बक्सर : जिले
के हाइ स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है. कहीं पर्याप्त
कमरे नहीं हैं, तो कहीं शिक्षकों की संख्या कम है और इन सभी का दुष्प्रभाव
बच्चों पर पड़ रहा है. प्रभात खबर की टीम जब शहर के बीचों-बीच स्थित बीबी
हाइस्कूल में पहुंची, तो कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. इस विद्यालय में सारी
सुविधाएं पर्याप्त हैं. कमरों की संख्या भी अच्छी खासी है, पर शिक्षकों की
संख्या में काफी कमी है.
विद्यालय प्लस टू तक चलता है. प्लस टू में इसे शिव प्रसाद इंटर कॉलेज
के नाम से जाना जाता है. हाइस्कूल में कुल 1082 बच्चों का नामांकन है,
जिसमें नौंवी में 502 और दसवीं में 580 छात्र पढ़ते हैं. जबकि इंटर में कुल
325 छात्राओं का नामांकन है. हाइस्कूल के बच्चों को पढ़ाने के लिए कुल 25
शिक्षक हैं. जबकि चाहिए 35 यानी दस शिक्षकों की कमी है. इनमें संस्कृत और
उर्दू के तो शिक्षक ही नहीं हैं. वहीं, सामाजिक विज्ञान विषय में स्वीकृत
पद से चार शिक्षक अधिक हैं.
इधर, शिव प्रसाद इंटर कॉलेज में विज्ञान विषय में भौतिकी, कमेस्ट्री
और गणित विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं. जबकि जीवविज्ञान में दो शिक्षक
हैं. कला संकाय का हाल भी यहीं है. यहां भी मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र,
संस्कृत और उर्दू में एक भी शिक्षक नहीं हैं. कला संकाय में कुल छह शिक्षक
हैं. हिंदी और अंगरेजी भाषा के एक-एक शिक्षक हैं. ऐसे में दोनों संकायों के
छात्राओं को पढ़ाई करने में काफी परेशानी होती है.
20 कमरों में होती है पढ़ाई : पठन-पाठन के लिए विद्यालय में कुल 20
कमरे हैं. इनमें नौंवी, दसवीं और इंटर कॉलेज की कक्षाएं चलती हैं. इसके
अलावे महिला और पुरुष शिक्षक के लिए एक-एक कमरा भी है. प्रधानाध्यापिका
बताती हैं कि ग्राउंड फ्लोर पर पांच कमरे क्षतिग्रस्त हैं, जिनमें तीन
कमरों को बंद कर दिया गया है. वहीं, प्रथम तल पर तीन क्षतिग्रस्त हैं. इनके
निर्माण की मांग विधायक से की गयी है. यदि इन कमरों का निर्माण हो जाता,
तो विद्यालय में कुल 28 कमरा हो जायेगा और सेक्शन को और बांटा जा सकता है.
फिलहाल, मैट्रिक में एक सेक्शन में 144 छात्रों को बैठाया जा रहा है.
विभाग को जानकारी है
नियोजन इकाई और शिक्षा विभाग को कई बार शिक्षकों की कमी से अवगत कराया
गया है, पर स्कूल को अब तक पर्याप्त शिक्षक नहीं मिल पाएं. ऐसे में
हाइस्कूल के शिक्षकों से ही इंटर का क्लास लेने को कहा जाता है, ताकि
छात्राओं की पढ़ाई बाधित न हो.
डॉ हींगमणि, प्रधानाध्यापिका
प्लस टू में शिक्षक
गणित में 0, रसायनशास्त्र में 0,भौतिकी शास्त्र में 0, हिंदी में एक,
अंगरेजी में एक, इतिहास में दो, राजनीति विज्ञान में एक, मनोविज्ञान में 0,
समाजशास्त्र में 0, गृह विज्ञान में एक, भूगोल में एक,
अर्थशास्त्र में एक, दर्शनशास्त्र में 0, संस्कृत में, 0, उर्दू विषय
में भी नहीं हैं शिक्षक. बता दें कि सभी विषयों में एक-एक पद स्वीकृत हैं.
मैट्रिक में शिक्षकों की संख्या
विषय स्वीकृत पद शिक्षक
हिंदी तीन दो
संस्कृत तीन कोई नहीं
अंगरेजी तीन एक
उर्दू एक कोई नहीं
विज्ञान छह चार
गणित छह पांच
एसएसटी आठ 12
फिजिकल एजुकेशन एक एक
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