जमुई। फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध निगरानी द्वारा जांच में सहयोग के लिए बनाए गए नोडल पदाधिकारी ही प्रधान सचिव के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं। विभाग के सख्त निर्देश के बावजूद डीपीओ (स्थापना) महेन्द्र झा द्वारा झाझा प्रखंड अंतर्गत बैजला पंचायत के नवीन प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षिका का प्रतिनियोजन जमुई नगर परिषद क्षेत्र के भोला नगर प्राथमिक विद्यालय में कर दिया गया।
हद तो तब हो गई जब नियोजित पंचायत शिक्षक का एक पंचायत से दूसरे पंचायत में प्रतिनियोजन पर रोक है। डीपीओ ने शिक्षिका को बतौर रेवड़ी नगर परिषद इलाके में प्रतिनियुक्ति कर दी। जबकि निगरानी द्वारा फर्जी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच जारी है। डीपीओ खुद इसके नोडल पदाधिकारी भी हैं। संभावना यह जताई जा रही है कि फर्जीवाड़े को छुपाने के प्रयास में प्रतिनियोजन का खेल खेला गया। डीपीओ स्थापना ने बताया कि विशेष परिस्थिति में प्रतिनियुक्ति किया जा सकता है। विभागीय नियमों के मुताबिक विशेष परिस्थिति में प्रधान सचिव स्तर से अनुमोदन लेना अनिवार्य है। इधर डीपीओ (माध्यमिक शिक्षा) द्वारा भी प्रतिनियोजन किया जा रहा है। प्लस टू कामिनी बालिका परियोजना उच्च विद्यालय के एक शिक्षक को दूसरे विद्यालय में प्रतिनियोजन किया गया। बता दें कि उक्त शिक्षक का दो वर्षो में यह दूसरा प्रतिनियोजन है। बहरहाल प्रतिनियोजन के खेल में वैसे शिक्षक भी शामिल हैं जिनके प्रमाण पत्र जांच के दायरे में है। लेकिन विभागीय पदाधिकारी इससे इतर रेवडि़यों की तरह शिक्षकों का प्रतिनियोजन कर रहे हैं।
बोले अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने कहा कि किए गए सभी प्रतिनियुक्ति को रद किया जाएगा।
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बोले अधिकारी
जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा ने कहा कि किए गए सभी प्रतिनियुक्ति को रद किया जाएगा।
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