नालंदा। पिता के निधन के पश्चात अनुकंपा पर बहाल हुए एक शिक्षक के
फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है। फर्जीवाड़ा का खुलासा होते ही जिला
शिक्षा पदाधिकारी योगेश चन्द्र ¨सह ने नगनरौसा के बीडीओ को पत्र लिखकर उक्त
शिक्षक को बर्खास्त करने का आग्रह किया है।
शखीचन्द्र प्रसाद की मृत्यु के उपरांत बड़े भाई की जगह मंझले भाई ने फर्जी प्रमाण पत्र जमा कर अनुकंपा के आधार पर नौकरी ले लिया। अनुकंपा समिति की बैठक में बड़े भाई जयप्रकाश का चयन किया गया था। लेकिन विभाग के तथाकथित एक कर्मी ने जयप्रकाश का फाइल दबा दिया और उसके स्थान पर गलत तरीके से तथा फर्जी प्रमाण पत्र पर दयानंद प्रसाद को बहाल करा दिया। वर्तमान में यह फर्जी शिक्षक दयानंद मध्य विद्यालय अशरफपुर, नगरनौसा में पदस्थापित है। इस बात की जानकारी मिलते ही बड़े भाई ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को एक आवेदन देकर दयानंद प्रसाद के बारे में पूरी जानकारी दी। बताया गया कि दयानंद ने अपने साला की मिलीभगत से फर्जी सर्टिफिकेट पर नियोजन करा लिया। हालांकि नियोजन के बाद से ही जयप्रकाश ने विभाग को पत्र के माध्यम से फर्जीवाड़ा की जानकारी दी थी। लेकिन विभाग के एक लिपिक ने फाइल को ही दबा दिया। जब इस बात की शिकायत डीईओ को मिली तो उन्होंने तत्काल संज्ञान में लेते हुए पूर मामले की जांच कराई। जांच के बाद पूरा मामला स्पष्ट हो गया। जांच में शिक्षक दयानंद ने जो प्रमाण पत्र जमा किए थे उसमें इंटर विद्यालय बरेब नवादा का था। इस मामले में जब विद्यालय के प्राचार्य से सर्टिफिकेट की जांच कराई गई तो यह सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। इनका एडमिट कार्ड पर भी उनके साला का फोटो पाया गया। पूरे मामले की जांच के बाद डीईओं ने नगरनौसा बीडीओ को पत्र लिखकर तत्काल शिक्षक दयानंद को बर्खास्त करने का आग्रह किया है। साथ ही उन पर फर्जीवाड़ा का मामला भी दर्ज कराने का आदेश दिया है। डीईओ ने कहा कि तथाकथित इस मामले में संलिप्त लिपिक की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी।
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