कवायद. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कर रही तैयारी, सितंबर में होगा छात्रों का रजिस्ट्रेशन
पटना : मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को इस बार ऑनलाइन
परीक्षा फाॅर्म भरने का मौका मिलेगा. इसकी तैयारी बिहार विद्यालय परीक्षा
समिति ने शुरू कर दी है. इससे पहले 11वीं का रजिस्ट्रेशन भी ऑनलाइन होगा.
रजिस्ट्रेशन में जो छात्र शामिल होंगे, उन्हें ही ऑनलाइन परीक्षा फाॅर्म
भरने का माैका मिलेगा. इसको लेकर स्कूल और कॉलेज के छात्रों का डाटा तैयार
किया जा रहा है. मैट्रिक और इंटरमीडिएट का रजिस्ट्रेशन सितंबर में होगा,
जबकि परीक्षा फाॅर्म दिसंबर में भरायेगा.
रजिस्ट्रेशन होगा तभी परीक्षा फाॅर्म भर पायेंगे परीक्षार्थी :
मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में शामिल होने के लिए परीक्षार्थियों को पहले
रजिस्ट्रेशन कराना होगा. रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर परीक्षार्थी परीक्षा
फाॅर्म नहीं भर पायेंगे. क्योंकि, रजिस्ट्रेशन के दौरान जो परीक्षार्थी
ऑनलाइन समिति के पास रजिस्टर्ड हो जायेंगे, उन्हें ही परीक्षा फाॅर्म भरने
का मौका दिया जायेगा.
समिति के अनुसार एक बार रजिस्ट्रेशन की तिथि समाप्त हो जाने के बाद
दोबारा छात्रों को मौका नहीं मिलेगा. जिन छात्रों का रजिस्ट्रेशन होगा, उसी
लिस्ट के अनुसार परीक्षा फाॅर्म भरवाया जायेगा. इसी के अनुसार एडमिट
कार्ड भी तैयार होंगे.
ऑनलाइन मिलेगा एडमिट कार्ड : मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों को इस
बार एडमिट कार्ड भी ऑनलाइन मिलेगा.एडमिट कार्ड में किसी तरह की गड़बड़ी
होने पर उसे ऑनलाइन कंप्लेन पर ही सही किया जा सकेगा. ज्ञात हो कि 2016 की
परीक्षा में भी एडमिट कार्ड अॉनलाइन दिया गया था. लेकिन, इससे पहले ऑफलाइन
एडमिट कार्ड भी छात्रों को भेजा गया था. लेकिन, समिति सूत्रों की मानें तो
इस बार एडमिट कार्ड केवल ऑनलाइन प्रोसेस से ही दिया जायेगा.
27 लाख से अधिक परीक्षार्थी होंगे शामिल : मैट्रिक और इंटर की 2017 की
परीक्षा में 27 लाख से अधिक परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद की जा
रही है. मैट्रिक में जहां 16 लाख के लगभग छात्र होंगे, वहीं इंटर में 13
लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. चुकी 2016 की परीक्षा में लगभग तीन से चार
लाख परीक्षार्थी फेल हो गये थे, इससे परीक्षार्थी की संख्या 2017 में अधिक
होने की उम्मीद है.
पटना : क्लास वन से आठवीं तक के छात्रों की मूल्यांकन पंजी बनायी
जायेगी. इस पंजी के आधार पर छात्रों की ग्रेडिंग की जायेगी. इस ग्रेडिंग से
शिक्षकों को छात्रों की कमजोरी का पता चलेगा.
कमजोरी पकड़ कर शिक्षक छात्रों के स्तर में सुधार कर पायेंगे. क्लास
वन के छात्रों का मूल्यांकन मौखिक रूप से किया जायेगा. वहीं, क्लास दो से
आठवीं तक के छात्रों मूल्यांकन लिखित होगा. यह मूल्यांकन अप्रैल, मई,
जुलाई, अगस्त, अक्तूबर, नवंबर, जनवरी और फरवरी महीने में किया जायेगा.
ये निर्देश बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय
उन्मुखीकरण कार्यशाला के दौरान शिक्षकों और संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी
को दिये गये. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यशाला के पहले दिन तीन प्रमंडल
पटना, भागलपुर और मगध के शिक्षक शामिल हुए. कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षा
मंत्री अशोक चौधरी ने किया. इस मौके पर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव
धर्मेद्र सिंह गंगवार, बिहार राज्य परियोजना निदेशक संजय सिंह के अलावा कई
शिक्षा विशेषज्ञ के साथ प्रथम और निदान के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.
सितंबर से करना है शुरू : मूल्यांकन पंजी बनाने का काम सितंबर से हर
स्कूल को लागू कर देना है. कार्यशाला के शुरू होने के दौरान प्रधान सचिव ने
कहा कि जिला, प्रखंड आैर संकुल स्तर पर प्रशिक्षण का कार्य अगस्त तक पूरा
कर लिया जाये. इसे सितंबर माह से लागू कर दिया जायेगा.
उन्हाेंने कहा कि शिक्षक को बच्चों की कमी पकड़ में नहीं आती है.
मूल्यांकन पंजी के अभ्यास से इसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा. वहीं, राज्य
परियोजना निदेशक संजय सिंह ने कहा कि हर स्कूल को मूल्यांकन पंजी के
ग्रेडिंग के इंप्रूवमेंट पर भी ध्यान देना चाहिए. पांच तरह से ग्रेडिंग
बच्चों का किया जाना है. कोशिश रहनी चाहिए कि ग्रेडिंग 60 फीसदी तक ही
रहे.
रखनी होगी अभ्यास पुस्तिका : हर स्कूल को छात्राें का मासिक मूल्यांकन
करना है और विभाग को रिपोर्ट करनी है. इसके लिये छात्रोें का चाइल्ड
प्रोफाइल बनाया जायेगा. मासिक मूल्यांकन सह अभ्यास के लिये क्लास वन के
बच्चों को छोड़ कर सभी क्लास के लिए लागू किया जायेगा.
इसके लिए शिक्षकों को एक नोट बुक या अभ्यास पुस्तिका रखनी होगी. इसका
उपयोग केवल मासिक मूल्यांकन की तिथि को दिये गये प्रश्न के उत्तर देने के
लिये किया जायेगा. मासिक मूल्यांकन से शिक्षक अपने वर्ग के प्रत्येक बच्चों
का पठन-पाठन अपने अनुसार कर पायेंगे. इसके अलावा अर्द्धवार्षिक और वार्षिक
मूल्यांकन के द्वारा बच्चों का आकलन किया जायेगा.
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