पटनाकॉलेजिएट स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खतरे में
है। सेकेंड्री क्लास में शिक्षकों के 56 पद स्वीकृत हैं, लेकिन टीचरों की
संख्या मात्र चार है। इसमें से एक टीचर जनवरी 2017 में रिटायर हो जाएगा।
हाल यह है कि बीएड छात्रों के भरोसे स्कूल प्रशासन बच्चों का भविष्य
संवारने की कोशिश कर रहा है।
शिक्षकों की मांग को लेकर स्कूल प्रशासन ने कई बार शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकी।
11वीं -12वीं में 30 टीचर चाहिए हैं सिर्फ 12 ही शिक्षक
स्कूलमें शिक्षकों की कमी के कारण कई विषयों की पढ़ाई बंद कर दी गई है। मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी, कम्प्यूटर, संस्कृत, गृह विज्ञान की पढ़ाई पूरी तरह से बंद है। सेकेंड्री के कई विषयों की पढ़ाई प्रधानाचार्य के साथ ही इंटर की टीचर कराते हैं। 11 वीं और 12वीं में 30 टीचरों की आवश्यकता है। इसमें केवल 12 टीचर उपलब्ध हैं। इनमें तीन टीचर डेपुटेशन पर और एक टीचर मातृत्व अवकाश पर हैं। सेकेंड्री में 56 टीचरों का पद स्वीकृत हैं। इनमें केवल हिंदी, जीवविज्ञान, इतिहास और सामान्य ज्ञान के टीचर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही स्कूल में पुस्तकालयाध्यक्ष और मैथिली के कोई टीचर उपलब्ध नहीं हैं।
भौतिकी, रासायन, जीवविज्ञान, गणित और हिंदी में भी आवश्यक्ता से कम शिक्षक होने से पढ़ाई बाधित
स्कूलों मेंशिक्षकों की कमी है। स्कूलों की स्थित की जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। भर्ती या समायोजन प्रक्रिया के दौरान स्कूलों में शिक्षकों की बहाली की जाएगी। मेदोदास, डीईओ
स्कूलमेंटीचरों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। टीचर एक्सट्रा क्लास लेकर पढ़ा रहे हैं। स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर शिक्षा निदेशक, डीईओ को पत्र लिखा है। माधुरीद्विवेदी, प्राचार्य, पटना कॉलेजिएट स्कूल
16 शिक्षकों का प्रोमोशन
2014में स्कूल में 16 टीचरों का प्रोमोशन होने से वह दूसरे स्कूलों में चल गए। इसके साथ ही 2015 में एक टीचर, 2016 में एक टीचर रिटायर हो गए। इसके साथ ही 2017 में एक टीचर रिटायर हो जाएंगे। शिक्षकों के प्रोमोशन और रिटायर करने के बाद भी स्कूलों में टीचरों की बहाली नहीं हुई है।
DB Star report
शिक्षा को सुधारने की बिहार सरकार की कोशिशों के बावजूद स्थिति लचर है। स्कूलों में आवश्यकता के अनुसार शिक्षक नहीं हैं। शिक्षक हैं तो इमारत नहीं हैं और इमारत है तो वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं। छात्र पढ़ने की उम्मीद लेकर जाते हैं लेकिन अपेक्षा के अनुरूप उन्हें पढ़ाई नहीं मिलने से निराशा होती है। दूसरी और छात्रों का कहना है कि जाे शिक्षक उपलब्ध हैं वो अपेक्षा के अनुरूप नहीं पढ़ाते हैं।
बीएड छात्रों के भरोसे भविष्य बनाने की जद्दोजहद
शिक्षकोंकी कमी के कारण स्कूल प्रशासन बीएड छात्रों के भरोसे विद्यार्थियों का भविष्य बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। कोर्स पूरा करने के लिए स्कूल प्रशासन बीएड कॉलेजों से समय से पहले छात्रों की मांग करता है। बीएड छात्र स्कूल में बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराते हैं। स्कूल में 1226 छात्र हैं। इसमें 850 छात्र सीनियर सेकेंड्री में और 376 छात्र सेकेंड्री में हैं।
विषय स्वीकृत उपलब्ध रिक्त
भौतिक विज्ञान 31 2
रसायनविज्ञान 31 2
जीवविज्ञान 22 0
गणित31 2
हिंदी41 3
अंग्रेजी40 4
इतिहास21 1
भूगोल11 0
कम्प्यूटरविज्ञान 10 1
वाणिज्य21 1
गृहविज्ञान 10 1
उर्दू11 0
सप्ताह के छह दिन बच्चे पूरा विषय नहीं पढ़ पाते
शिक्षकोंकी कमी से स्कूल की पढ़ाई प्रभावित होती है। सप्ताह के छह दिन बच्चे पूरा विषय नहीं पढ़ पाते हैं। किसी दिन वह मैथ पढ़ते हैं तो किसी दिन वह इतिहास पढ़ते हैं। टीचर भी सबजेक्ट के अतिरिक्त बच्चों को दूसरे विषय भी पढ़ाते हैं। शिक्षकों की कमी के कारण साइंस के टीचर हाईस्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही आर्ट विषय भी पढ़ाते हैं। टीचर अपने विषय के अतिरिक्त बीए में लिए गए दूसरे विषय को भी पढ़ाते हैं।
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शिक्षकों की मांग को लेकर स्कूल प्रशासन ने कई बार शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा। इसके बाद भी शिक्षकों की बहाली नहीं हो सकी।
11वीं -12वीं में 30 टीचर चाहिए हैं सिर्फ 12 ही शिक्षक
स्कूलमें शिक्षकों की कमी के कारण कई विषयों की पढ़ाई बंद कर दी गई है। मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, अंग्रेजी, कम्प्यूटर, संस्कृत, गृह विज्ञान की पढ़ाई पूरी तरह से बंद है। सेकेंड्री के कई विषयों की पढ़ाई प्रधानाचार्य के साथ ही इंटर की टीचर कराते हैं। 11 वीं और 12वीं में 30 टीचरों की आवश्यकता है। इसमें केवल 12 टीचर उपलब्ध हैं। इनमें तीन टीचर डेपुटेशन पर और एक टीचर मातृत्व अवकाश पर हैं। सेकेंड्री में 56 टीचरों का पद स्वीकृत हैं। इनमें केवल हिंदी, जीवविज्ञान, इतिहास और सामान्य ज्ञान के टीचर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही स्कूल में पुस्तकालयाध्यक्ष और मैथिली के कोई टीचर उपलब्ध नहीं हैं।
भौतिकी, रासायन, जीवविज्ञान, गणित और हिंदी में भी आवश्यक्ता से कम शिक्षक होने से पढ़ाई बाधित
स्कूलों मेंशिक्षकों की कमी है। स्कूलों की स्थित की जानकारी देते हुए शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। भर्ती या समायोजन प्रक्रिया के दौरान स्कूलों में शिक्षकों की बहाली की जाएगी। मेदोदास, डीईओ
स्कूलमेंटीचरों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। टीचर एक्सट्रा क्लास लेकर पढ़ा रहे हैं। स्कूल में शिक्षकों की कमी को लेकर शिक्षा निदेशक, डीईओ को पत्र लिखा है। माधुरीद्विवेदी, प्राचार्य, पटना कॉलेजिएट स्कूल
16 शिक्षकों का प्रोमोशन
2014में स्कूल में 16 टीचरों का प्रोमोशन होने से वह दूसरे स्कूलों में चल गए। इसके साथ ही 2015 में एक टीचर, 2016 में एक टीचर रिटायर हो गए। इसके साथ ही 2017 में एक टीचर रिटायर हो जाएंगे। शिक्षकों के प्रोमोशन और रिटायर करने के बाद भी स्कूलों में टीचरों की बहाली नहीं हुई है।
DB Star report
शिक्षा को सुधारने की बिहार सरकार की कोशिशों के बावजूद स्थिति लचर है। स्कूलों में आवश्यकता के अनुसार शिक्षक नहीं हैं। शिक्षक हैं तो इमारत नहीं हैं और इमारत है तो वहां बुनियादी सुविधाएं नहीं। छात्र पढ़ने की उम्मीद लेकर जाते हैं लेकिन अपेक्षा के अनुरूप उन्हें पढ़ाई नहीं मिलने से निराशा होती है। दूसरी और छात्रों का कहना है कि जाे शिक्षक उपलब्ध हैं वो अपेक्षा के अनुरूप नहीं पढ़ाते हैं।
बीएड छात्रों के भरोसे भविष्य बनाने की जद्दोजहद
शिक्षकोंकी कमी के कारण स्कूल प्रशासन बीएड छात्रों के भरोसे विद्यार्थियों का भविष्य बनाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। कोर्स पूरा करने के लिए स्कूल प्रशासन बीएड कॉलेजों से समय से पहले छात्रों की मांग करता है। बीएड छात्र स्कूल में बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराते हैं। स्कूल में 1226 छात्र हैं। इसमें 850 छात्र सीनियर सेकेंड्री में और 376 छात्र सेकेंड्री में हैं।
विषय स्वीकृत उपलब्ध रिक्त
भौतिक विज्ञान 31 2
रसायनविज्ञान 31 2
जीवविज्ञान 22 0
गणित31 2
हिंदी41 3
अंग्रेजी40 4
इतिहास21 1
भूगोल11 0
कम्प्यूटरविज्ञान 10 1
वाणिज्य21 1
गृहविज्ञान 10 1
उर्दू11 0
सप्ताह के छह दिन बच्चे पूरा विषय नहीं पढ़ पाते
शिक्षकोंकी कमी से स्कूल की पढ़ाई प्रभावित होती है। सप्ताह के छह दिन बच्चे पूरा विषय नहीं पढ़ पाते हैं। किसी दिन वह मैथ पढ़ते हैं तो किसी दिन वह इतिहास पढ़ते हैं। टीचर भी सबजेक्ट के अतिरिक्त बच्चों को दूसरे विषय भी पढ़ाते हैं। शिक्षकों की कमी के कारण साइंस के टीचर हाईस्कूल में बच्चों को पढ़ाने के साथ ही आर्ट विषय भी पढ़ाते हैं। टीचर अपने विषय के अतिरिक्त बीए में लिए गए दूसरे विषय को भी पढ़ाते हैं।
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