबूबरही प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश निर्गत किया गया था। लेकिन इसी प्रखंड के एक मध्य विद्यालय की पूर्व प्रधान शिक्षिका के विरूद्ध निहित स्वार्थवश प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई तथा वेतन पर लगी रोक भी हटा लिया गया। जबकि इन पर भी भवन निर्माण की राशि 2010-11 में ही लेकर भवन निर्माण कार्य अधूरा रखने का आरोप है। इस मामले को लेकर नियोजित शिक्षक संघ बाबूबरही प्रखंड इकाई द्वारा डीएम से शिकायत की गई। उनसे समान आरोप के लिए समान कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। इसी आलोक में डीईओ द्वारा डीपीओ-एसएसए को उक्त शिक्षिका के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज करने व वेतन स्थगित करने को लेकर पत्र निर्गत किया गया। इस पत्र के अनुपालन में उक्त शिक्षिका के विरूद्ध जब एफआईआर करने में लेटलतीफी व आनाकानी की गई तो संघ द्वारा कार्यालय का घेराव करने की बात कही गई। राजू यादव ने कहा कि इसी बात से बौखला कर उनके साथ ही पवन कुमार चौधरी के खिलाफ भी मनगढ़ंत आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।
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राजू यादव ने कहा है कि उनके व पवन कुमार चौधरी के खिलाफ डीपीओ रामाश्रय प्रसाद ने तथ्यहीन, बेबुनियाद व मनगढ़ंत आरोप लगाकर नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। राजू यादव ने कहा है कि जिस समय व जिस स्थल पर घटना का डीपीओ रामाश्रय प्रसाद द्वारा जिक्र किया गया है उस समय तो वे वहां थे ही नहीं। राजू यादव ने कहा है कि प्राथमिकी में डीपीओ ने घटना स्थल का जिक्र सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय का किया है तथा घटना 31 अक्टूबर को बताया है, जबकि वे और पवन कुमार चौधरी 31 अक्टूबर को नियोजित शिक्षक संघ बाबूबरही प्रखंड इकाई के सचिव सुरेश चन्द्र सुमन के यहां काली पूजा के मौके पर 10 बजे दिन में ही गए थे और वहां 05 बजे शाम तक थे। राजू यादव ने कहा कि उन्हें तथा पवन कुमार चौधरी को डीपीओ ने एक साजिश के तहत गलत मुकदमा में फंसाया है। राजू यादव ने कहा कि भवन निर्माण की राशि लंबे समय तक रखने व भवन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने वाले बाबूबरही प्रखंड के सभी प्रधानाध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश निर्गत किया गया था। लेकिन इसी प्रखंड के एक मध्य विद्यालय की पूर्व प्रधान शिक्षिका के विरूद्ध निहित स्वार्थवश प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई तथा वेतन पर लगी रोक भी हटा लिया गया। जबकि इन पर भी भवन निर्माण की राशि 2010-11 में ही लेकर भवन निर्माण कार्य अधूरा रखने का आरोप है। इस मामले को लेकर नियोजित शिक्षक संघ बाबूबरही प्रखंड इकाई द्वारा डीएम से शिकायत की गई। उनसे समान आरोप के लिए समान कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। इसी आलोक में डीईओ द्वारा डीपीओ-एसएसए को उक्त शिक्षिका के विरूद्ध भी प्राथमिकी दर्ज करने व वेतन स्थगित करने को लेकर पत्र निर्गत किया गया। इस पत्र के अनुपालन में उक्त शिक्षिका के विरूद्ध जब एफआईआर करने में लेटलतीफी व आनाकानी की गई तो संघ द्वारा कार्यालय का घेराव करने की बात कही गई। राजू यादव ने कहा कि इसी बात से बौखला कर उनके साथ ही पवन कुमार चौधरी के खिलाफ भी मनगढ़ंत आरोप लगाकर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।
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