राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को अपनी बैठक में सूबे के कई अनुमंडलीय व व्यवहार
न्यायालयों में 299 नए पदों के सृजन को मंजूरी प्रदान की। इसके अतिरिक्त
नियोजन से संबंधित कुछ और फैसले लिए गए।
न्यायमंडल अरवल के लिए वर्ग तीन एवं वर्ग चार के लिए 169 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। न्यायमंडल सिवान के अधीन महाराजगंज अनुमंडलीय न्यायालय के लिए वर्ग तीन एवं वर्ग चार कोटि के 57 पदों, पूर्वी चंपारण के अधीन सिकरहना अनुमंडलीय न्यायालय के लिए वर्ग 3 एवं वर्ग 4 कोटि के अराजपत्रित कर्मचारियों के 36 पदों के सृजन को तो पटना उच्च न्यायालय के लिए कोर्ट मैनेजर के दो तथा राज्य के 35 व्यवहार न्यायालयों के लिए सिटी कोर्ट मैनेजर के 35 पदों के स्थायी सृजन को मंजूरी दी गयी।
न्यायिक पदाधिकारियों को दफ्तर में मिल रही बेस फोन की सुविधा खत्म करते हुए उन्हें इसकी जगह मोबाइल फोन दिए जाने का फैसला किया गया है।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन, प्रतियोगिताओं में राज्यदल की सहभागिता सुनिश्चित कराने व खेल संघों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी। इस पैसे से जरूरतमंद खिलाड़ियों के लिए खेल के उपकरण भी खरीदे जाएंगे।
- पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के अंकेक्षण के लिए स्थानीय निधि अंकेक्षण निदेशालय के गठन को मंजूरी।
- हाईकोर्ट के निर्देश के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग में पूर्व से प्रतिनियुक्त बिस्कोमान के अभियंताओं के सेवा समायोजन को स्वीकृति।
- केंद्र प्रायोजित स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) योजना को सभी नगर निकायों में लागू करने को स्वीकृति।
- हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड आग्यूमेंटशन योजना को गया एवं बोधगया में लागू करने को मंजूरी।
- बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन में संविदा पर कार्यरत 25 कर्मियों की सेवा अगले एक वर्ष तक विस्तारित करने को स्वीकृति।
- हज यात्रियों को हज भवन से हवाई अड्डा तक पहुंचाने के लिए 2015-16 तथा 2017-18 के लिए प्रति वर्ष 20 लाख रुपये का अनुदान।
- राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल औरंगाबाद का मुख्यालय पटना की जगह औरंगाबाद करने का फैसला।
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening All Exams Preparations , Strategy , Books , Witten test , Interview , How to Prepare & other details
न्यायमंडल अरवल के लिए वर्ग तीन एवं वर्ग चार के लिए 169 पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। न्यायमंडल सिवान के अधीन महाराजगंज अनुमंडलीय न्यायालय के लिए वर्ग तीन एवं वर्ग चार कोटि के 57 पदों, पूर्वी चंपारण के अधीन सिकरहना अनुमंडलीय न्यायालय के लिए वर्ग 3 एवं वर्ग 4 कोटि के अराजपत्रित कर्मचारियों के 36 पदों के सृजन को तो पटना उच्च न्यायालय के लिए कोर्ट मैनेजर के दो तथा राज्य के 35 व्यवहार न्यायालयों के लिए सिटी कोर्ट मैनेजर के 35 पदों के स्थायी सृजन को मंजूरी दी गयी।
न्यायिक पदाधिकारियों को दफ्तर में मिल रही बेस फोन की सुविधा खत्म करते हुए उन्हें इसकी जगह मोबाइल फोन दिए जाने का फैसला किया गया है।
कैबिनेट के अन्य फैसले
- खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन, प्रतियोगिताओं में राज्यदल की सहभागिता सुनिश्चित कराने व खेल संघों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए डेढ़ करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी। इस पैसे से जरूरतमंद खिलाड़ियों के लिए खेल के उपकरण भी खरीदे जाएंगे।
- पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के अंकेक्षण के लिए स्थानीय निधि अंकेक्षण निदेशालय के गठन को मंजूरी।
- हाईकोर्ट के निर्देश के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग में पूर्व से प्रतिनियुक्त बिस्कोमान के अभियंताओं के सेवा समायोजन को स्वीकृति।
- केंद्र प्रायोजित स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) योजना को सभी नगर निकायों में लागू करने को स्वीकृति।
- हेरिटेज सिटी डेवलपमेंट एंड आग्यूमेंटशन योजना को गया एवं बोधगया में लागू करने को मंजूरी।
- बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन में संविदा पर कार्यरत 25 कर्मियों की सेवा अगले एक वर्ष तक विस्तारित करने को स्वीकृति।
- हज यात्रियों को हज भवन से हवाई अड्डा तक पहुंचाने के लिए 2015-16 तथा 2017-18 के लिए प्रति वर्ष 20 लाख रुपये का अनुदान।
- राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल औरंगाबाद का मुख्यालय पटना की जगह औरंगाबाद करने का फैसला।
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