मधेपुरा। शिक्षकों का फोल्डर जमा करने के मामले में सदर बीआरसी दुविधा की
स्थिति में है। स्थिति यह है कि शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश के बावजूद
सदर बीआरसी दोषी पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज करने के बजाए टाल मटौल की
नीति अपना रही है।
मालूम है कि सदर प्रखंड के पांच पंचायत सचिव पर फोल्डर मामले में गड़बड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करनी है। विभागीय दबाव के बाद मदनपुर,सकरपुरा बैतौना व महेशुआ के पंचायत सचिव ने शेष शिक्षकों का फोल्डर जमा कर दिया है। वहीं मुरोह व भदौल के पंचायत सचिव ने जमा नहीं किया। जानकारी के अनुसार मुरोह के वर्तमान पंचायत सचिव को कहना है कि पूर्व के पंचायत सचिव राजेन्द्र कुमार ने शिक्षको का फोल्डर नहीं दिया है। जबकि भदौल के पंचायत सचिव ने बताया कि पूर्व के पंचायत सचिव भूदेव साह ने फोल्डर नहीं दिया है। हैरानी की बात है कि दोनो पंचायत सचिव द्वारा फोल्डर जमा करने मे आनाकानी के बाद सदर बीआरसी नरमी क्यों बरत रहा है। जानकार बताते हैं कि फोल्डर में ही फर्जी का जिन्न छिपा है। जिसे कुछ पंचायत सचिव देना नहीं चाहते हैं। फोल्डर जमा नहीं करने के कारण निगरानी को प्रमाण पत्र की जांच करने में बिलंब हो रही है। वहीं जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग इस मामले में स्थिति स्पष्ट नहीं करता है तो निगरानी सख्त कदम उठा सकती है। वहीं इस मामले में सबंधित बीईओ पर भी कार्रवाई संभव है। दूसरी ओर सदर बीईओ जर्नादन प्रसाद निराला का कहना है कि हमारी ओर से पूरी तैयारी है। लेकिन पंचायत सचिव के कारण असमंजस की स्थिति बनी है। हालांकि हमने इस मामले में सदर बीडीओ से भी राय मांगी है। वहीं सदर बीडीओ दिवाकर कुमार ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जो लोग इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ प्राथमिकी होगी।
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