मुख्यमंत्री ने कहा है की शिक्षकों को वेतन की नहीं पढ़ाई की चिंता होनी चाहिए। अच्छी बात है, पर कोई नयी बात नहीं। हमें भी पता है की शिक्षक का काम पढ़ाना है और उसे वही करना चाहिए।
नितीश जी, आप कहेंगे की ऐसे BEO की पहचान निगरानी को बताइये, पर भ्रष्टाचार तो हर विभाग को दीमक की तरह चाट रहा है। भवन निर्माण के नाम पर प्रधानाध्यापक और ठेकेदार लूट रहे हैं। MDM के नाम पर बच्चों को लूटा जा रहा है। पाठ टीका और समय सारणी के नाम पे शिक्षकों पे दवाब बनाया जा रहा है। ग्रामीण आये दिन हंगामा खड़ा करते रहते हैं क्योंकि उनके बच्चे को छात्र-वृति नहीं मिल पायी , कारण उसके बच्चे की False हाज़िरी नहीं बनायी गयी।
समिति सचिव और अध्यक्ष को तो हरेक कोष में अपना हिस्सा चाइये वरना शिक्षको को ही बलि का बकरा बनाया जाना है। स्कूल गेट पर ही शिक्षकों को रोक कर प्रताड़ित किया जाएगा।
पर फिक्र किसे है और होनी भी क्यों चाइये? आखिर शिक्षक तो कामचोर होता है, मुफ्त की पगार पाता है। है न !
आखिर बिना सम्मान शिक्षक कैसे पढाये?
आखिर बिना वेतन शिक्षक कैसे पढाये?
आखिर गैर शैक्षणिक कार्य करते हुए शिक्षक कैसे पढाये?
राजनीत की शिकार बन कर आखिर शिक्षक कैसे पढाये ?
अपने बच्चे को भूखा रख कर वो आखिर कैसे पढाये?
स-समय सम्मानजनक वेतन की चाहत रखना क्या गुनाह है?
अगर है गुनाह तो नितीश बाबू, हम ये गुनाह हर बार करेंगे।
- सरकार कर रही है सेवा-शर्त के नाम पर नियोजित शिक्षकों के साथ धोखा
- मुख्यमंत्री और उनके अधिकारी और कार्यकर्ता आजकल गंजेड़ी की तरह नशा मे बात करते है
- बेसिक ग्रेड एंव स्नातक ग्रेड के अप्रशिक्षित अथवा प्रशिक्षणरत् शिक्षकों के साथ अपार धोखा है यह सेवाशर्त
- नियोजित शिक्षकों की याचिका पर हाईकोर्ट ने मांगा सरकार से जवाब
- TSUNSS : समान काम, समान वेतन एवम् नियमित शिक्षकों की भांति सेवाशर्त से कम कुछ भी मंजूर नही
नितीश जी, आप कहेंगे की ऐसे BEO की पहचान निगरानी को बताइये, पर भ्रष्टाचार तो हर विभाग को दीमक की तरह चाट रहा है। भवन निर्माण के नाम पर प्रधानाध्यापक और ठेकेदार लूट रहे हैं। MDM के नाम पर बच्चों को लूटा जा रहा है। पाठ टीका और समय सारणी के नाम पे शिक्षकों पे दवाब बनाया जा रहा है। ग्रामीण आये दिन हंगामा खड़ा करते रहते हैं क्योंकि उनके बच्चे को छात्र-वृति नहीं मिल पायी , कारण उसके बच्चे की False हाज़िरी नहीं बनायी गयी।
समिति सचिव और अध्यक्ष को तो हरेक कोष में अपना हिस्सा चाइये वरना शिक्षको को ही बलि का बकरा बनाया जाना है। स्कूल गेट पर ही शिक्षकों को रोक कर प्रताड़ित किया जाएगा।
पर फिक्र किसे है और होनी भी क्यों चाइये? आखिर शिक्षक तो कामचोर होता है, मुफ्त की पगार पाता है। है न !
आखिर बिना सम्मान शिक्षक कैसे पढाये?
आखिर बिना वेतन शिक्षक कैसे पढाये?
आखिर गैर शैक्षणिक कार्य करते हुए शिक्षक कैसे पढाये?
राजनीत की शिकार बन कर आखिर शिक्षक कैसे पढाये ?
अपने बच्चे को भूखा रख कर वो आखिर कैसे पढाये?
स-समय सम्मानजनक वेतन की चाहत रखना क्या गुनाह है?
अगर है गुनाह तो नितीश बाबू, हम ये गुनाह हर बार करेंगे।
- एक सप्ताह के अंदर नियोजित शिक्षकों के सेवाशर्त को लागू कर दिया जायेगा
- Photo : समान काम समान वेतनमान पाने के लिए शिक्षको का हो गया संघर्ष की शंखनाद
- टेट-एसटेट उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ की एकसूत्री मांग
- आम शिक्षक चौपाल मांग- समान वेतनमान व् समान सेवा शर्तएक मात्र उद्देश्य
- अब बस या तो सहायक शिक्षक का दर्जा या हडताल एवं अनिश्चितकालीन तालाबंदी
- क्यों न हो हर कक्षा से पहले मास्टर जी की हाजिरी
- शिक्षकों को सीएम नीतीश का दो टूक, "पढ़ाने का कार्य शिक्षक ठीक से करें
- प्रशिक्षण से सम्बंधित विभिन्न समस्याओं को लेकर कई पदाधिकारियों से मिला Tsunss