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डीइओ-डीपीओ को प्राथमिकी दर्ज कराने का मिला निर्देश

मेधा सूची में नाम किसी का, नौकरी कोई और कर रहा
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों की बहाली करने वाली नियोजन इकाइयां शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए फर्जी शिक्षकों की मेधा सूची दे रही है. स्कूलों में कई सालों से जो शिक्षक काम कर रहे हैं, उनकी जगह मेधा सूची में दूसरे शिक्षकों के नाम हैं. 
इसका खुलासा बुधवार को शिक्षा विभाग में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी व निगरानी विभाग के जिला प्रभारियों की बैठक में हुआ. मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने बैठक में ही सभी डीइओ-डीपीओ को ऐसे नियोजन इकाइयों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए और आगे की कार्रवाई करने के लिए अनुशंसा करने का निर्देश दिया. बैठक में ही निगरानी विभाग के अधिकारियों ने भी साफ किया कि शिक्षा विभाग की जिला इकाई मेधा सूची से मिलान कर ही नियोजित शिक्षकों के फोल्डर दे. 
 
ताकि, जो सही शिक्षक हैं, उनके सर्टिफिकेट की जांच हो सके. प्राथमिकी शिक्षा निदेशक एम. रामचंद्रुडू और निगरानी के एसपी एससी चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नियोजित शिक्षकों के मिले सर्टिफिकेट के फोल्डर की समीक्षा की गयी. बैठक में कई जिलों के डीपीओ ने निगरानी को शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध कराया. बावजूद इसके अभी भी निगरानी को करीब 1.20 लाख नियोजित शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिल सकें हैं. 
 

वहीं, नियोजन इकाइयों से भी शिक्षा विभाग को करीब 42 हजार शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर नहीं मिल सके हैं. समीक्षात्मक बैठक में कई जिलों ने जानकारी दी कि उनके यहां डीएम की ओर से सभी नियोजन इकाइयों की बैठक अभी तक नहीं बुलायी जा सकी है. इसके लिए प्रधान सचिव ने 23 अगस्त को निर्देश जारी किया था कि डीएम अपने स्तर पर बैठक कर नियोजन इकाइयों को शिक्षकों के फोल्डर व मेधा सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दें. शिक्षा विभाग फिर से संबंधित जिला पदाधिकारियों को निर्देश देने जा रहा है. 
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