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गुरु जी अब बेचेंगे मिड डे मिल का बोरा

जहानाबाद। शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार गुरु जी अब मध्याहन भोजन के खाद्यन्न का खाली बोरा बेचेंगे। ग्रामीण स्तर पर बोरा बेचने के लिए नीलामी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। अगर नीलामी से बोरे की बिक्री नहीं हुई तो वे स्थानीय बाजार में 10 रुपये प्रति बोरा की दर से बेचेंगे।
एमडीएम के निदेशक ने इस संदर्भ में निर्देश जारी किया है। सभी डीपीओ को निर्देश जारी करते हुए इसका सख्ती से अनुपालन करने की बात कही गई है। डीपीओ ने सभी संकुल प्रभारियों को सरकार के निर्देशों से अवगत कराया। प्राथमिक व मध्य विद्यालय के प्रधानाचार्यो में सरकार के इस नए निर्देश से समस्या उत्पन्न हो गई है। मालूम हो कि एजी द्वारा ऑडिट के दरम्यान अनाज के खाली बोरे की जानकारी नहीं देने के उपरांत इस तरह का निर्णय लिया गया है। सरकार का मानना है कि हिसाब-किताब में खाली बोरे का जिक्र नहीं किए जाने से सरकार राजस्व की चुना लग रहा है। इससे पहले डीपीओ द्वारा खाली बोरे के बारे में मार्गदर्शन भी मांगा गया था। मार्गदर्शन मिलने के उपरांत अब बोरा बेचने की जवाबदेही सौंप दी गई है।
खाली बोरे को बेचकर जो राशि प्राप्त होगी उसे एमडीएम के रोकड़ पंजी में जमा किया जाएगा। पहले के खाली बोरे की गिनती कर प्रति बोरा 10 रुपये की दर से राशि पंजी में जमा कराई जाएगी। बोरे बेचने से प्राप्त राशि की सूचना निदेशालय को उपलब्ध कराना है।
केंद्रीय कृत रसोई घर से परिवहन व हैडलिंग मद से या एसएफसी द्वारा निर्धारित दर से 10 रुपये की हिसाब से अतिरिक्त चार्य किया जाएगा। इस राशि का उपयोग डीपीओ द्वारा प्रबंधन, जांच व मूल्यांकन मद में किया जाएगा। इस आदेश के पहले प्रधानाध्यापकों को खाना बनवाने की जिम्मेदारी थी। अब दोनों जिम्मेदारियों को एक साथ निभाना होगा।

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