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टीईटी अभ्यथिर्र्यों के अंक पत्र में फर्जीवाड़ा

PATNA : टॉपर्स घोटाले का मामला अभी ठंढा पड़ा भी नहंी था कि एक और फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। सूबे में टीईटी प्रमाण- पत्र में फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है। दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन में नामांकन के लिए टीईटी प्रमाण पत्र में ज्यादा अंक की गड़बड़ी मिली है। यह मामला मोतिहारी जिले का है।
मोतिहारी के जिले के शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के दो वर्षीय प्रशिक्षण में ज्यादा अंक के साथ आवेदन करने का राज खुलने पर नामांकन की उम्मीद धरी की धरी रह गई। अब इन शिक्षक अभ्यर्थियों पर कानूनी कार्रवाई तय है।
मांगा जाएगा स्पष्टीकरण
नामांकन प्रक्रिया में फर्जी अंक प्रमाण- पत्र की खबर प्रकाशित होने के बाद डायट कार्यालय में संदिग्ध अभ्यर्थियों के क्रमांक से टीईटी के विभागीय सीडी से मिलान किया गया। इसमें चार अभ्यर्थियों का अंक पत्र नॉट फाउंड था। इसकी पुष्टि करते हुए डायट के प्रभारी प्राचार्य उपेन्द्र बैठा ने ने कहा कि चारों का नाम विभागीय सीडी में नहीं है। इनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शनिवार को स्पष्टीकरण भेजा जाएगा। डायट कार्यालय में नामांकन के लिए तैयार एक सौ सीट वाली मेरिट लिस्ट का प्रथम चरण में मिलान किया जा रहा है। इसके तहत 8म् अभ्यर्थियों का मिलान किया गया है। शेष (एससी कैटेगरी) के अंक पत्रों का मिलान शनिवार को होगा.
अंक पत्र में बढ़वा लिया मा‌र्क्स
जिन चार शिक्षकों का अंक पत्र नॉट फाउंड है इनमें ढाका में पदस्थापित शिक्षिका अफसेया खातून को विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध टीईटी प्राप्तांक में क्8.म्म् प्रतिशत है। जबकि, आवेदन में लगाए गए अंक पत्र में 8ख् प्रतिशत है। वहीं, संग्रामपुर में पदस्थापित शिक्षक कुंदन कुमार को विभागीय वेबसाइट पर प्राप्तांक ब्ख्.म्म् प्रतिशत है और आवेदन में 8ब् प्रतिशत। मीनापुर (मुजफ्फरपुर) में पदस्थापित शिक्षक रविन्द कुमार को विभागीय प्राप्तांक फ्म् प्रतिशत व आवेदन में 70 प्रतिशत है। वहीं, तेतरिया में पदस्थापित रवि कुमार को विभागीय प्राप्तांक भ्0 प्रतिशत व आवेदन में म्म्.म्म् प्रतिशत है.
संघ ने उठाया सवाल
मामले को टीईटी- एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की जिला इकाई ने उठाया था। संघ के जिलाध्यक्ष प्रियरंजन सिंह व महासचिव ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि डायट में पहले के सभी टीईटी अंक पत्रों का मिलान हो तो कई और सच सामने आ सकते हैं। नियमावली के अनुसार टीईटी के सामान्य श्रेणी में म्0 प्रतिशत व ओबीसी में भ्भ् प्रतिशत से कम अंक वाले अभ्यर्थी फेल होते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों का नियोजन शिक्षक के रूप में नहीं हो सकता है। सवाल उठता है कि किस परिस्थिति में ऐसे शिक्षकों का नियोजन हुआ? ज्यादा अंक वाले टीईटी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षक के रूप में नियोजन होने के मामले की विभागीय स्तर पर जल्द ही जांच शुरू करने की पूरी संभावना है।

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