फर्जी शैक्षणिक डिग्रियों पर सरकारी कार्रवाई का डर दिल में ऐसा बैठा कि बिहार में 1400 प्राथमिक शिक्षकों ने इस्तीफा ही दे दिया. आने वाले दिनों में और शिक्षक इस्तीफा दे सकते हैं क्योंकि पटना हाई कोर्ट ने फर्जी शैक्षणिक योग्यता वालों को कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अपने आप ही नौकरी छोड़ देने को कहा था.
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शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने कहा, ‘कुल 1400 शिक्षकों ने इस्तीफा दिया है.
ऐसे और इस्तीफे आने की संभावना है क्योंकि हमने उसके लिए 8 जुलाई की आखिरी तारीख तय की है. इस्तीफा देने वाले ऐसे शिक्षकों का आखिरी आंकड़ा उसके बाद ही पता चल पाएगा.’
ऐसे और इस्तीफे आने की संभावना है क्योंकि हमने उसके लिए 8 जुलाई की आखिरी तारीख तय की है. इस्तीफा देने वाले ऐसे शिक्षकों का आखिरी आंकड़ा उसके बाद ही पता चल पाएगा.’
महाजन ने कहा कि फर्जी सर्टिफिकेट रखने वाले जो शिक्षक तय अवधि में इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, उनकी सेवाएं समाप्त हो जाएगी और सरकार उन्हें मिली तनख्वाह और दूसरे भत्ते वसूलेगी.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन नरसिम्हा रेड्डी और सुधीर सिंह की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत पंडित और अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया था.
बिहार में 3.5 लाख से ज्यादा प्राथमिक शिक्षक हैं और जनहित याचिका में बहुत सारे लोगों पर फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया गया. राज्य सरकार पहले ही सतर्कता विभाग को शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता की जांच करने का निर्देश दे चुकी है. सतर्कता विभाग ने 8 डीएसपी और 38 निरीक्षक को इस काम में लगाया है.
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा था कि उसे इस भारी-भरकम काम को पूरा करने में कम से कम तीन-चार महीने लग जाएंगे. उसके बाद कोर्ट ने एक समय सीमा तय कर कहा था कि उसके अंदर अपने आप ही इस्तीफा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी.
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