भागलपुर । तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) प्रशासन ने
कॉलेजों और पीजी विभागों को सख्त हिदायत दी है कि वे बिना बताए छुट्टी पर
जाने वाले और लेट लतीफ आने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट समय से विश्वविद्यालय
को उपलब्ध कराए।
ताकि विश्वविद्यालय उस रिपोर्ट को हर 15 दिनों पर राजभवन को भेज सके। कुलसचिव प्रो. आशुतोष प्रसाद ने कहा बताया कि हर माह प्रत्येक हफ्ते शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेजनी है।
हर हफ्ते भेजनी है कॉलेजों को रिपोर्ट
टीएमबीयू के 29 अंगीभूत महाविद्यालयों और 33 स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों की उपस्थिति की रिपोर्ट प्रतिदिन विश्वविद्यालय को भेजी जाती है। विश्वविद्यालय इसकी एकमुश्त डिटेल राजभवन को भेजती है। किंतु कुछ कॉलेजों को छोड़कर ज्यादातर कॉलेज विश्वविद्यालय को शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं भेजते। इस कारण विश्वविद्यालय भी राजभवन को समय से कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं भेज रही। इसलिए विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों और विभागों को हर महीने प्रत्येक हफ्ते के अंत में विश्वविद्यालय को शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।
कोट :
कॉलेजों और स्नातकोत्तर विभागों में प्रत्येक हफ्ते बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले और समय से नहीं आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को अनिवार्य रूप से भेजनी है। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
- प्रो. आशुतोष प्रसाद, कुलसचिव टीएमबीयू
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समय से नहीं मिली रिपोर्ट तो संस्थान के हेड पर होगी कार्रवाई
जासं, भागलपुर : शिक्षकों की उपस्थिति के मामले मामले में राजभवन काफी सख्त है। विश्वविद्यालय को हर 15 दिनों में शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट राजभवन भेजनी है। राजभवन से विश्वविद्यालय को बार-बार शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी जाती है। किंतु कॉलेज और विभागों से समय से रिपोर्ट नहीं आने पर विश्वविद्यालय राजभवन को तय समय सीमा में अपनी रिपोर्ट नहीं भेज रही है। इस कारण अब यदि रिपोर्ट समय से नहीं मिली तो वैसे प्राचार्य और विभागाध्यक्षों को कार्यवाई के दायरे में लाया जाएगा।
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शिक्षकों पर कार्रवाई से बचते हैं प्राचार्य और हेड
जासं, भागलपुर : टीएमबीयू के अंगीभूत कॉलेजों और स्नातकोत्तर विभागों में प्राचार्य और विभागाध्यक्ष शिक्षकों पर कार्रवाई से बचते हैं। कई कॉलेजों और पीजी विभाग में कई शिक्षक नेता भी कार्यरत हैं। इसमें से कुछ को छोड़ दें तो ऐसे शिक्षक ना ही समय से संस्थान आते हैं और बिना बताए मनमाने तरीके से छुट्टी पर चले जाते हैं। किंतु राजनीतिक हनक के कारण ऐसे शिक्षकों पर संस्थान के मुखिया हाथ डालने से बचते हैं। ऐसे कई शिक्षक नेताओं की गतिविधियां ज्यादा समय कॉलेजों और विभागों में ना होकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों के इर्द गिर्द घूमती रहती है। ऐसे में ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की बात तो दूर इनको अपनी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए भी संस्थान प्राचार्य या हेड नहीं कह सकते।
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विश्वविद्यालय खुद भी क्रास चेक कर करेगा कार्रवाई
जासं, भागलपुर : टीएमबीयू प्रशासन को यदि कॉलेज और विभाग लेट लतीफ और बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं भेजती है, तो विश्वविद्यालय अपने स्तर से शिक्षकों पर कार्रवाई करेगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ने अपनी तैयारी कर ली है। कॉलेजों और पीजी विभागों से शिक्षकों की प्रतिदिन उपस्थिति रिपोर्ट विश्वविद्यालय आती है। किंतु इसमें कार्रवाई की बात काफी कम देखने को मिलती है। किंतु टीएमबीयू अब प्रतिदिन के शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट के आधार पर लेट लतीफ और बिना बताए गायब रहने वाले शिक्षकों को कार्रवाई करते हुए, शिक्षकों को बचाने वाले प्राचार्य और पीजी हेड को भी कार्रवाई के दायरे में लाएगी। कुलसचिव प्रो. आशुतोष प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों की उपस्थिति मामले में राजभवन ने काफी सख्ती की हुई है।
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ताकि विश्वविद्यालय उस रिपोर्ट को हर 15 दिनों पर राजभवन को भेज सके। कुलसचिव प्रो. आशुतोष प्रसाद ने कहा बताया कि हर माह प्रत्येक हफ्ते शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेजनी है।
हर हफ्ते भेजनी है कॉलेजों को रिपोर्ट
टीएमबीयू के 29 अंगीभूत महाविद्यालयों और 33 स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों की उपस्थिति की रिपोर्ट प्रतिदिन विश्वविद्यालय को भेजी जाती है। विश्वविद्यालय इसकी एकमुश्त डिटेल राजभवन को भेजती है। किंतु कुछ कॉलेजों को छोड़कर ज्यादातर कॉलेज विश्वविद्यालय को शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं भेजते। इस कारण विश्वविद्यालय भी राजभवन को समय से कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं भेज रही। इसलिए विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों और विभागों को हर महीने प्रत्येक हफ्ते के अंत में विश्वविद्यालय को शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है।
कोट :
कॉलेजों और स्नातकोत्तर विभागों में प्रत्येक हफ्ते बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले और समय से नहीं आने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को अनिवार्य रूप से भेजनी है। ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
- प्रो. आशुतोष प्रसाद, कुलसचिव टीएमबीयू
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समय से नहीं मिली रिपोर्ट तो संस्थान के हेड पर होगी कार्रवाई
जासं, भागलपुर : शिक्षकों की उपस्थिति के मामले मामले में राजभवन काफी सख्त है। विश्वविद्यालय को हर 15 दिनों में शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट राजभवन भेजनी है। राजभवन से विश्वविद्यालय को बार-बार शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी जाती है। किंतु कॉलेज और विभागों से समय से रिपोर्ट नहीं आने पर विश्वविद्यालय राजभवन को तय समय सीमा में अपनी रिपोर्ट नहीं भेज रही है। इस कारण अब यदि रिपोर्ट समय से नहीं मिली तो वैसे प्राचार्य और विभागाध्यक्षों को कार्यवाई के दायरे में लाया जाएगा।
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शिक्षकों पर कार्रवाई से बचते हैं प्राचार्य और हेड
जासं, भागलपुर : टीएमबीयू के अंगीभूत कॉलेजों और स्नातकोत्तर विभागों में प्राचार्य और विभागाध्यक्ष शिक्षकों पर कार्रवाई से बचते हैं। कई कॉलेजों और पीजी विभाग में कई शिक्षक नेता भी कार्यरत हैं। इसमें से कुछ को छोड़ दें तो ऐसे शिक्षक ना ही समय से संस्थान आते हैं और बिना बताए मनमाने तरीके से छुट्टी पर चले जाते हैं। किंतु राजनीतिक हनक के कारण ऐसे शिक्षकों पर संस्थान के मुखिया हाथ डालने से बचते हैं। ऐसे कई शिक्षक नेताओं की गतिविधियां ज्यादा समय कॉलेजों और विभागों में ना होकर विश्वविद्यालय के अधिकारियों के इर्द गिर्द घूमती रहती है। ऐसे में ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की बात तो दूर इनको अपनी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए भी संस्थान प्राचार्य या हेड नहीं कह सकते।
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विश्वविद्यालय खुद भी क्रास चेक कर करेगा कार्रवाई
जासं, भागलपुर : टीएमबीयू प्रशासन को यदि कॉलेज और विभाग लेट लतीफ और बिना बताए अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की रिपोर्ट नहीं भेजती है, तो विश्वविद्यालय अपने स्तर से शिक्षकों पर कार्रवाई करेगी। इसके लिए विश्वविद्यालय ने अपनी तैयारी कर ली है। कॉलेजों और पीजी विभागों से शिक्षकों की प्रतिदिन उपस्थिति रिपोर्ट विश्वविद्यालय आती है। किंतु इसमें कार्रवाई की बात काफी कम देखने को मिलती है। किंतु टीएमबीयू अब प्रतिदिन के शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट के आधार पर लेट लतीफ और बिना बताए गायब रहने वाले शिक्षकों को कार्रवाई करते हुए, शिक्षकों को बचाने वाले प्राचार्य और पीजी हेड को भी कार्रवाई के दायरे में लाएगी। कुलसचिव प्रो. आशुतोष प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों की उपस्थिति मामले में राजभवन ने काफी सख्ती की हुई है।
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