PATNA : बिहार में नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में नियोजन इकाइयों का असहयोगी रवैया सामने आया है। आलम यह है कि फ्.ख्फ् लाख नियोजित शिक्षकों में से क्.भ्फ् लाख शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर ही निगरानी को सौंपे जा सके हैं। नियोजन इकाइयों ने अब तक भ्8 हजार शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर
निगरानी को नहीं सौंपे हैं। जबकि सरकार ने लापरवाही पूर्ण रवैये से निपटने के लिए दंड के कड़े प्रावधान किए हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा निगरानी के अफसरों और जिलों के डीपीओ- डीईओ की बैठक में हुआ।
सूत्रों की मानें तो डीपीओ- डीईओ को निर्देश दिया गया था कि निगरानी को फोल्डर देने में विलंब करने वाली नियोजन इकाइयों पर मुकदमा दर्ज किया जाए। बैठक में इस बात पर चर्चा के क्रम में जिलों ने बताया कि अब तक सैकड़ों नियोजन इकाइयों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस पर शिक्षा विभाग के निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने कहा कि जब तक विभाग को मुकदमे की प्रति नहीं प्राप्त हो जाती तक तक यह माना जाएगा कि मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है। सरकार ने जिलों को निर्देश दिया है कि विभाग को जल्द से जल्द दर्ज किए गए मुकदमे की प्रति मुहैया कराएं।
बैठक के दौरान पांच जिलों जैसे दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, नालंदा और शिवहर ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके अधीन की नियोजन इकाइयों ने शिक्षकों के दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं, परन्तु जिले में निगरानी अफसरों के न होने की वजह से दस्तावेज नहीं सौंपे जा सके हैं। इस पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बैठक निर्देश दिया कि संबंधित जिले निगरानी के एसपी को शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर मुहैया करा दें।
बता दें कि नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच का काम शुरू किया गया है। अब तक विभिन्न जिलों ने निगरानी को क्.भ्फ् लाख शिक्षकों के फोल्डर उपलब्ध कराए हैं.
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
निगरानी को नहीं सौंपे हैं। जबकि सरकार ने लापरवाही पूर्ण रवैये से निपटने के लिए दंड के कड़े प्रावधान किए हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा निगरानी के अफसरों और जिलों के डीपीओ- डीईओ की बैठक में हुआ।
सूत्रों की मानें तो डीपीओ- डीईओ को निर्देश दिया गया था कि निगरानी को फोल्डर देने में विलंब करने वाली नियोजन इकाइयों पर मुकदमा दर्ज किया जाए। बैठक में इस बात पर चर्चा के क्रम में जिलों ने बताया कि अब तक सैकड़ों नियोजन इकाइयों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इस पर शिक्षा विभाग के निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने कहा कि जब तक विभाग को मुकदमे की प्रति नहीं प्राप्त हो जाती तक तक यह माना जाएगा कि मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है। सरकार ने जिलों को निर्देश दिया है कि विभाग को जल्द से जल्द दर्ज किए गए मुकदमे की प्रति मुहैया कराएं।
बैठक के दौरान पांच जिलों जैसे दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, नालंदा और शिवहर ने शिकायत दर्ज कराई कि उनके अधीन की नियोजन इकाइयों ने शिक्षकों के दस्तावेज मुहैया करा दिए हैं, परन्तु जिले में निगरानी अफसरों के न होने की वजह से दस्तावेज नहीं सौंपे जा सके हैं। इस पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने बैठक निर्देश दिया कि संबंधित जिले निगरानी के एसपी को शिक्षकों के प्रमाणपत्र फोल्डर मुहैया करा दें।
बता दें कि नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच का काम शुरू किया गया है। अब तक विभिन्न जिलों ने निगरानी को क्.भ्फ् लाख शिक्षकों के फोल्डर उपलब्ध कराए हैं.
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