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फर्जी शिक्षकों की जांच में राज्य सरकार व निगरानी ब्यूरो तेजी लाए : हाईकोर्ट

पटना.कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी व न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार व निगरानी ब्यूरो को फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्त शिक्षकों की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया।
- इसके पहले प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर व निगरानी ब्यूरो के वरीय अधिवक्ता रामाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अबतक 158342 सर्टिफिकेटों की जांच की जा चुकी है, जिनमें 201 फर्जी पाए गए।
- अबतक 194 शिक्षकों के विरुद्ध 84 एफआईआर दर्ज कराई गई है और जांच का काम चल रहा है।
- कोर्ट को यह भी बताया गया कि 42782 फोल्डर की जांच अभी बाकी है।
- इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई आगामी चार जुलाई तक लिए टाल दी।
- अगली तारीख पर अद्यतन जानकारी देने का निर्देश दिया।
- याचिकाकर्ता रंजीत पंडित व अन्य की ओर से दायर पीआईएल में बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नियुक्ति किए जाने पर सवाल उठाया गया था।
- कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि जो शिक्षक स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन जो ऐसा नहीं करेंगे उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
- अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि अबतक तीन हजार शिक्षक इस्तीफा दे चुके हैं, जिसके कारण राज्य सरकार को आठ करोड़ रुपए का फायदा हुआ।

हार्डिंग पार्क के मामले में जवाब तलब
- कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी व न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने अधिवक्ता शंभू शरण सिंह की पीआईएल पर सुनवाई के बाद हार्डिंग पार्क के जीर्णोद्धार व रखरखाव के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
- कोर्ट ने कहा कि सरकार बताए कि अबतक इस बारे में कितनी प्रगति हुई है।
- इसके पहले सिंह ने कोर्ट को बताया कि हार्डिंग पार्क के जीर्णोद्धार व रखरखाव को लेकर जो काम किया जाना चाहिए था वह नहीं हो रहा है।
- मामले की सुनवाई चार मई को फिर होगी। उस दिन राज्य सरकार प्रगति रिपोर्ट पेश करेगी।

नलकूपों की स्थिति पर तलब
- कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति इकबाल अहमद अंसारी व न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह के खंडपीठ ने राज्य सरकार को नलकूपों की स्थिति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने के साथ काम में तेजी लाने का आदेश दिया।
- विकास चंद्र उर्फ गुड्‌डू बाबा की ओर से दायर पीआईएल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया।
- इसके पहले गुड्‌डू बाबा ने कोर्ट को बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में नलकूप लगाने का काम काफी धीमी गति से हो रहा है।
- एक साल में केवल 136 नलकूप ही चालू हुए। प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है।
- 3740 नलकूपों को चालू कर दिया गया है और जो खराब हैं, उन्हें ठीक किया जा रहा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 25 जुलाई के लिए टाल दी।

105 कातिब पहुंचे हाईकोर्ट

- सीवान जिले के 105 कातिबों (डीड राइटर्स) ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
- अधिवक्ता सूरज नारायण यादव ने सोमवार को न्यायमूर्ति किशोर कुमार मंडल की एकलपीठ से इस मामले पर जल्दी सुनवाई का अनुरोध किया।
- उन्होंने कहा कि गत 30 और 31 मार्च को हड़ताल पर जाने को लेकर कातिबों ने आईजी (रजिस्ट्रेशन) को ज्ञापन सौंपा था।
- लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्य के 42 हजार कातिब हड़ताल पर चले गए।
- इसी को आधार बनाकर एक अप्रैल को निबंधन,उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने सभी डीएम को निर्देश दिया कि सभी कातिबों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए।
- दो अप्रैल को डीएम ने लाइसेंस रद्द कर दिया। यादव के अनुरोध पर कोर्ट ने अगले सप्ताह का समय निर्धारित किया।
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