भागलपुर । गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का ढिंढोरा पीठ रही सरकार का आदेश हवा
हवाई है। जिला शिक्षा विभाग के आलाधिकारी सरकार के निर्देशों का स्कूलों
में शिक्षकों से अनुपालन करने में सक्षम साबित नहीं हो पा रहे हैं।
बता दे कि नियमानुसार शिक्षकों को स्कूल में आकर क्या पढ़ाना है इसकी पाठ योजना पूर्व में ही तैयार करनी है,
फिर दिन में क्या पढ़ाया गया उसकी भी डायरी में रिकार्ड रखना है पर शायद ही जिले के किसी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा सरकार के इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है। ऐसे में जिले की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था दरकती नजर आ रही है। शिक्षा विभाग के आलाधिकारी द्वारा इसकी मोनेटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
बीआरपी व सीआरसीसी की नहीं होती है बैठक
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर नियमित रुप से बीआरपी एवं सीआरसीसी की बैठक डीईओ की अध्यक्षता में होती है जो बीते एक वर्ष से नहीं हुई है। बता दे कि पूर्व के डीईओ इसका अनुकरण करते थे जिस वजह से गुणवत्ता शिक्षा में भागलपुर एक से चार नंबर तक की रैंकिंग में रहता था। आज इसका 10 के अंदर भी रैंकिंग में नाम नहीं है।
दोषी पाए गए शिक्षकों पर नहीं हो रही कड़ी कार्रवाई
जिले में अधिकारियों द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण में दोषी पाए गए शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का न होना चिंता का विषय है। जिस विभाग के प्रधान सचिव ने भी डीईओ को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
प्रतिनियोजन से दरक गई है शैक्षणिक व्यवस्था
यत्र-तत्र शिक्षकों का प्रतिनियोजन एवं नियमित रुप से रूटीन के अनुसार पढ़ाई न हो पाने से जिले की शैक्षणिक व्यवस्था दरकती नजर आ रही है। बता दे कि जिले में 282 प्रतिनियोजित शिक्षकों का डीईओ एवं डीपीओ स्थापना द्वारा प्रतिनियुक्ति तो रद कर दी गई, लेकिन लागू कितना हुआ इसकी समीक्षा आज तक नहीं की गई। जिसका प्रतिफल है जिले में आज भी 44 ऐसे विद्यालय हैं जहां एक-एक शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई हो रही है। प्रतिनियोजित शिक्षकों को अभी प्रखंड मुख्यालय में काम करते देखा जा सकता है।
पांच लाख बच्चों के हाथ में नहीं है पुस्तक
जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में नए सत्र की पढ़ाई तो शुरू कर दी गई है पर आज तक पांच लाख एक हजार बच्चों के हाथ में किताब नसीब नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं आठवीं पास बच्चों के लिए स्कूलों को 80 हजार टीसी की आवश्यकता है, लेकिन अब तक मात्र 30 हजार ही उपलब्ध हो पाई है। यहीं है जिले की शैक्षणिक व्यवस्था।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बता दे कि नियमानुसार शिक्षकों को स्कूल में आकर क्या पढ़ाना है इसकी पाठ योजना पूर्व में ही तैयार करनी है,
फिर दिन में क्या पढ़ाया गया उसकी भी डायरी में रिकार्ड रखना है पर शायद ही जिले के किसी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा सरकार के इन निर्देशों का पालन किया जा रहा है। ऐसे में जिले की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था दरकती नजर आ रही है। शिक्षा विभाग के आलाधिकारी द्वारा इसकी मोनेटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं है।
बीआरपी व सीआरसीसी की नहीं होती है बैठक
सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर नियमित रुप से बीआरपी एवं सीआरसीसी की बैठक डीईओ की अध्यक्षता में होती है जो बीते एक वर्ष से नहीं हुई है। बता दे कि पूर्व के डीईओ इसका अनुकरण करते थे जिस वजह से गुणवत्ता शिक्षा में भागलपुर एक से चार नंबर तक की रैंकिंग में रहता था। आज इसका 10 के अंदर भी रैंकिंग में नाम नहीं है।
दोषी पाए गए शिक्षकों पर नहीं हो रही कड़ी कार्रवाई
जिले में अधिकारियों द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण में दोषी पाए गए शिक्षकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का न होना चिंता का विषय है। जिस विभाग के प्रधान सचिव ने भी डीईओ को आवश्यक निर्देश दिए हैं।
प्रतिनियोजन से दरक गई है शैक्षणिक व्यवस्था
यत्र-तत्र शिक्षकों का प्रतिनियोजन एवं नियमित रुप से रूटीन के अनुसार पढ़ाई न हो पाने से जिले की शैक्षणिक व्यवस्था दरकती नजर आ रही है। बता दे कि जिले में 282 प्रतिनियोजित शिक्षकों का डीईओ एवं डीपीओ स्थापना द्वारा प्रतिनियुक्ति तो रद कर दी गई, लेकिन लागू कितना हुआ इसकी समीक्षा आज तक नहीं की गई। जिसका प्रतिफल है जिले में आज भी 44 ऐसे विद्यालय हैं जहां एक-एक शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई हो रही है। प्रतिनियोजित शिक्षकों को अभी प्रखंड मुख्यालय में काम करते देखा जा सकता है।
पांच लाख बच्चों के हाथ में नहीं है पुस्तक
जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में नए सत्र की पढ़ाई तो शुरू कर दी गई है पर आज तक पांच लाख एक हजार बच्चों के हाथ में किताब नसीब नहीं हो पाई है। इतना ही नहीं आठवीं पास बच्चों के लिए स्कूलों को 80 हजार टीसी की आवश्यकता है, लेकिन अब तक मात्र 30 हजार ही उपलब्ध हो पाई है। यहीं है जिले की शैक्षणिक व्यवस्था।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC