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टॉपर्स घोटाला : जनता दल के इस बड़े नेता के घरवालों की डिग्रियां फर्जी

पटना। जनता दल (युनाइटेड) की पूर्व विधायक और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह की पत्नी उषा सिन्हा भी संकट में पड़ गई हैं। पता चला है कि उनकी डिग्रियां भी फर्जी हैं। यह बात अधिकारियों ने कही।
लालकेश्वर प्रसाद सिंह 12वीं कक्षा के टॉपर्स घोटाला के मुख्य अभियुक्त हैं। वह फरार चल रहे हैं। उनकी तलाश में बिहार पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी) कई जगहों पर छापे मार रहा है।
टॉपर्स घोटाला में पूर्व विधायक उषा सिन्हा की भूमिका पर सवाल

टॉपर्स घोटाला में सिंह की पत्नी पूर्व विधायक उषा सिन्हा की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है। एसआईटी इस मामले में गैर प्राथमिकी आरोपी के रूप में उनसे पूछताछ करने की इच्छुक है।

इसके अलावा अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के बारे में भी उन्हें बहुत कुछ कहना है, क्योंकि वह फर्जी डिग्रियों का आरोप भी झेल रही हैं।

शपथ पत्र के अनुसार उषा सिन्हा 2010 में 49 साल की थीं जब उन्होंने बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीता था।

उषा सिन्हा ने शपथ पत्र में अपनी जन्म तिथि 1961 दर्शाई है और उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड से 1969 में उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। इसका मतलब यह हुआ कि उन्होंने आठ साल की उम्र में ही मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी।

उनके शपथ पत्र के अनुसार अवध विश्वविद्यालय से उन्होंने 1976 में स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की थी, जबकि अवध विश्वविद्यालय की स्थापना ही 1975 में हुई थी। यानी, दो साल का एमए उन्होंने एक ही साल में कर लिया था।

उन्होंने 23 साल की उम्र में मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी भी कर ली थी। फिलहाल वह पटना के कॉमर्स कॉलेज के हिन्दी विभाग में काम कर रही हैं, लेकिन टॉपर्स घोटाला उजागर होने के बाद अपने पति के साथ वह भी गायब हैं।
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