विश्वविद्यालयों में वित्तीय अराजकता को खत्म करने की दिशा में ठोस पहल : बिहार शिक्षक नियोजन Latest Updates
पटना :
राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों में वित्तीय अराजकता को खत्म करने की
दिशा में ठोस पहल की है. इसके तहत सबसे पहले करीब 1455 कॉलेज शिक्षकों के
वेतन का सत्यापन कराया जाएगा. ऐसे शिक्षकों का वेतन निर्धारण में गड़बड़ी
का अंदेशा है.
वैसे पूर्व में साढ़े चार हजार कॉलेज शिक्षकों के वेतन का सत्यापन किया
जा चुका है, मगर पूर्व में जिन शिक्षकों ने अपने वेतन का सत्यापन नहीं
कराया है, उन शिक्षकों के विरुद्ध सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया है.
इस संबंध में वेतन सत्यापन कोषांग के एक अधिकारी ने बताया
कि वेतन सत्यापन में दिलचस्पी नहीं लेने वाले ज्यादातर शिक्षक अंगीभूत
कॉलेजों से संबंधित हैं और ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 1985-86 के बाद
हुई है.
बहरहाल, शिक्षा विभाग ने संबंधित शिक्षकों को वेतन सत्यापन
कराने की हिदायत देते हुए संबंधित विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत
महाविद्यालयों को पत्र लिखा है. शिक्षा विभाग की जांच में यह स्पष्ट हुआ है
कि विश्वविद्यालयों में 20 फीसद ऐसे शिक्षक और कर्मचारी हैं, जो मान्य
वेतन से अधिक पाते आ रहे हैं या उनके वेतन निर्धारण में खामियां हैं.
शिक्षा विभाग का मानना है कि अंगीभूत महाविद्यालयों में 80
फीसद शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन निर्धारण ही सही है, मगर 20 फीसद
ऐसे शिक्षक और कर्मचारी हैं जिनके वेतन निर्धारण में गड़बड़ी व्याप्त है.
विभाग का मकसद वेतन निर्धारण में व्याप्त खामियों को
दुरुस्त करना है, ताकि विश्वविद्यालयों में वित्तीय अराजकता को खत्म किया
जा सके. इसका मकसद उच्च शिक्षण संस्थानों में वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शी
लाना भी है.
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