पटना। हिन्दुस्तान ब्यूरो \ मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति पर नाराजगी जताई है। सुशासन के कार्यक्रम (2015-20) की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्कूलों में शिक्षक के गैरहाजिर होने व छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए किए गए कामों पर एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) मांगी।
मुख्य सचिव ने जीविका की ओर से शिक्षा विभाग को दी गई रिपोर्ट का हवाला दिया। कहा कि जीविका की ओर से तैयार रिपोर्ट के अनुसार 11 बजे स्कूल खुल रहे हैं और 12 बजे बंद हो जा रहे हैं। ऐसी स्थिति तब है जब स्कूल के भवन बनाए गए। साइकिल-पोशाक योजना, मध्याह्न भोजन योजना के अलावा शिक्षकों की भर्ती की गई। फिर भी अगर स्कूलों में बच्चे या समय पर शिक्षक नहीं आ रहे हैं तो यह चिंताजनक है।
संसाधन के बाद ऐसी स्थिति क्यों
मुख्य सचिव ने शिक्षा सचिव से पूछा कि आखिर सरकार की ओर से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाने के बावजूद ऐसी स्थिति क्यों हैं। जीविका की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को दी गई तो विभाग के स्तर पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाए।
अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
अस्पतालों में दवाओं की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2005-09 की अवधि में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो काम हुए, उसे ठीक रखना सरकार का दायित्व है। एम्बुलेंस, अस्पतालों में दवा सहित मरीजों को अन्य सुविधाओं में कमी पाई जा रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियों का पैसा ससमय भुगतान नहीं होने से भी परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दो महीने के भीतर दवा सहित अस्पतालों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा लिए जाएंगे।
1500 गांवों में बिजली नहीं
विद्युतीकरण पर बिजली कंपनी ने बताया कि राज्य में 1500 गांवों में बिजली नहीं है जिसे दिसम्बर 17 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दिसम्बर 2018 तक हर परिवार को बिजली देने का लक्ष्य है। बैठक में सभी विभागों के सचिव व प्रधान सचिव मौजूद थे।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मुख्य सचिव ने जीविका की ओर से शिक्षा विभाग को दी गई रिपोर्ट का हवाला दिया। कहा कि जीविका की ओर से तैयार रिपोर्ट के अनुसार 11 बजे स्कूल खुल रहे हैं और 12 बजे बंद हो जा रहे हैं। ऐसी स्थिति तब है जब स्कूल के भवन बनाए गए। साइकिल-पोशाक योजना, मध्याह्न भोजन योजना के अलावा शिक्षकों की भर्ती की गई। फिर भी अगर स्कूलों में बच्चे या समय पर शिक्षक नहीं आ रहे हैं तो यह चिंताजनक है।
संसाधन के बाद ऐसी स्थिति क्यों
मुख्य सचिव ने शिक्षा सचिव से पूछा कि आखिर सरकार की ओर से आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाने के बावजूद ऐसी स्थिति क्यों हैं। जीविका की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को दी गई तो विभाग के स्तर पर क्या कार्रवाई की गई, इसकी पूरी रिपोर्ट दी जाए।
अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
अस्पतालों में दवाओं की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि वर्ष 2005-09 की अवधि में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो काम हुए, उसे ठीक रखना सरकार का दायित्व है। एम्बुलेंस, अस्पतालों में दवा सहित मरीजों को अन्य सुविधाओं में कमी पाई जा रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसियों का पैसा ससमय भुगतान नहीं होने से भी परेशानी हो रही है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि दो महीने के भीतर दवा सहित अस्पतालों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा लिए जाएंगे।
1500 गांवों में बिजली नहीं
विद्युतीकरण पर बिजली कंपनी ने बताया कि राज्य में 1500 गांवों में बिजली नहीं है जिसे दिसम्बर 17 तक पूरा करने का लक्ष्य है। दिसम्बर 2018 तक हर परिवार को बिजली देने का लक्ष्य है। बैठक में सभी विभागों के सचिव व प्रधान सचिव मौजूद थे।